दीपावली की शुभ कामनाये|
भारत हमारा देश उत्सव प्रधान देश है|
एकादशी प्रदोष, पूर्णिमा, चतुर्थी, आदि, सोम मंगल, आदि, श्रावण, कार्तिक, आदि, फिर दीवाली दशहरा, होली जैसे बड़े त्यौहार के अतिरिक्त हर माह आने वाले, कई छोटे त्यौहार, नाम लिखें तो पूरा पेज इसी से भर जायेगा,
जन्म से जीवन पर्यंत उत्सव तो ठीक पर हमारे यहाँ मृत्यु पर भी उत्सव मनाया जाता है|
किसी सोचा एसा क्यों है?
उत्तर कई हैं और सभी सही भी हैं,
पर स्वस्थ्य की दृष्टि से जब हम विचार करते हें तो इसका एक अलग ही उत्तर प्राप्त होता है| इस दृष्टि से साफ सफाई, यज्ञ पूजन, आदि पर्यावरण लाभ भी सभी जानते हें,
एक और बड़ा लाभ है वर्षभर सतत चलने वाला
पोषक आहार कार्यक्रम?
यह सुन कर सभी को कुछ आश्चर्यजनक सा प्रतीत हो सकता है,
दीवाली होली, गुजिया पापड़ी, सक्रांति के लड्डू, वर्षारंभ पर पूरण पूरी, आदि आदी|
हमारी परम्पराओं ने इन सब के माध्यम से ह मारे परिवार, समाज को गरीब को (भिक्षा) पशुओं पक्षियों तक को पोषक आहार के रूप में सतत मिलता रहा है|
पर इधर कुछ वर्षों से इसका स्थान फ़ास्ट फ़ूड ने क्या ले समाज में मोटा पन हृदय रोग आदि का निर्बाध प्रवेश हो गया है|
आजकल घर में रेडी मेड मिठाई और खाद्य ने घर में प्रवेश कर रही सही कसर भी पूरी कर दी है|
क्या हमको अब इस परंपरा गत खाने के बारे में नहीं सोचना चाहिए |
आइये अपने बच्चो और नई पीडी को पूर्व परपरा भुलाया हुआ, खाद्य पदार्थो का स्वाद वर्ष भर चखाएं और आने वाली पीडी को स्वस्थ्य बनांये |
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