चमत्कारिक संजीवनी बूटी? - दशांग लेप!A Wondrous & Miraculous, Life saving herbal Medicine? - Dashang Lep,[coat].
- सिरस छाल (Albizia lebbeck)-
- मुलेठी Yashti (Glycyrrhiza glabra)
- तगर Nata (Valeriana wallichi)
- लाल चंदन Chandana (Santalum album)
- इलायची Ela (Elettaria cardamomum
- जटामांसी Jatamansi (Nardostachys jatamansi)
- हल्दी Haridra (Curcuma longa)
- दारू हल्दी Daru Haridra (Berberis aristata)
- कुष्ठ (कूठ) Kushta (Saussurea lappa)
- खस Hrivera (Pavonia odorata)
"दशांग लेप" आयुर्वेदिक् चमत्कारिक ओषधि योग
साधारण सी जड़ी बूटी से आसानी से बन जाने वाले आयुर्वेद के कई योगों को चमत्कारिक योगों के रूप में जाना जाता रहा है। यह दशांग लेप भी उनमें से एक है। जिन्होंने एक बार भी इसका प्रयोग किया वह प्रभावित हुए विना न रहा।दशांग लेप चोट खाए, घायल ज्वर, और चर्म रोग पीड़ित के लिए "संजीवनी" जैसा ही है|
भेषज्य -रत्नावली में एक श्लोक वर्णित है-
॥च.द.||
3. अधिक चलने,खड़े रहने आदि से पैरों में सूजन और दर्द हो तो दशांग को पानी में उबालें, जब पानी थोडा ठंडा होकर सहने योग्य हो जाये तो पैरों को इस पानी में डालकर कर बैठ जाये, और चमत्कार देखे, केवल गरम पानी की तुलना में अत्यधिक शीघ्र आराम होगा| पैरों पर दशांग लेप की पट्टी भी बांध सकते हें|
5. तेज ज्वर है तो एक पोटली में दशांग लेप को ठन्डे पानी में चटनी की तरह पीस कर रखें, इस पोटली को सर पर हल्के से रगड़ने और लेप सहित पट्टी सिर तरह रखने से ज्वर शांत होगा, सर दर्द आदि मिट जायेगा|
6. यदि किसी की आंख में सूजन हो जाये, या इन्फेक्शन आदि से लाल हो गई हो, दर्द हो तो उपरोक्त विधि से घी पानी में बने लेप को एक पोटली में भरकर आंख के ऊपर रखकर हलका हलका सेक दें, दर्द सूजन में आराम मिलेगा|
7. सूखे एक्जीमा में बराबर मात्र में दशांग लेप (चूर्ण) सोनागेरू गुलाब जल में चटनी जैसा पीस कर लगायें| अथवा
8. पामा व्युची या एक्जीमा पर लेप को पानी में पीस कर 1/5 भाग गाय का घी मिलाकर मोटा-मोटा लेप कर रुई रखकर बांध दें| लाभ एक सप्ताह में|
9. यदि एक्जीमा गीला है (उससे पानी सा आता हो) तो दशांग लेप को गो मूत्र में लगायें| रोगी भाग को गाय के मूत्र से धोना लाभकारी है| लाभ एक से दो सप्ताह में|
10. युवाओं को मुहांसे बहत तकलीफ देते हें , दशांग लेप में पीली सरसों, मसूर दाल,और चिरोंजी बराबर मात्र में गुलाब जल के साथ पीस कर रोज लेप लगायें कुछ ही दिन में मुहांसे और उनके निशान दूर हो जावेंगे|
11. अंड कोष का फूल जाना -किसी पुरुष या बालक के अंड कोष चोट, या रोग किसी भी कारण से फूल गए हों उनमें सूजन और दर्द हो तो दशांग लेप+ घी 10% + मेदालकड़ी चूर्ण 10% मिलकर पानी के साथ गर्म कर लेप बनाये एक एक तरफ कम सिकी गेहूं की रोटी पर फेलाकर , अंड कोष पर लपेट कर बाँध दें, प्रातः सायं बदलें कुछ ही दिन में कष्ट ठीक हो जाता है|
हमारे कई चिकित्सक साथियों और आप में से कई ने भी इसका कई प्रकार से प्रयोग कर लाभ लिया होगा आप भी टिप्पणी के माध्यम से अवगत करावें|
दशांग लेप विषयक कुछ स्मरण रखने योग्य आपको दशांग लेप के बारे में प्रयोग से पूर्व कुछ जानना आवश्यक है-
1. जैसा की नाम से समझा जाता है की यह कोई चटनी जैसा होगा| एसा नहीं है, उपयोग के समय ही इसे एसा बना लिया जाता है, अन्यथा यह एक चूर्ण के रूप में ही डिब्बाबंद बाज़ार में मिलता है, और इससे लम्बे समय तक सुरक्षित भी रखा जा सकता है|
2. पूर्ण लाभ के लिए लेप का प्रयोग प्रतिदिन दो बार करना चाहिए क्योंकि यह शरीर की गर्मी से सुख जाता है और असरहीन हो जाता है| ओषधि असर भी शरीर द्वारा सोख लिया जा चूका होता है| यदि किसी कारण से बदलपाना संभव न हो तो उसेके ऊपर गर्म पानी डाल कर 'नम [गीला]' बनालेना चाहिए|
अधिक तैल या घी आदि चिकनाई मिले लेप अधिक समय तक असरकार हो सकते हें|
इसके समस्त घटक(द्रव्य) निम्न हैं, जो अत्तार (जड़ी बूटी बेचने वाले) के यहाँ आसानी से मिल सकतीं हैं|
दशांग लेप कैसे बनाये?
समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से है| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें| आपको कोई जानकारी पसंद आती है, ऑर आप उसे अपने मित्रो को शेयर करना/ बताना चाहते है, तो आप फेस-बुक/ ट्विटर/ई मेल/ जिनके आइकान नीचे बने हें को क्लिक कर शेयर कर दें। इसका प्रकाशन जन हित में किया जा रहा है।