असली च्यवन प्राश क्या है? जानने के लिए लिंक
How to make Chyawanprash (घर पर च्यवनप्राश बनाने का तरीका),
चमत्कारिक संजीवनी बूटी? - दशांग लेप!
चमत्कारिक संजीवनी बूटी? - दशांग लेप!A Wondrous & Miraculous, Life saving herbal Medicine? - Dashang Lep,[coat].
मच्छर भगायें और प्रदुषण से भी बचें - (मच्छर भगाने का सबसे सस्ता, टिकाउ, आसान और देसी तरीका स्वयं बनायें।)
- Mosquito -repellent की किसी भी रिफिल को पूरा खाली कर लें, इसमें नीम के तेल 70% केरोसिन तेल या मिटटी के तेल 10% नारियल का तेल 15% में कपूर 5 % को पीस इसमें घोल लें, इस रिफिल को उसके प्लग मशीन में लगा कर इस्तमाल करें। इससे मच्छर भाग जाते है| कोई परफ्यूम मिला देने पर गंध भी ठीक रहेगी|
- नीम -केरोसीन लैम्प:- एक छोटी लैम्प में मिटटी के तेल में 30 बुँदे नीम के तेल की डालें, दो टिक्की कपूर को 20 ग्राम नारियल का तेल में पीस इसमें घोल लो इसे जलाने पर मच्छर भाग जाते है और जब तक वो लैम्प जलती रहती है, मच्छर नहीं आते |
- दिया:- नारियल तेल में नीम के तेल को डाल कर उसका दिया जलाये इससे भी मच्छर नही आयेंगे|
- गाय के गोबर में नीम के सूखे पत्ते हवंन सामग्री मिलाकर कंडे, अगरबत्ती या धूपबत्ती जलाने से मच्छर नष्ट होतें हें|

और एक तरीका है गाय के गोबर में नीम के सूखे पत्ते हवंन सामग्री मिलाकर कंडे, अगरबत्ती या धूपबत्ती जलने से जिससे मच्छर नही आता |
बिल्ब बेल फल, पत्ते,और जड़ शिवजी को प्रिय क्यों हें।
घर पर बनाए तुलसी अमृत या अर्क।
इस कारण इसका अर्क निम्न निष्कासन विधि से निकाला जाना चाहिए।
अर्क निष्कासन विधि-
हिंग्वाष्टक चूर्ण-मनुष्य के लिए आयुर्वेद का एक अनमोल तोहफा।
लाख दर्द की एक दवा- अमृत धारा
बनाने की विधि यह है-
इंसटेंट नाश्ता भारतीय फास्ट फूड -- सत्तू सर्व श्रेष्ठ क्यों?
काम शक्ति का स्त्रोत -सालम मिश्रीओर उसके चमत्कार।
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शक्ति का स्त्रोत सालम मिश्री |
गिलोय सत्व एवं गिलोय घन सत्व'
सूखी गिलोय से भी सत्व निकला जा सकता हे पर वह मात्रा में कम निकलता हे,और कुछ कम गुणों वाला हो सकता हे।
- गिलोय- शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट- स्वाइन फ्लू के चिक पतंजलि योग के द्वारा स्वाइन फ्लू के इलाज के
चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें|
हरिद्रा खंड
अम्ल पित्त या एसिडिटी -अविपत्तिकर चूर्ण
शक्ति दायक पेय
2-केशर 1/2 ग्राम
3-इलायची 10 ग्राम
बादाम पानी में गलाकर छिल्खा हटाकर केशर इलायची मिलाकर पीस कर रख लें
1- अश्वगधा 100 ग्राम
2-शखं पुष्पी 1/4 कि,ग्राम
3- अर्जुन छाल 100ग्राम
4- शतावरी 1/4 कि,ग्राम
(नोट इसमें ब्राह्मी 250 ग्राम भी मिला कर स्मरण शक्ति के लिए अधिक उपयोगी बना सकते हें, पर इसकी कड़वाहट बच्चों को पसंद नहीं आती)
इस काडे में एक किलो शक्कर मिलाकर गाडी शकर बूरे जेसी चाशनी बनायें । चाशनी बनने पर इसमें बादाम, इलायची, केशर का पेस्ट मिला देवें। इसी समय स्वाद अनुसार चाकलेट पावडर, आदि कोई वस्तु मिलाई जा सकती है। शकर बूरा लायक चाशनी होने पर नीचे उतार कर लगातार हिलाते हुए ठडां करे जब तक कि बुरा जैसा दानेदार पावडर न बन जाये। कदाचित डेले बनने पर कूट कर चलनी से छान कर कि्रस्टल जैसा दानेदार पावडर बना कर बाटल में रख लें।
इसे प्रति दिन दूध में मिलाकर पेय की तरह पिया जा सकता हे। यह स्वादिष्ठ पेय याददाश्त बाने वाला शक्ती दायक हें रोग प्रतिरोधक शक्ति उत्पन्न करता हे।
दूध पिलाने वाली माताओं के लिए, दूध बढ़ाने के लिए भी अधिक उपयोगी है ।
डॉ मधु सूदन व्यास
आंवला कैन्डी (Amla Candy)
आंवला कैन्डी (Amla Candy) आंवले के मुरब्बे का सूखा प्रतिरूप ही है. बच्चे को आंवले का मुरब्बा खाना पसन्द नहीं आता लेकिन आंवला कैन्डी बड़े मजे से खाते हैं. आंवला में पाये जाने वाले अनेक गुण हैं, इसमें विटामिन C की प्रचुर मात्रा निहित रहती है, आंवला किसी भी तरह से खाया जाय वह हमारे शरीर के लिये अत्यन्त लाभकारी है, आंवले से पाचन और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है. इसका आयुर्वेद औषधि में काफी मात्रा में प्रयोग किया जाता है. ये आपको तंदुरुस्त रहने में मदद करेगा.
नवम्बर से जनवरी तक बाजार में खूब मिलता है, इस समय तो आप ताजा ताजा आंवला अपने रोजाना के खाने में चटनी बनाकर, आंवले फ्राई या सूप में किसी भी तरह से प्रयोग में लाते रहिये. आंवले को विभिन्न तरीके से स्टोर करके रखा जाता है जैसे आंवला पाउडर, आंवले का अचार, आंवले का मुरब्बा, आंवला मीठी चटनी, और आंवला कैन्डी इत्यादि, तो आइये आज हम आंवला की कैन्डी (Herbal Amla Candy) बनाकर तैयार करते हैं ये आंवला कैन्डी कभी भी खायी जा सकती है, आंवला कैन्डी (Amla Sweet Candy) मीठी या मसाले दार आप अपने स्वाद के अनुसार बनाकर तैयार कर लीजिये, तो आइये बनाना शुरू करते हैं
आंवला (Indian Gooseberry) - 1 किग्रा (30 - 35) / चीनी - 700 ग्राम ( 3.75 कप)
- आंवले को साफ पानी से धो लीजिये.
- किसी बर्तन में इतना पानी डालकर उबालने रखिये कि आंवला उसमें अच्छी तरह डुब सके.
- उबलते पानी में आंवले डालिये और फिर से उबाल आने के बाद 2 मिनिट तक आंवले उबलने दीजिये, गैस फ्लेम बन्द कर दीजिये और इन आमलों को 5 मिनिट के लिये ढककर रख दीजिये. आंवलों को ठंडे पानी में मत डालिये, पानी को पहले उबलने दीजिये तब आवंले डाले.
- उबाले हुये आंवले को चलनी में डालकर पानी हटा दीजिये, ठंडा होने पर इनको चाकू की सहायता से काट कर फांके अलग अलग कर लीजिये और गुठली निकाल कर फैंक दीजिये.
- ये आंवले की कली किसी बड़े बर्तन में भरिये और 650 ग्राम चीनी ऊपर से भरकर रख दीजिये, बची हुई 50 ग्राम चीनी (आधा कप) का पाउडर बनाकर रख लीजिये.
- दूसरे दिन आप देखेगे सारी चीनी का शरबत बन गया है, आंवले के ट्कड़े उस शरबत में तैर रहे हैं. आप इस शरबत को चमचे से चला कर, ढककर रख दीजिये.
- 2-3 दिन बाद यह आंवले के टुकड़े शरबत में तैरने के बजाय बर्तन के तले में नीचे बैठ जायेंगे नहीं रहे हैं. चीनी आंवले के अन्दर पर्याप्त मात्रा में भर चूकी है और वह भारी होकर नीचे तले में चले गये हैं.
- अब इस शरबत को चलनी से छान कर अलग कर दीजिये और चलनी में आंवले के टुकड़े रह जायेंगे, पूरी तरह से आंवले से शरबत निकल जाय तब इन टुकड़ों को थाली में डाल कर धूप में सुखा लीजिये.
- इन सूखे हुये आंवले के टुकड़ों में चीनी का पाउडर मिलाइये. लीजिये ये आंवला कैन्डी (Amla Candy) तैयार हो गई है़, यह कैन्डी आप कन्टेनर में भर कर रख लीजिये और रोजाना 6-7 टुकड़े खाइये, यह स्वाद में तो अच्छी है ही आपकी सेहत के लिये बड़ी फायदे मन्द हैं.
चिकित्सा सेवा अथवा व्यवसाय?
स्वास्थ है हमारा अधिकार १
हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|
निशुल्क परामर्श
जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।
चिकित्सक सहयोगी बने:- हमारे यहाँ देश भर से रोगी चिकित्सा परामर्श हेतु आते हैं,या परामर्श करते हें, सभी का उज्जैन आना अक्सर धन, समय आदि कारणों से संभव नहीं हो पाता, एसी स्थिति में आप हमारे सहयोगी बन सकते हें| यदि आप पंजीकृत आयुर्वेद स्नातक (न्यूनतम) हें! आप पंचकर्म चिकित्सा में रूचि रखते हैं, ओर प्रारम्भ करना चाह्ते हैं या सीखना चाह्ते हैं, तो सम्पर्क करेंं। आप पंचकर्म केंद्र अथवा पंचकर्म और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे अर्श- क्षार सूत्र, रक्त मोक्षण, अग्निकर्म, वमन, विरेचन, बस्ती, या शिरोधारा जैसे विशिष्ट स्नेहनादी माध्यम से चिकित्सा कार्य करते हें, तो आप संपर्क कर सकते हें| सम्पर्क समय- 02 PM to 5 PM, Monday to Saturday- 9425379102/ mail- healthforalldrvyas@gmail.com केवल एलोपेथिक चिकित्सा कार्य करने वाले चिकित्सक सम्पर्क न करें|
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