बवासीर/ अर्श बवासीर या पाइल्स को हीमोरायड्स के नाम से भी जाना
जाता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए देखे लिंक - पाइल्स,बवासीर, अर्श, या हीमोरायड्स:
- उष्ण जल की बस्ती (एनीमा) प्रतिदिन कब्ज के लिए ली जा सकती है|
- चिकित्सक की सलाह से शोधन बस्ती लाभकारी है|
- अरंड तेल २५ ग्राम प्रति सप्ताह लेंने से अर्श कष्ट नहीं देते, प्रारम्भिक अवस्था के अर्श केवल इसी से ठीक हो सकते है।
- कब्ज के लिए, हरड चूर्ण,या पंचसकार चूर्ण एक चम्मच रात को गर्म दूध या गर्म पानी से लें सकते हें।
- त्रिफला चूर्ण, सत इसबगोल आदि सोते वक्त लिए जा सकते हैं।
- खाने के बाद अभयारिष्ट / कुमारी आसव चार-चार चम्मच आधा कप पानी में मिलाकर लें।
- अर्शोघ्नी वटी की दो गोली सुबह-शाम खाने के बाद पानी से लें।
- *कासिसादी तेल २० ग्राम बस्ती (एनिमा)शोच के बाद दो बार लगाये या पिचु धारण ( रुई (काटन) में भिगो कर शोच के बाद गुदा में रखे) करे, यह तेल अर्श को कटता है अत: चिकित्सक की निगरानी में लेने से अधिक रक्त बहने का खतरा नहीं रहता| अर्श ठीक हो जाने के बाद *इरिमेदादी तेल के बस्ती या पिचु अर्श के घाव को भरने के लिए प्रयोग किया जाता है|
- रक्त को बंद करने बोलबद्ध रस / या बोल पर्पटी/और चन्द्रकला रस का उपयोग किया जा सकता है।
- प्रोटोस्कोप के जरिये आयुर्वेदिक चिकित्सक एक क्षार का एक लेप लगाते हैं, जिससे मस्से सूख कर गिर जाते हैं।
- दर्द बढ़ जाए तो एक टब गर्म पानी में एक चुटकी फिटकरी या पौटेशियम परमैंग्नेट डालकर सिकाई करें। यह सिकाई हर मल त्याग के बाद करें। पाइल्स कैसे भी हों, अगर सूजन और दर्द है तो गर्म पानी की सिकाई करनी चाहिए।
- इस तरीके में एक त्रिधारा थूहर ओर हल्दी के योग से बनाया हुआ एक मेडिकेटेड धागे का उपयोग किया जाता है, जिसे क्षारसूत्र कहते हैं। क्षारसूत्र चिकित्सा करने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक पहले पाइल्स के मस्सों को प्रोटोस्कोप नाम के यंत्र से देखते हैं, और उसके बाद मस्सों की जड़ में इस धागे को कस कर बंधा जाता है।
- मस्सों की जड़ों में एक जगह ऐसी होती है, जहां दर्द नहीं होता। इस जगह पर ही इस क्षारसूत्र को विशेष प्रकार की गांठ द्वारा बांधा जाता है, कि एक दो दिन बाद उसे खोलकर वापिस कसा जा सकें।
- मस्सों को अंदर कर दिया जाता है और धागा बाहर की ओर लटकता रहता है। इसे बेंडेज द्वारा स्थिर कर दिया जाता है। इस प्रोसेस में एक से दो हफ्ते का समय लग सकता है।
- रोगी को कब्ज न रहे रोज मल ठीक से आए इसके लिए ओषधि देते हें। रोगी क्षार सूत्र बांधा होने पर भी प्रतिदिन मल त्याग कर सकता है।
- इस दौरान इस धागे के जरिये दवाएं धीरे धीरे मस्से को काटतीं हें ओर उनको सुखाकर गिरा देती हैं। मस्से गिरने के साथ ही धागा भी अपने आप गिर जाता है। इसमें दर्द नहीं होता।
- इस दौरान चिकित्सक रोगी का आकलन करते रहते हें कि सारी प्रक्रिया ठीक चल रही है, और कितना फायदा हो रहा है।
- कभी कभी यदि क्षार सूत्र निकाल जाए या उसकी ओषधि निकाल जाए तो दूसरा सूत्र बढ़ दिया जाता है।
- इस दौरान मरीज को कुछ दवाओं का सेवन करने के लिए कहा जाता है और ऐसी चीजें ज्यादा खाने की सलाह दी जाती है, जो कब्ज दूर करने में सहायक हों। गर्म पानी की सिकाई और कुछ व्यायाम भी बताए जाते हैं।
- क्षारसूत्र चिकित्सा के लिए अस्पताल में भर्ती होने की भी अधिक जरूरत नहीं होती। यदि रोगी कि स्थिति ठीक है तो उसेको घर भेजा जा सकता है।
- कुछ चिकित्सक इस प्रक्रिया को लोकल एनैस्थिसिया के तहत करते हें, ओर प्रतिदिन गांठ कसते हें, इससे अर्श जल्दी निकाल जाता है। पर रोज कसने से कदाचित दर्द हो सकता है।
- इस तरीके से इलाज के बाद पाइल्स के दोबारा होने की आशंका खत्म हो जाती है।
- क्षार सूत्र द्वारा भगंदर या फिश्चूला की चिकित्सा भी की जाती है, इसमें भगंदर के दोनों छिद्रों से सूत्र निकाल कर एक गठान बाँध दी जाती है, आवश्यकता के अनुसार इसके कसने से बीच का भाग कटता जाता है और पीछे का धीरे धीरे घाव भरता भी जाता है, इस प्रकार कुछ ही दिन में भगदर की नाडी या केनाल नष्ट हो जाने से भगंदर भी ठीक हो जाता है|
हमने भी कई विद्यार्थियों इस कार्य में पारंगत किया है। हम समय समय पर निशुल्क केम्प लगाकर चिकित्सा और चिकित्सकों को निशुल्क प्रशिक्षित भी किया जाता रहता है| इसके लिए आप (वैधानिक चिकित्सक) संपर्क कर सकते हें|
कई शहरों में कुछ क्वेक्स चिकित्सक विशेषकर बंगाली डॉक्टर "बिना चीरे फाड़े बबासीर का इलाज" का बोर्ड लगाकर इसीप्रकार से चिकित्सा करते हें परन्तु अवैज्ञानिक और अन हायजिनिक होने से उनसे यह कार्य न करवाकर क्वालिफाइड आयुर्वेदिक चिकित्सा विशेषग्य से यह कार्य (क्षार -सूत्र) करवाना उचित है, अन्यथा व्यापद (कॉम्लिकेशन) होने की संभावना होती है।
उज्जैन में माह जनवरी १६ से एक आयुर्वेद चिकित्सा केंद्र का शुभारम्भ किया जा रहा है जहाँ उज्जैन सहित देश के कई आयुर्वेद विषय के विशेषज्ञों की सेवा किसी निर्द्धारित दिन विशेष केम्पों में और ओंन लाइन विडिओ कोंफ्रेंसिग से मिल सकेंगी साथ ही केंद्र पर पंचकर्म क्षार सूत्र आदि चिकित्सा सामान्य शुल्क पर उपलब्ध होगी|
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