- अधिकतम कितनी अनुवासन बस्ती दे सकते हें:- यदि अधिक देना हों तो अधिकतम आठ अनुवासन बस्ती के बाद एक निरुह बस्ती अवश्य देना चाहिए| यदि पूर्व में भी अति अनुवासन के लक्षण जैसे अग्निमांद्य (Loss of Appetite), अंग गौरव (Heaviness in the body), मिलने लगें तो निरुह देना चाहिए|
- बस्ती के लिए उचित समय:- सामान्यत: रात्रि को नहीं देते (विशेष परिस्थिति छोड़कर), अनुवासन बस्ती दिन में शीत काल में दी जा सकतीं है ग्रीष्म काल में रात्रि के समय, अनुवासन बस्ती प्रयोग कर सकते हें (आ.ह्र अ- 19 श्लो- 21).
- अनुवासन के पूर्व भोजन देना:- अनुवासन बस्ती देने के पूर्व पूर्व भोजन देना आवश्यक होता है, अनुवासन बस्ती प्रयोग के पूर्व अभ्यंग करवाकर रोगी को उसकी आहार मात्रा से ¼ अंश में सुपाच्य आहार दे कर थोड़े भ्रमण (घूमने),और मल मूत्र त्यागने के बाद ही बस्ती देना चाहिए| (आ.ह्र अ- 19 श्लो- 22- 23)
- अनु. बस्ती का लोटना:- अनुवासन बस्ती स्नेह स्वभाविक रूप से अधिकतम 9 घंटे में वापिस लोटता है, यदि न आयें तो फल वर्त्ति (suppository) लगाये या तीक्ष्ण निरुहण दें|
- बस्ती न लोटे तो क्या करें: - यदि अनुवासन 24 घंटे में भी बस्ती द्रव्य विसर्जित न हो तो, बस्ती विधि का पुनरावलोकन करें, की कहीं कोई त्रुटी तो नहीं रही| उदर में आटोप, आध्मान, या अस्वस्थता लक्षण हों तो, कोष्ण जल पिलाये या, तुरंत तीक्ष्ण बस्ती देकर शोधन करें|
- जल्दी लोटे तो क्या करें:- बस्ती तुरंत बाहर आ जाये तो पुन: थोड़ी मात्रा में दें|
- ऊपर मुख की उठती लगे तो क्या करें: - उर्ध्वा गति हो तो विरेचन और नस्य दें|
- अन्य विचार सामान्य बातें A के अनुसार|
समस्त चिकित्सकीय सलाह, रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान (शिक्षण) उद्देश्य से है| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें| इसका प्रकाशन जन हित में किया जा रहा है।
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