भाई अब भी मान लो की छिलके सहित फल सब्जी हानिकारक ही नहीं घातक हैं।
अभी तक माना जाता रहा था, की छिलके सहित फल अधिक अच्छे होतें है। और यह सच भी है| पर व्यवसायकता के चलते अधिक समय तक फल और सब्जियों को सुरक्षित रखने उन पर कई प्रकार के केमिकलों
का प्रयोग किया जाता है| दुकानदार भी उनकी चमक बनाये रखने हेतु दिन में कई बार कपडे अदि से चमकता रहता है, पर किसी को यह भी नहीं मालुम है की वह भी इसको चमकाने के लिए एक एक केमिकल जिसमें मोम आदि हिते हें से पालिश की पार्ट चडाता रहता है|
सुरक्षित रखे जाने और चमक बनाये रखने के लिए प्रयुक्त केमिकल और मोम जैसे अन्य रसायन शरीर में घुलते नहीं, तापमान उनको पिघलाने लायक न होने से जमते जाते हें , जो स्त्रोतासों नलिकाओं, आदि को बंद करते हें, इससे रस, हार्मोन, रक्त आदि का अवरोध होता है|
प्रतिक्रिया में किडनी कार्य में रूकावट, से मूत्र त्याग में अवरोध, किडनी का फैल होना, लीवर डेमेज और केंसर जैसी घातक बीमारी पैदा होतीं हें । हमने पिछले दो तीन वर्षो में अपने विचार में यह आग्रह भी किया था की बिना छिले सब्जी फल न खाएं।
और अब विशेषज्ञ भी यह कह रहें हैं।
देखे समाचार पत्र देनिक भास्कर उज्जैन दिनांक 14 अगस्त 15 प्रष्ट 14 पर प्रकाशित रिपोर्ट जिसमें इन्हें मनुष्यों के खाने योग्य नहीं माना है।
भाई अब तो मान लो की छिलके सहित फल सब्जी हानिकारक ही नहीं घातक हैं।
समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें|
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