Rescue from incurable disease

Rescue from incurable disease
लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

हाइपोथायरायडिज्म-थायरॉयड हॉर्मोन का अपर्याप्त उत्पादन |


हाइपोथायरायडिज्म-थायरॉयड हॉर्मोन का अपर्याप्त उत्पादन|
चिकित्सा के छात्रों सहित सामान्य जन के लिए भी उपयोगी लेख।
मनुष्य के शरीर में, शरीर की समस्त व्यवस्था  के सञ्चालन हेतु कई ग्रंधियाँ होती हें इन्ही ग्रथियों से विभिन्न हारमोंस या रस निकलकर उनके कार्य करते हें । किसी भी ग्रंथि की अतिसक्रियता या अधिक उत्पादन हाईपर ,(हाइपरथायरायडिज्‍़म: )। एवं कम उत्पादन को हाइपो के नाम से समझा जा सकता हे। 

हाइपोथायरायडिज्म मनुष्य  में थायरॉयड ग्रंथि से थायरॉयड हॉर्मोन के अपर्याप्त उत्पादन के कारण होने वाली रोग की अवस्था हे,या रोग (विकार) हे,   (अवटुवामनता (Cretinism) भी हाइपोथायरायडिज्म का ही एक रूप है जो छोटे बच्चों में पाया जाता है।)
जनसंख्या का लगभग तीन प्रतिशत भाग हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित है.। 
 कुछ कारण जैसे आयोडीन की कमी होना होता हे।
हाइपोथायरायडिज्म प्रसव पश्चात थायरोडिटिस (postpartum thyroiditis) के परिणामस्वरूप भी हो सकता है, यह एक ऐसी स्थिति है जो लगभग 5% महिलाओं को बच्चे को जन्म देने के बाद एक वर्ष के भीतर प्रभावित करती है।
हाइपोथायरायडिज्म कभी कभी आनुवंशिकी के परिणामस्वरूप भी होता है, कभी कभी यह गुणसूत्र (autosomal) पर अप्रभावी लक्षण (recessive) के रूप में भी पाया जा सकता हे।
लक्षण

प्रारम्भिक लक्षण  (वयस्कों में, हाइपोथायरायडिज्म होने पर निम्नलिखित लक्षण होते हें।)
  • मांसपेशियों की कार्य क्षमता की कमी (मस्कुलर  हाइपोटोनिया)
  • थकान ।
  • सर्दी (कोल्ड)को सहन करने की क्षमता में कमी, सर्दी के प्रति बहुत अधिक संवेदनशीलता का होना, या ठण्ड नहीं सहन हो पाना।
  • मानसिक डिप्रेशन या अवसाद।
  • मांसपेशियों में अकड़न और जोड़ों में दर्द।
  • गलगंड (Goiter)गले की रस वाहनियों में सुजन से बढना |
  • अंगुलियों के नाखुन पतले और भंगुर (आसानी से टूटने वाले)हो जाना ।
  • पतले, भंगुर (आसानी से टूटने वाले) बाल।
  • शरीर या चेहरे पर पीलापन।
  • पसीना कम आना।
  • शुष्क, खुजली वाली त्वचा का होना।
  • वजन का बढ़ जाना और प्यास अधिक लगाना ।
  • ब्रेडीकार्डिया (Bradycardia) (ह्रदय धडकन  कम होना-प्रति मिनट साठ धड़कन से कम)
  • कब्ज (शोच  कम या नहीं जाना )
  • रोग के बड़ने के साथ अन्य लक्षण भी आ जाते हें।
  • धीमी आवाज और एक कर्कश और टूटती हुई आवाज (हकलाहट) आवाज में गहराई या भारीपन भी देखी जा सकती है।
  • शुष्क फूली हुई त्वचा, विशेष रूप से चेहरे पर।
  • भौहों के बाहरी तीसरे हिस्से का पतला होना, (हेर्टोघ (Hertoghe) का चिन्ह)
  • महिलाओं में असामान्य मासिक चक्र हो जाना।
  • शरीर के आधारभूत तापमान में कमी
  • कभी कभी कुछ और लक्षण भी पाए जा सकते हें।
  • याददाश्त कमजोर होना स्मरण शक्ति कम हो जाना।
  • सोचने-समझने की क्षमता  का कमजोर होना (दिमाग में धुंधलापन) और असावधानी या बार बार भूलें होना।
  •  ह्रदय दर का धीमा होना, जिसमें कम वोल्टेज के संकेत शामिल हैं. कार्डियक आउटपुट का कम होना और संकुचन में कमी। यह लक्षण चिकित्सक ECG से जान लेता हे।
  •  खाने के बाद भी ग्लूकोज की कमी ( हाइपो ग्लाईसिमिया )
  • शरीर के प्रतिक्रियाओं (रिफ्लेक्स) का धीमा और सुस्त होना। या कोई भी प्रतिक्रिया देरी से होना।
  • बालों का झड़ना।
  • अनुपयुक्त हीमोग्लोबिन संश्लेषण के कारण एनीमिया (रक्ताल्पता) आंतों में लौह तत्व या फोलेट का अनुपयुक्त अवशोषण या B 12 की कमी  पर्निशियस एनीमिया (प्राणाशी रक्ताल्पता) के कारण.
  • निगलने में कठिनाई
  • सांस का छोटा होना और एक उथला और धीमा श्वसन ।
  • नींद की अधिकता।
  • चिड़चिड़ापन और मूड अस्थिर रहना
  • त्वचा का पीला पड़ना-बीटा-कैरोटिन के विटामिन A में ठीक प्रकार से रूपांतरित न होने के कारण ।
  • वृक्क (किडनी) के असामान्य कार्य और GFR में कमी।
  • सीरम कोलेस्ट्रॉल के स्तर का बढ़ना।
  • तीव्र मानसिकता (मिक्सेडेमा मेडनेस (myxedema madness)) हाइपोथायरायडिज्म का एक कभी कभी पाए जाने वाला रूप है।
  • वृषण (टेस्टीकल्स ) से कम मात्रा में टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन के कारण कामेच्छा (सेक्स) में कमी।
  • स्वाद और गंध को समझने में भूल या कमी (एनोस्मिया)
  • फूला हुआ चेहरा, हाथ और पैर (देर से प्रकट होने वाले, सामान्य लक्षण होते हें।)
नैदानिक परीक्षण
प्राथमिक हाइपोथायरायडिज्म के निदान के लिए, थायरॉयड उद्दीपक हॉर्मोन (TSH) का जाँच करते हैं। TSH के उच्च स्तर बताता हे की थायरॉयड ग्रंथि थायरॉयड हॉर्मोन का पर्याप्त उत्पादन नहीं कर रही है (मुख्य रूप से थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3)) की कम मात्रा. हालांकि, TSH का मापन द्वितीयक (सेकेण्ड स्टेज) और तृतीयक(थर्ड स्टेज) हाइपोथायरायडिज्म का पता लगाने में असफल रहता है । 
 यदि TSH सामान्य है और फिर भी हाइपोथायरायडिज्म का संदेह है तो निम्न परीक्षणों की सलाह दी जाती है:
फ्री ट्राईआयोडोथायरोनिन (fT3)/ फ्री  लेवोथायरोक्सिन (fT4) / total T3  / total  T4
इसके अतिरिक्त, निम्नलिखित जाँच  की आवश्यकता भी हो सकती है।
24 घंटे यूरीन ( फ्री f T3)
एंटीथायरॉयड (प्रतिरक्षी-स्व प्रतिरोधी रोगों)  के लिए जो संभवतया थायरॉयड ग्रंथि को क्षति पहुंचा रहें हैं.
सीरम कोलेस्ट्रॉल - जिसकी मात्रा हाइपोथायरायडिज्म में बढ़ सकती है।
प्रोलेक्टिन -पीयूष के कार्य के लिए व्यापक रूप से उपलब्ध परीक्षण के रूप में।
एनीमिया के लिए परीक्षण,( फेरीटिन सहित)
शरीर के तापमान का  रिकार्ड।
उपचार
(देखें - थायराइड के लिए अश्वगंधा(असगंध))
हाइपोथायरायडिज्म का उपचार थायरोक्सिन (L-T4) ट्राईआयोडोथायरोनिन (L-T3) के साथ किया जाता है. इसके लिए गोलियां उपलब्ध हैं । अतिरिक्त थायरॉयड हॉर्मोन की आवश्यकता के समय मरीजों को इनकी सलाह दी जाती है. थायरॉयड हार्मोन को दैनिक रूप से लिया जाता है।  
चिकित्सक सही खुराक को बनाये रखने के लिए रक्त के स्तर पर नियंत्रण रखना होता हे।
 थायरॉयड प्रतिस्थापन थेरेपी में कई अभी कई जानकारियों का अभाव हे। पर शोध जारी हे।
वर्तमान में अन्तः स्रावी विशेषज्ञ  हैरान हैं क्योंकि TSH आमतौर पर बढ़ता है जब T4 और T3 के स्तर गिर जाता  हैं. TSH थायरॉयड ग्रंथि को और अधिक हार्मोन बनाने के लिए के लिए प्रेरित करता है. अन्तः स्रावी वैज्ञानिक इस बात के लिए सुनिश्चित नहीं हैं कि थायरायडिज्म कोशिकाओं की उपापचय(मेटाबोलिक) दर को कैसे प्रभावित करता है (और अंततः शरीर के अंगों को) क्योंकि सक्रिय हॉर्मोनों के स्तर उपयुक्त होते हैं।
 कुछ लोगों ने माना हे, की हाइपोथायरायडिज्म का ईलाज लेवोथायरोक्सिन से किया जा सकता है, यह हाइपोथायरायडिज्म के लिए यह एक प्रारूपिक उपचार हो सकता है, लेकिन इसके लाभ या नुकसान स्पष्ट नहीं हैं। 
अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ़ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलोजिस्ट (ACEE) 0.45–4.5 mIU/L की सलाह देते हैं, जब इसकी रेंज नीचे 0.1 तक और ऊपर 10 mIU/L तक हो, इसके लिए नियंत्रण की आवश्यकता  है, उपचार की नहीं। 
 हाइपोथायरायडिज्म में जरुरत से ज्यादा उपचार देने में हमेशा जोखिम रहता है।अत:  सावधान रहना भी जरुरी हे।
------------------------------------------------------------------------------------------------------
समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें|

हाइपरथाइराडिज़्म- अर्थात अवटुग्रंथि(थाइराड) की अधिक सक्रियता।


अवटुग्रंथि(थाइराड)
 हाइपरथाइराडिज़्म- अर्थात  अवटुग्रंथि(थाइराड) की अधिक सक्रियता।

इसके कारण निम्नलिखित हैं-
  • ग्रेव बीमारी(Graves' disease) में पूरा अवटु या थाइराड ग्रंथि अति सक्रिय हो जातीं  है । इसमें थाइराड ग्रंथि के नोड्यूल्स अति सक्रिय हो जाते है।जिससे  अधिक हार्मोन बनाने लगता है
  • थाइरोडिटिस अर्थात ग्रंथि में सुजन यह भी एक ऐसी बीमारी है जो  दर्द सहित या रहित हो भी सकती हे।  ऐसा भी हो सकता है कि अवटुग्रंथि(थाइराड) के स्टोर्ड हार्मोन बाहर आने लगें, जिससे कुछ सप्ताह या महीनों के लिए हाइपरथारोडिज़्म की बीमारी हो जाए। दर्दरहित थाईरोडिटिस अक्सर प्रसव के बाद महिला में पाया जाता है।
 आयोडिन की अधिकता कई औषधियों में मिलती हे,इससे भी किसी-किसी में  थाइराड ग्रंथि या तो बहुत अधिक (हाइपरथायरोडिज़्म) या फिर बहुत कम ( हाइपोथायरायडिज्म-) हार्मोन बनाने लगती है।यह उन ओषधियों का साईड इफेक्ट भी कहा जा सकता हे। जो सामन्यतय ओषधि बंद कर देने पर ठीक हो जाता हे 
हाइपरथायरोडिज़्म या हरमोंन  की अधिकता होने पर निम्न लक्षण हो सकते हें।
  • चिड़-चिड़ापन/अधैर्यता
  • मांस-पेशियों में कमजोरी/कंपकपीं
  • मासिक-धर्म अक्सर न होना या बहुत कम होना
  • वजन घटना
  • नींद ठीक से न आना
  • अवटुग्रंथि का बढ़ जाना
  • आंख की समस्या या आंख में जलन
  • गर्मी के प्रति संवेदनशीलता
यदि अवटुग्रंथि की बीमारी जल्दी पकड़ में आ जाती है, तो लक्षण दिखाई देने से पहले उपचार से यह ठीक भी हो सकती  है। अवटुग्रंथि जीवन भर रहती है। ध्यानपूर्वक इसके प्रबंधन से अवटुग्रंथि (थाइराड) से पीड़ित रोगी अपना जीवन स्वस्थ और सामान्य रूप से जी सकते हैं।
(देखें - थायराइड के लिए अश्वगंधा(असगंध))
थायराइड हार्मोन के बारे में कुछ और बातें ।

 थायराइड हार्मोन कोशिकाओं के सामान्य कार्य के लिए महत्वपूर्ण है। शरीर में प्रक्रियाओं की गति की एक नियंत्रक के रूप में थायराइड हार्मोन कार्य करता है। इस गति को मेटाबोलिक दर (चयापचय) कहा जाता है।   थायराइड हार्मोन एक सेलुलर स्तर पर तो महत्वपूर्ण होता ही है, साथ ही शरीर में लगभग हर प्रकार की टिसुज (ऊतक )  प्रभावित भी करता हें।
यह हारमोंन शरीर के हर कार्य को गति देता हे, अगर वहाँ बहुत ज्यादा थायराइड हार्मोन है, तो गतिशीलता की अधिकता से (hyperthyroidism के लक्षणों में से कुछ) जेसे  घबराहट, चिड़चिड़ापन, वृद्धि पसीना, दिल रेसिंग, हाथ कांपना, चिंता, सोने में कठिनाई, त्वचा के रुक्षता, ठीक भंगुर(टूटने वाले) बाल, और ऊपरी भाग और जांघों में मांसपेशियों में कमजोरी, विशेष रूप से हो सकता है।
 लगातार आंत्र में ऐठन सी अनुभूति होती हैं, दस्त असामान्य हो सकता है।
 अच्छी भूख के बावजूद वजन में कमी हो सकती हे । कभी कभी  उल्टी होती है।  महिलाओं के लिए मासिक धर्म प्रवाह हल्का और माहवारी अक्सर कम होने की शिकायत भी हो सकती हे।

Hyperthyroidism या हरमोंन  की अति सक्रियता आमतौर पर धीरे धीरे शुरू होती  है।प्रारम्भ में साधारण लक्षण -तनाव के कारण घबराहट,जेसी स्तिथि। कमजोरी सी (वजन घटने से)जेसी अन्य समस्याओं का कारण बनता है.
प्रमुख नैदानिक ​​लक्षण वजन कमी  (अक्सर भूख-वृद्धि  के साथ), चिंता, गर्मी असहिष्णुता, बालों के झड़ने, मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, थकान, सक्रियता, चिड़चिड़ापन, हाइपोग्लाइसीमिया , उदासीनता, बहुमूत्रता, प्रलाप, कंपन ( pretibial myxedema,) और पसीना आदी है।
 इसके अलावा, रोगियों धडकन (palpitations) सांस की तकलीफ (dyspnea), कामेच्छा में कमी,अनार्तव ( amenorrhoea,) मिचली, उल्टी, दस्त अदि प्रमुख हें।
लंबी अवधि के हरमोंन ब्रद्धि ( hyperthyroidism) से ऑस्टियोपोरोसिस जेसी रोग भी आ सकते हें।

स्नायविक समस्याएं जेसे  कांपना, कोरिया, मायोपथी, और कुछ अतिसंवेदनशील व्यक्तियों में (विशेष रूप से एशियाई मूल के) आवधिक पक्षाघात भी इसके कारण हो सकता हे।
-----------------------------------------------------------------------------------------------------------

समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें|
आज की बात (28) आनुवंशिक(autosomal) रोग (10) आपके प्रश्नो पर हमारे उत्तर (61) कान के रोग (1) खान-पान (69) ज्वर सर्दी जुकाम खांसी (22) डायबीटीज (17) दन्त रोग (8) पाइल्स- बवासीर या अर्श (4) बच्चौ के रोग (5) मोटापा (24) विविध रोग (52) विशेष लेख (107) समाचार (4) सेक्स समस्या (11) सौंदर्य (19) स्त्रियॉं के रोग (6) स्वयं बनाये (14) हृदय रोग (4) Anal diseases गुदरोग (2) Asthma/अस्‍थमा या श्वाश रोग (4) Basti - the Panchakarma (8) Be careful [सावधान]. (19) Cancer (4) Common Problems (6) COVID 19 (1) Diabetes मधुमेह (4) Exclusive Articles (विशेष लेख) (22) Experiment and results (6) Eye (7) Fitness (9) Gastric/उदर के रोग (27) Herbal medicinal plants/जडीबुटी (32) Infectious diseaseसंक्रामक रोग (13) Infertility बांझपन/नपुंसकता (11) Know About (11) Mental illness (2) MIT (1) Obesity (4) Panch Karm आयुर्वेद पंचकर्म (61) Publication (3) Q & A (10) Season Conception/ऋतु -चर्या (20) Sex problems (1) skin/त्वचा (26) Small Tips/छोटी छोटी बाते (69) Urinary-Diseas/मूत्र रोग (12) Vat-Rog-अर्थराइटिस आदि (24) video's (2) Vitamins विटामिन्स (1)

चिकित्सा सेवा अथवा व्यवसाय?

स्वास्थ है हमारा अधिकार १

हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|

निशुल्क परामर्श

जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

चिकित्सक सहयोगी बने:
- हमारे यहाँ देश भर से रोगी चिकित्सा परामर्श हेतु आते हैं,या परामर्श करते हें, सभी का उज्जैन आना अक्सर धन, समय आदि कारणों से संभव नहीं हो पाता, एसी स्थिति में आप हमारे सहयोगी बन सकते हें| यदि आप पंजीकृत आयुर्वेद स्नातक (न्यूनतम) हें! आप पंचकर्म चिकित्सा में रूचि रखते हैं, ओर प्रारम्भ करना चाह्ते हैं या सीखना चाह्ते हैं, तो सम्पर्क करेंं। आप पंचकर्म केंद्र अथवा पंचकर्म और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे अर्श- क्षार सूत्र, रक्त मोक्षण, अग्निकर्म, वमन, विरेचन, बस्ती, या शिरोधारा जैसे विशिष्ट स्नेहनादी माध्यम से चिकित्सा कार्य करते हें, तो आप संपर्क कर सकते हें| सम्पर्क समय- 02 PM to 5 PM, Monday to Saturday- 9425379102/ mail- healthforalldrvyas@gmail.com केवल एलोपेथिक चिकित्सा कार्य करने वाले चिकित्सक सम्पर्क न करें|

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

स्वास्थ /रोग विषयक प्रश्न यहाँ दर्ज कर सकते हें|

Accor

टाइटल

‘head’
.
matter
"
"head-
matter .
"
"हडिंग|
matter "