Rescue from incurable disease

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लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

मोटापा कम करने के लिए विश्व मे धाक जमानेवाली- आयुर्वेदिक ओषधि।


 मोटापा कम करने के लिए विश्व मे धाक जमानेवाली- आयुर्वेदिक ओषधि। 
--डॉ.मधु सूदन व्यास   
वजन घटाने ओर भूख को नियंत्रित  करने के लिए जिस आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का अचानक महत्व बड़ा हे ओर कई नामी डाक्टर भी जिसकी ओर आकर्षित हुए हें वह हेव्रक्षाम्ला [Vrikshamla] या व्रक्ष+आंवला Garcinia Cambogia ओर Garcinia Indica जिसे दक्षिण भारत कोकम भी कहा जाता हे, ओर खाने मे खटाई की तरह उपयोग किया जाता हे।
वर्तमान मे कई नामी कंपनियों द्वारा भूख ओर मोटापे को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग किया जा रहा हे। हिमालया का '' व्रक्षाम्ला केपसूल'' फाइटो फार्म का ''गारसिनी केपसूल'' ओर भी कई आयुर्वेदिक फार्मेसियों द्वरा इसका अपने अपने नामो से विक्रय किया जा रहा हे। नेट पर सर्च करें तो हमे कई देशो में इस उत्पादन खरीदने बेचने के विज्ञापन मिल जाएंगे। वजन कम करने वाले सारे उत्पादन इसी पर बन रहे हें जिनकी कीमत हजारों रुपए में हे।
केसे काम करती हेयह ओषधि?
शोधो में पाया गया की इसके प्रयोग पेट में हाइड्रोसाइट्रिक एसिड [HCA] बनता हे। यह HCA न केवल पाचन बड़ाने मददगार होता हे बल्कि इसकी उपस्थिती सामान्य भोजन खाने के बाद भी व्यक्ति स्वयं को संतुष्ट महसूस करने लगता हे। इससे अधिक खाना खाने की इच्छा कम हो जाती हे। यही प्रक्रिया वजन घटाने में सहायक होती हे। यही नहीं इस प्रकार से होने वाली प्राक्रतिक पाचन क्रिया ह्रदय रोगो को रोकने में मदद करती हे। इसका असर वसा को शरीर में एकत्र होने से भी रोकता हे। यह फैटी एसिड संश्लेषण, lipogenesis, भोजन का सेवन को कम करवा कर वजन घटाते हें। यह एक suppressant के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसमें अवशोषण और वसा कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के संश्लेषण को बाधित हो जाने से होता हे।
  बहुत क्रियाशील हर्बल
उपरोक्त इस प्रक्रिया ने इसे एक बहुत क्रियाशील हर्बल दवा बना दिया है।  यह एक अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त सभी दुनिया भर में वसा जलने की एजेंट बन गया हे और वर्तमान में अमेरिका, जापान, यूरोप और कई अन्य पश्चिमी देशों में एक लोकप्रिय होता जा रहा है। सभी देशो में इसका प्रयोग परहेज़, व्यायाम, और संतुलित पोषण आहार, के साथ उपयोग किए जाने का सुझाव दिया है.
इससे अन्य लाभ भी होते हें यह कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन और triglicerides के गठन को कम करती है, Garcinia lipids और फैटी एसिड के संश्लेषण को रोकता है। यह ग्लाइकोजन के संश्लेषण को बढ़ावा देने और दिमाग को यह संकेत भेजती हे की पर्याप्त भोजन खाया गया है। इसके सेवन से  विटामिन सी या ascorbic एसिड के महत्वपूर्ण मात्रा की पूर्ति भी होती हे। इसी लिए इसे एक दिल टॉनिक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। Garcinia lipids, शरीर में वसा और कोलेस्ट्रॉल के विरूद्ध एक कुशल एजेंट है।
ओषधि परिचय
इसका वानस्पतिक नाम [Botanical name] Garcinia gummi gutta या Garcinia Indica अन्य देशो में इसकी प्रजाति Garcinia Cambogia उपयोग की जाती हे। यह Clusiaceae- Family वनस्पति हे । संस्कृत में व्रक्षाम्ला [Vrikshamla] कहते हें क्षेत्रीय भाषा में कोकम, Kudampuli, Kudappuli, Marappuli [मलयालम]
आदि काई नामो से जाने जाने वाली यह ओषधि आयुर्वेदिक द्रष्टि से  स्वाद में अम्ल या खट्टी, गुण में गुरु, स्निग्धा, ओर उष्ण वीर्य या गर्म होती हे।
इसके बड़े आकार सदाबहार वृक्ष एक मध्यम ऊंचाई में 40 मीटर तक हो सकते हें।  इसके पत्ते सरल, विपरीत, ovate, तीव्र और चमक युक्त होते हें। नर ओर मादा लिंगीय फूल अलग अलग पेड़ में पाया जाता हे।  फल 6-8 धारी वाले 6-8 बीज से युक्त गूदे या लुगदी से ढके होते हें। इसके व्रक्ष जंगली रूप में या खेती के रूप में में लगाए जाते हें
ओषधिया उपयोगी भाग-पत्तियां, सूखे फल, फलो से तेल निकलता हे वह भी खट्टा होता हे।
गोआ के अत्तार इसके फल से बहुत अच्छा शर्वत तैयार करते हें, जो पित्त को शांत करता हे।
शरीर के वजन को कम करने के लिए यह जानना जरूरी हे की वजन बड़ाने के कारणो पर भी नियंत्रण करना जरूरी होता हे। ओषधि तो अपना काम करती ही हें, यदि सहयता मिल जाए तो चिकित्सा आसान हो जाती हे।
मोटापे के महत्वपूर्ण कारणों में से एक यह हे की हर साम्य कुछ कुछ खाते रहने।  फास्ट फूड, तला हुआ भोजन, बिना कोई व्यायाम किए रहना अधिक आराम, बेठ कर काम करने की आदत, अधिक सोना, पेय आदि का अत्यधिक सेवन।  यदि आप अत्यधिक वजन से छुटकारा प्राप्त करना चाहते हैं आप के लिए यह जरूरी हे की जीवन शैली में परिवर्तन कर लें।  इन सबके साथ यदि आप Vrikshamla का चूर्ण या घनसत्व से बने केपसूल का प्रयोग करते हें तो चमत्कारिक रूप से बिना कमजोरी वजन कम कर सकेंगे।
इसका प्रयोग निम्न विधि से किया जा सकता हे ।
  1. बाज़ार में उपलब्ध इसके घन सत्व से बने एक से दो केपसूल पानी से लें ।
  2. फल का चूर्ण बना कर पानी में मथ कर रख दें कुछ देर बाद में पिये ।
  3. चूर्ण सीधे 2-3 ग्राम तक खाया जा सकते हे।
प्रति दिन भोजन से पूर्व यदि 3-4 गोली मेदो हर गुगलू या नवक गुगलू शिलाजीत के साथ या शिलाजीत की गोली के साथ लिया जाए तो अधिक चमत्कारी परिणाम मिल सकते हें।
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समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें|

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