Rescue from incurable disease

Rescue from incurable disease
लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिआ या लिकोरिआ (Leukorrhea) या "सफेद पानी आना"

   सामान्य परिस्थितियों में सहवास की सुविधा के लिए प्रकृतिक स्राव को छोड़कर, जब स्त्री-योनि से असामान्य मात्रा में सफेद रंग का गाढा और बदबूदार पानी निकलता है और जिसके कारण वे बहुत क्षीण तथा दुर्बल हो जाती है। यह महिलाओं में होने वाला रोग श्वेत प्रदर कहता है, अधिकांश स्त्रियॉं को उनके गुप्तांगों से पानी जैसा बहने वाला स्त्राव होता है। यह खुद कोई रोग नहीं होता परंतु अन्य कई रोगों के कारण होता है। यह रौग बांझपन का कारण भी हो सकता है। 

   श्वेत प्रदर वास्तव में कोई रौग नहीं, बल्कि किसी अन्य योनिगत या गर्भाशय में होने वाली किसी रोग या व्याधि का लक्षण हैया सामान्यतः प्रजनन अंगों में सूजन का बोधक है। 
   इस सफ़ेद बदबूदार पानी के अतिरिक्त अन्य लक्षणो में योनि स्थल पर खुजली होना कमर दर्द होनाचक्कर आनाकमजोरी बनी रहना आदि बी प्रमुखता से मिलता है। 
   आयुर्वेद अनुसार इसका प्रमुख कारण मासिक स्राव के समय गंदे कपड़े आदि का प्रयोग अत्यधिक उपवास, उत्तेजक कल्पनाएंअश्लील वार्तालाप, विरुद्द सम्भोग (उल्टे आसनो का प्रयोग करना)सम्भोग काल में अत्यधिक घर्षण युक्त आघात, रोगग्रस्त पुरुष के साथ सहवासयोनि की अस्वच्छता (स्वच्छ जल से न धोना व वैसे ही गन्दे बने रहना) आदि इस रोग के प्रमुख कारण बनते हैं। बार-बार गर्भपात कराना भी सफेद पानी का एक प्रमुख कारण है।

 योनि स्राव और उसके संकेत
   योनि मार्ग से सफेदचिपचिपा गाढ़ा स्राव होना आज मध्य उम्र की महिलाओं की एक सामान्य समस्या हो गई है। सामान्य भाषा में इसे सफेद पानी जाना कहते हैं।  भारतीय महिलाओं में यह आम समस्या प्रायः बिना चिकित्सा के ही रह जाती है। क्योंकि इसे महिलाएँ अत्यंत सामान्य रूप से लेकर ध्यान नहीं देतीछुपा लेती हैं। 
    श्वेत प्रदर में योनि की दीवारों से या गर्भाशय ग्रीवा से श्लेष्मा का स्राव होता हैजिसकी मात्रास्थिति और समयावधि अलग-अलग स्त्रियों में अलग-अलग हो सकती है। यदि स्राव ज्यादा मात्रा मेंपीलाहरानीला होखुजली पैदा करने वाला हो, तो स्थिति असामान्य मानी जाएगी। इससे शरीर कमजोर होता है, और कमजोरी से श्वेत प्रदर बढ़ता है। इसके प्रभाव से हाथ-पैरों में दर्दकमर में दर्दपिंडलियों में खिंचावशरीर भारी रहनाचिड़चिड़ापन रहता है। इस रोग में स्त्री के योनि मार्ग से सफेदचिपचिपागाढ़ाबदबूदार स्राव होता हैइसे वेजाइनल डिस्चार्ज कहते हैं। इस रोग के कारणों की जांच स्त्री रोग विशेषज्ञलेडी डॉक्टर से करा लेना चाहिएताकि उस कारण को दूर किया जा सके।
वेजाइनल डिस्चार्ज या योनिक स्राव क्या होता है , 
और कब उसे असामान्य कहा जाता है?
   गर्भाशय ग्रीवा से उत्पन्न श्लेष्मा (म्युकस) का बहाव योनिक स्राव कहलाता है। अगर स्राव का रंगगन्ध या गाढ़ापन असामान्य हो अथवा मात्रा बहुत अधिक जान पड़े तो हो सकता है कि रोग हो। योनिक स्राव (Vaginal discharge) सामान्य प्रक्रिया है, जो कि मासिक चक्र के अनुरूप परिवर्तित होती रहती है।  वास्तव में यह स्राव योनि को स्वच्छ तथा स्निग्ध रखने की प्राकृतिक प्रक्रिया है।  यह अण्डोत्सर्ग या ओब्युलेशन के समय यह स्राव इसलिये बढ़ जाता है, ताकि अण्डाणु और शुक्राणु दोनों ही उस तरल में आसानी से तैर सके, और गर्भाधान हो सके। 
    अण्डोत्सर्ग के पहले काफी मात्रा में श्लेष्मा (mucous) बनता है। यह सफेद रंग का चिपचिपा पदार्थ होता है।  लेकिन कुछ उपरोक्त कारणों से जब इसका रंग बदल जाता है, और इससे बुरी गंध आने लगती है, तो यह रोग के लक्षण का रूप ले लेता है। 
   सफेद योनिक स्रावः(व्हाइट डिस्चार्ज) मासिक चक्र के पहले और बाद में पतला और सफेद योनिक स्राव सामान्य होता है।  सामान्यतः सामान्य(नॉर्मल) सफेद योनिक स्राव के साथ खुजलाहट या चुनमुनाहट नहीं होती है।  यदि इस समय खुजली हो रही है तो यह फंगल संक्रमण का प्रतीक है। शुद्ध या साफ और आसानी  से फैलाने वाला (Clear and stretchy) श्लेष्मा या सफ़ेद पानी अच्छा, संतानोत्पादक (फरटाइल) होता है।  इसका मतलब है की स्त्री ओब्युलेशन (अण्डोत्सर्ग) हो रहा है।  
      साफ और पानी जैसाः यह स्राव महिलाओं में सामान्य तौर पर पूरे मासिक चक्र के दौरान अलग-अलग समय पर होता रहता है।  जब व्यायाम या मेहनत का काम किया जाता है , उस समय यह गाढ़ा और भारी हो जाता है। 
   पीला या हरे रंग का होने वाला स्राव या डिस्चार्ज सामान्य नहीं माना जाता। यह किसी रौग या बीमारी का लक्षण हो सकता है। एसी स्थिति से पता चलता है की  योनि में या प्रजनन संस्थान के किसी भाग में कहीं तीव्र संक्रमण एक्यूट इन्फेक्शन है।  विशेषकर जब यह सड़ते दूध या पनीर की तरह और गंदी बदबू से युक्त हो, तो तुरंत चिकित्सक के पास जा कर चिकित्सा करवाना चाहिये।  
   भूरे रंग का स्राव या डिस्चार्ज अक्सर माहवारी के बाद होता है। वास्तव में यह “सफाई” की स्वाभाविक  या प्रक्रतिक प्रक्रिया है।  चूंकि पुराने रक्त का रंग भूरा होता है, वह ही श्लेष्मा के साथ बाहर आता है।  
    रक्तिम (गुलाबी रंग) के धब्बे/ भूरा स्राव: एसा स्राव नवीन अण्डोत्सर्ग (मासिक के बाद) मध्य मासिक के दौरान हो सकता है। कई बार गर्भावस्था के प्रारम्भ में भी एसा स्राव देखने को मिलता है।  इस कारण इसे कई बार इसे गर्भधारण का संकेत भी माना जाता है। 
   असामान्य योनिक स्राव के क्या कारण होते हैं?
    एब्नोर्मल वेजाइनल डिस्चार्ज या असामान्य योनिक स्राव से बचने के लिए –

  1. जननेन्द्रिय क्षेत्र को साफ और शुष्क रखना जरूरी है। नमी युक्त गीले कपड़े, या बालों की उपस्थिती  से त्वचा और योनि क्षेत्र में फंगल इन्फेक्शन होने लगता है। 
  2. योनि को जरूरत से अधिक धोना (जननेन्द्रिय पर पानी मारना) भी नहीं चाहिए, बहुत सी महिलाएं सोचती हैं कि माहवारी या सम्भोग के बाद योनि को अधिक धोने से वे स्वस्थ्य रहेंगी, पर इससे योनि में सफाई करने वाले या संक्रामक रोगों से बचाने वाले, मित्र स्वस्थ बैक्टीरिया जो वहाँ रहते हें वे भी मर जाते हैं इससे योनिक स्राव और भी बिगड़ जाता है। 
  3. दबाव से बचें। 
  4.  योन सम्बन्धों से लगने वाले रोगों से बचने और उन्हें फैलने से रोकने के लिए कंडोम का  प्रयोग करने से प्रदर नाही हो पाता ।  
  5. मधुमेह का रोग हो तो रक्त की शर्करा को नियंत्रण में रखना चाहिए। प्रजनन संस्थान सहित योनि में शुगर के कारण रौग संक्रमण हो जया करता है।  
बचाव एवं चिकित्सा
इसके लिये सबसे अच्छा रास्ता है, साफ-सफाई - योनि को धोने के लिये सर्वोत्तम उपाय फिटकरी के जल से धोना है।  फिटकरी एक श्रेष्ठ जीवाणु नाशक सस्ती औषधि हैसर्वसुलभ है। 
  अंदरूनी सफ़ाई के लिये पिचकारी से धोना (डूश लेना) भी अच्छा उपाय है। आयुर्वेद की अत्यंत प्रभावकारी औषधि त्रिफला क्वाथ   का प्रयोग सर्वोत्तम होता है।
   इरिमेदादी तैल या जात्यादी तैल की बस्ती( पिचकारी से योनि में 10 से 50 एम एल तक डालना) एक बहुत अच्छा और प्रदर एवं सूजन को मिटाने वाली चिकित्सा है। इससे लाभदायक मित्र जीवाणु भी नष्ट नहीं होते। 
    मल-मूत्र त्याग के पश्चात प्रत्येक बार अच्छी तरह से संपूर्ण अंग को साबुन से धोना।
    बार-बार गर्भपात कराने से बचना चाहिए , यह भी सफेद पानी का एक प्रमुख कारण है। अनचाहे गर्भ की स्थापना के प्रति सतर्क रहते हुए गर्भ निरोधक उपायों जैसे का प्रयोग (कंडोमकापर टीमुँह से खाने वाली गोलियाँ) प्रयोग, अपनी या अपने पति का नसबंदी आपरेशन कराना, ठीक है।  
सबसे अधिक आवश्यक है की  शर्म त्यागकर इसके बारे में अपने पति एवं डाक्टर को बताएं, ताकि समय पर चिकित्सा मिल सके। 
     अच्छा संतुलित भोजन नियमित फलों का सेवन, शुद्ध वायु में घूमना, उचित व्यायाम भी रोग प्रतिकारक शक्ति बड़ाता है। इससे भी रोग शीघ्र दूर होता है। 
    इस रोग के लिए मुख से लेने वाली प्रमुख आयुर्वेदिक औषधियां अशोकारिष्टअशोक घनबटीप्रदरांतक लौहप्रदरहर रस , चंद्रान्शु रस आदि हैं, जो कुशल चिकित्सक की सलाह से ही लेना चाहिए। 
------------------------------------------------------------------------------------------------------------
समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें| आपको कोई जानकारी पसंद आती है, ऑर आप उसे अपने मित्रो को शेयर करना/ बताना चाहते है, तो आप फेस-बुक/ ट्विटर/ई मेल/ जिनके आइकान नीचे बने हें को क्लिक कर शेयर कर दें। इसका प्रकाशन जन हित में किया जा रहा है।
आज की बात (28) आनुवंशिक(autosomal) रोग (10) आपके प्रश्नो पर हमारे उत्तर (61) कान के रोग (1) खान-पान (69) ज्वर सर्दी जुकाम खांसी (22) डायबीटीज (17) दन्त रोग (8) पाइल्स- बवासीर या अर्श (4) बच्चौ के रोग (5) मोटापा (24) विविध रोग (52) विशेष लेख (107) समाचार (4) सेक्स समस्या (11) सौंदर्य (19) स्त्रियॉं के रोग (6) स्वयं बनाये (14) हृदय रोग (4) Anal diseases गुदरोग (2) Asthma/अस्‍थमा या श्वाश रोग (4) Basti - the Panchakarma (8) Be careful [सावधान]. (19) Cancer (4) Common Problems (6) COVID 19 (1) Diabetes मधुमेह (4) Exclusive Articles (विशेष लेख) (22) Experiment and results (6) Eye (7) Fitness (9) Gastric/उदर के रोग (27) Herbal medicinal plants/जडीबुटी (32) Infectious diseaseसंक्रामक रोग (13) Infertility बांझपन/नपुंसकता (11) Know About (11) Mental illness (2) MIT (1) Obesity (4) Panch Karm आयुर्वेद पंचकर्म (61) Publication (3) Q & A (10) Season Conception/ऋतु -चर्या (20) Sex problems (1) skin/त्वचा (26) Small Tips/छोटी छोटी बाते (69) Urinary-Diseas/मूत्र रोग (12) Vat-Rog-अर्थराइटिस आदि (24) video's (2) Vitamins विटामिन्स (1)

चिकित्सा सेवा अथवा व्यवसाय?

स्वास्थ है हमारा अधिकार १

हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|

निशुल्क परामर्श

जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

चिकित्सक सहयोगी बने:
- हमारे यहाँ देश भर से रोगी चिकित्सा परामर्श हेतु आते हैं,या परामर्श करते हें, सभी का उज्जैन आना अक्सर धन, समय आदि कारणों से संभव नहीं हो पाता, एसी स्थिति में आप हमारे सहयोगी बन सकते हें| यदि आप पंजीकृत आयुर्वेद स्नातक (न्यूनतम) हें! आप पंचकर्म चिकित्सा में रूचि रखते हैं, ओर प्रारम्भ करना चाह्ते हैं या सीखना चाह्ते हैं, तो सम्पर्क करेंं। आप पंचकर्म केंद्र अथवा पंचकर्म और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे अर्श- क्षार सूत्र, रक्त मोक्षण, अग्निकर्म, वमन, विरेचन, बस्ती, या शिरोधारा जैसे विशिष्ट स्नेहनादी माध्यम से चिकित्सा कार्य करते हें, तो आप संपर्क कर सकते हें| सम्पर्क समय- 02 PM to 5 PM, Monday to Saturday- 9425379102/ mail- healthforalldrvyas@gmail.com केवल एलोपेथिक चिकित्सा कार्य करने वाले चिकित्सक सम्पर्क न करें|

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

स्वास्थ /रोग विषयक प्रश्न यहाँ दर्ज कर सकते हें|

Accor

टाइटल

‘head’
.
matter
"
"head-
matter .
"
"हडिंग|
matter "