Rescue from incurable disease

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लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

काम शक्ति का स्त्रोत -सालम मिश्रीओर उसके चमत्कार।

शक्ति का स्त्रोत सालम मिश्री - या सालम पंजा  
शक्ति का स्त्रोत सालम मिश्री   
       अक्सर कुछ आदिवासी कबीले के स्त्री पुरुषों को सड़क पर मजमा लगाए, थेले टांग कर जड़ी बूटी बेचते हुए अकसर सभी ने देखा होगा। ये सालम मिश्री ले लो जेसी आवाज भी लगते देखे जाते हें। जिज्ञासा वश जब कोई उनसे पूछे तो वे मर्दांनगी की दवा बताते हें। कई लोग ले भी लेते हें विशेषकर ग्रामीण,  उसके उपयोग के बाद लाभ होने पर उनके अन्य साथी भी आकर्षित होते हें। अधिकांश लोग यह नहीं जानते की ये क्या हे?
शक्ति का स्त्रोत सालम मिश्री या सालम पंजा  
  यह एक क्षुप्रजाती की जड़ी[ वनस्पति, चित्र देखें ] होती हे।इस वनस्पति के कन्द को सलाम मिश्री कहा जाता हे। यह नेपाल, कश्मीर, अफगानिस्तान, ईरान,में पेदा होती हे। 
शक्ति का स्त्रोत सालम मिश्री - या सालम पंजा  
संस्क्रत में सुरपेय,ईरान में संग मिश्री ,लेटीन में आर्चिस लेटीफोलिया [Orchis Latifoli] हिन्दी में सालम मिश्री के नाम से जानी जाने वाली इस वनस्पति के चार पाँच जातियाँ जो अलग अलग क्षेत्र में पेदा होने से होती हें, ओर कन्द के अलग अलग आकार प्रकार के कारण होती हें। हमारे हाथ के पंजे के समान आकार वाले कन्द को सालम पंजा , लहसन जेसा कन्द के कारण सालम लहसनीय, सालम बादशाही [वसरा] ओर सालम  लाहोरी क्षेत्रों के नामो से जाने जाते हें। नीलगिरी के पहाड़ों पर भी सालम मद्रासी जिसका कन्द अधिक छोटा होता हे इसे उटकमंड में बिकते पाया जाता हे। पंजे के आकार के [एक देड़ इंच वाले] पंजा सालब सर्वोत्क्रष्ट {सबसे अच्छा} होता हे । इसके कम मिलने के कारण आटे या मेदा से भी नकली बनाकर बेचा जाता हे।असली सालम बहुत चीठा ओर सक्त होते हे इसे आते या मेदा से बने नकली सालम की तुलना में कूटने पीसने में अधिक महनत करना होती हे। सूखे असली सालम में गंध या या स्वाद नहीं होता। मद्रासी ओर लहसनीय निम्न स्तर के कम गुण वाले होते हें। 
  आयुर्वेद में इसे अग्निदीपक[पाचन बड़ाने] वाली, शुक्र जनक, अति वीर्य वर्धक, बल कारक, कामोद्धीपक [काम वासना की व्रद्धि] , रसायन या आयु बडाने वाली, अति पोष्टिक ओषधियों में इसकी गणना की जाती रही हें। कम मिलने से ओर इन्ही पोरुष वर्धक गुणो के कारण यह मूल्यवान होते हे। यह हमारे जड़ी बूटी विक्रेता जिनहे मालवा क्षेत्र में अत्तार कह जाता हे के यहाँ आसानी से मिल जाते हें। रास्ते चलते विक्रेता नकली दे सकते हें। च्यवन प्राश की  आवश्यक ओषधि में यह एक हें।
सालम में एक प्रकार का गोंद  48% होता हे।  इसके अतिरिक्त स्टार्च,थोड़ा सा सूक्रोज़ ,प्रोटीन ओर एक उड़न-शील [वोलेटायल] तेल जलाने पर राख या एश 2% बचती हे जिसमें फोस्फ़ेट्स,केल्सियम, आदि पाये जाते हें। 
  कामोद्धिपक चूर्ण अति पोरुष क्षमता प्राप्ति के लिए इसका प्रमुखता से प्रयोग किया जाता हे। 
1-सालम मिश्री[पंजा]  सफ़ेद तोदरी, शुद्ध कोंच बीज का मगज [ कोंच के बीज को दूध में गला कर छिलका ओर बीच के अंकुर को निकाल कर सूखा लेने से शुद्ध होते हे] , इमली के बीज का मगज [ कोंच की तरह शुद्ध करे] ,तालमखाना, सरवाली के बीज, सफ़ेद मूसली, काली मूसली। सेमर मूसली, सफ़ेद वहमन,लाल वहमन, शतावर, बबुल का गोंद, बाबुल की कच्ची या सुखी फली, ढ़ाक की नरम कली, --- इन सब ओषधियों को बारीक पीस लें फिर इसके वजन के समान मिश्री  मिलकर बाटल में रख लें। इसकी 10- 10 ग्राम मात्रा गाय के दूध के साथ प्रात: साय कम से कम 40 दिन तक लेने से काम शक्ति बड्ती हे। शरीर कांतिमान हो जाता हे। इसके साथ ही सिरदर्द, तनाव, प्रमेह ,शीघ्र पतन, आदि रोग दूर हो जाते हें। 
सालम पाक -- सालम पंजा 100 ग्राम+सफ़ेद मूसली +विदारी कन्द+चोवचीनी+गोखरू+ शुद्ध कोंच बीज मगज [ कोंच के बीज को दूध में गला कर छिलका ओर बीच के अंकुर को निकाल कर सूखा लेने से शुद्ध होते हे] , ताल मखाना, शतावरी, खरेटी बीज, गंगेरन जड़ की छाल, सेमर मूसली, आंवला, सभी 50-50 ग्राम लेकर पीस कर महीन चूर्ण बना लें फिर 5 किलो गो दुग्ध में मिला कर मावा बना लें इस मावे को आवश्यकता के अनुसार घी डाल कर अच्छी तरह भून लें [ताकि अधिक दिन तक खराब न हो] अब इसमें वंशलोचन,इलायची, छोटी पीपल, पीपरा मूल, जायफल, जावित्री, अकरकरा, गिलोय सत्व, प्रवाल पिष्टि, प्रत्येक 20-20 ग्राम+ अभ्रक भस्म 5 ग्राम, कांतिसार लोह भस्म 5 ग्राम, वंग भस्म 3 ग्राम, मिलाकर रख लें । अब एक किलो गेहु का आटा लेकर अच्छी तरह घी के साथ सेक लें,   बबूल का गोंद 100 ग्राम लेकर बारीक पीस लें ओर घी में सेक लें इससे गोंद फूल की तरह खिल जाएगी [ ध्यान रहे अंदर कच्ची न रहे] अब सभी मावा आटा ओषधि भस्मादी मिला कर चार किलो शक्कर बूरे ओर 10 ग्राम पिसी केसर मिला कर में मिला कर 50 - 50 ग्राम के लड्डू बना लें। 
  प्रति वर्ष जाड़े के दिनो में सुवह श्याम 40 दिन तक एक एक लड्डू खाकर दूध पीने से काम शक्ति, मेघा शक्ति,  जीवनी शक्ति, रोग निवारण शक्ति [ईमूयनिटी पवार] पूरे एक वर्ष तक सूरक्षित हो जाता हे। यह रसायन परिश्रम करने वालों के लिए श्रेष्ठ हें। 
   इसका कोई भी योग स्वयं बनाकर या बनवा कर खाएं ओर लाभ उठाएँ। 
  कदाचित स्वयं या परिवार का सदस्य न बना सके तो मिठाई बनाने वाले से महनताना देकर ओर विधि दिखाकर भी बनवाया जा सकता हे।


नोट- 

  1. अविवाहितों को कोई भी कामोद्धिपक या उत्तेजक ओषधि नहीं खाना चाहिये। इससे नाइटफॉल आदि समस्या बढ़ सकती हे। 
  2.  उपरोक्त ओषधीय पाक बड़े श्रेष्ठ हें यदि किसी कारण से पाना संभव न हो तो केवल= पंजासालब, खरेंटी, शकाकुल छोटी, शकाकुल बड़ी, लम्बासालब, काली मुसली, सफ़ेद मुसली, और सफेद बहमन प्रत्येक 50 ग्राम का बारीक चूर्ण बना कर बरावर मिश्री ओर साथ दूध के साथ प्रति दिन खाने से भी लाभ होगा। 
  3.  उपरोक्त सभी जड़ी बूटी  अधिकतर इस तरह की दवायें बेचने वाले पंसारी ओर आयुर्वेदिक ओषधि विक्रेताओं से प्राप्त हो जाती हें। 

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हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|

निशुल्क परामर्श

जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

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