Rescue from incurable disease

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लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

पुरूषों में मुंहासे


    पुरूषों की त्वचा महिलाओं की त्वचा से बहुत अलग होती है, क्योंकि यह मोटी होती है और इसमें कनेक्टिव टिश्यूज (कोलेजेन और इलास्टिन) की ज़्यादा तादाद इसे अधिक मज़बूत और लोचदार बनाती है। ऑयली त्वचा और बड़े रंध्रों वाली त्वचा वाले पुरूषों की त्वचा पर एक्ने की समस्याएं ज़्यादा हो सकती हैं क्योंकि रंध्र सीबम(गंदगी) और मैल से जाम हो जाते हैं। चूंकि पुरूष अपने फेस पर शेविंग का नियमित रूटीन अपनाते हैं इससे त्वचा पर अतिरिक्त खिंचाव पड़ता है जिससे इरिटेशन, ड्राइनेस और सेंसिविटी उत्पन्न होती है। इनग्रोन हेयर्स और रेजर बम्पिंग की समस्याएं भी आम पाई जाती हैं। लिहाजा पुरूषों को भी बेसिक्स से शुरू करते हुए एक त्वचा केयर रूटीन अपनाने की ज़रूरत होती है।
चूंकि पुरूषों की त्वचा महिलाओं की अपेक्षा 20 परसेंट ज़्यादा ऑयली होती है और इसमें बड़े रंध्र होते हैं जिससे इरप्शन्स होने की संभावना भी ज़्यादा होती है इसलिये शुरूआत करने के लिये किसी अच्छे क्लींजर का इस्तेमाल ज़रूरी है। फेश वॉश या लिक्विड क्लींजर केवल महिलाओं के लिये ही नहीं बल्कि पुरूषों के लिये भी होते हैं और इनका इस्तेमाल कहीं से भी आपकी मर्दानगी को घटाता नहीं। सोप बार आपकी त्वचा पर ड्राइ इफेक्ट उत्पन्न कर सकते हैं खासकर यदि आपकी त्वचा ड्राइ प्रकार की है तो ऐसे सोप बार फायदेमंद हो सकते हैं जिनमें माइश्चराईजिंग के तत्व हों। ग्लाईकोलिक एसिड या लैक्टिक एसिड, सैलिसिलिक एसिड या बेंजाईल पैराक्साईड वाला क्लींजर ज़्यादा फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इनमें एन्टिबैक्टीरियल गुणों के अलावा डीप पोर क्लीनिंग के लिये एक्सफॉलिएटिंग गुण भी होते हैं।
पुरूषों को अपनी त्वचा माइश्चराईज्ड रखने की कोशिश करनी चाहिये क्योंकि शेविंग से त्वचा ड्राइ हो जाती है। आपकी त्वचा की माइश्चराईजिंग एक त्वचा प्रकार से दूसरे के अनुसार अलग हो सकती है जबकि ऑयली त्वचा प्रकार के लोग माईश्चराईजर के बजाय किसी टोनर का इस्तेमाल कर सकते हैं ड्राइ त्वचा को हैवी ड्यूटी मॉइश्चराईज़र की ज़रूरत होती है। नार्मल त्वचा पर लाइट माईश्चराईजर उपयोग किया जा सकता है। किसी अल्फा-हाईड्रॉक्सी एसिड जैसे कि ग्लाईकोलिक एसिड या सैलिसिलिक एसिड वाला माईश्चराईजर त्वचा टोन और क्वॉलिटी बेहतर करने में मददगार साबित होता है।
त्वचा और हेल्थ केयर का अन्य ज़रूरी हिस्सा है सन प्रोटेक्शन जिसे किसी भी कीमत पर उपेक्षित नहीं किया जाना चाहिये। धूप में ओवर एक्सपोजर न केवल त्वचा को डैमेज करता है बल्कि त्वचा कैंसर का खतरा भी उत्पन्न करता है। पर्याप्त एसपीएफ सुरक्षा वाली सनस्क्रीन का उपयोग किया जाना चाहिये और लेबल पर दिये निर्देशों के अनुसार इसको दोबारा लगायें। 30 एसपीएफ वाली सनस्क्रीन, जो यूवीए और यूवीबी दोनों किरणों को ब्लॉक करती हो, उपयोग की जा सकती है। पूरे कपडे पहनना और सनग्लॉसेज इस्तेमाल करना सन प्रोटेक्शन के अन्य उपाय हैं।

शेविंग ज़्यादातर पुरूषों की दैनिक दिनचर्या में शामिल रहती है और इस काम को करते समय इनग्रोन हेयर्स के कारण कई कट् या रेजर बम्प लग जाते हैं। यदि शेविंग से आपकी त्वचा पर जलन होती है तो इसके लिये आपका रेजर दोषी हो सकता है। इलेक्ट्रिक और मैनुअल दोनों मेल के रेजरों की अपनी खूबियां और कमियां होती हैं और इनको प्रयोग करने से पहले इनका मूल्यांकन अवश्य कर लेना चाहिये। मैनुअल रेजर से क्लोजर शेव बनती है क्योंकि ब्लेड त्वचा के नजदीक पहुंचते हैं जो त्वचा इरिटेशन की वजह बन सकते हैं। यदि आपको अक्सर रेजर बम्प होते हैं तो इलेक्ट्रिक रेजर का उपयोग कर सकते हैं जिससे क्लोज शेव नहीं मिलती लेकिन यह त्वचा को समान रूप से इरिटेट कर सकता है क्योंकि यह बालों को "खींचता" है। जो आपके लिये कारगर हो उसे इस्तेमाल करें। आपकी शेविंग दिनचर्या में क्लीन्ज के लिये, प्री-शेव इस्तेमाल के लिये, शेविंग, टोनिंग और माइश्चराईजिंग के लिये बाजार में अनेक शेविंग प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं। शेविंग करने से इरिटेशन फ्री त्वचा पाने के लिये पहले फेश वॉश का इस्तेमाल करें जिसके बाद प्री-शेव ऑयल का उपयोग करने से आपकी दाढ़ी सॉफ्ट होकर फेशियल त्वचा को सुरक्षा मिलती है और क्लोज शेव मुमकिन होती है। शेव करने के बाद ऑफ्टर केयर रूटीन में किसी ऑफ्टर शेव से टोन-अप करना और हल्के मॉइश्चराईज़र का प्रयोग करना ज़रूरी है। एल्कोहल वाले ऑफ्टर शेव से बचें। एलोवेरा युक्त लोशन या विटामिन ई युक्त सूदिंग ऑफ्टरशेव का इस्तेमाल करें ताकि इरिटेटेड त्वचा को राहत मिल सके।

  • यदि चेहरे पर मुंहासों जैसे ढेर सारे दाने पास-पास और गुच्छे की शक्ल में हों और बहुत दिनों तक बने रहें तो सावधान हो जाइए। यह एक्ने हो सकता हे। 

देखें --  एक्ने /पिंपल्स/ या मुहासे --घरेलू इलाजएक्ने सौंदर्य पर दाग।   

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जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

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