Rescue from incurable disease

Rescue from incurable disease
लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |
Basti - the Panchakarma लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
Basti - the Panchakarma लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

Ulcerative colitis - The Ayurvedic treatment. सव्रण बृहदांत्रशोथ - आयुर्वेदिक चिकित्सा- Dr Madhu Sudan Vyas.

Ulcerative colitis - The Ayurvedic treatment.  
सव्रण बृहदांत्रशोथ - आयुर्वेदिक चिकित्सा-  Dr Madhu Sudan Vyas. 
 Ulcerative colitis सव्रण बृहदांत्रशोथ 
रोग निदान और पुष्टि करने के बाद उपचार 
अक्सर इसका रोगी विभिन्न तरह के चूर्ण, एलोपेथिक दवाएं आदि यदि लेता हो तो न खायेक्योंकि हमारा अनुभव है, कि उनसे कोई लाभ नहीं होता, एंटिबायोटिक हानी पहुंचाते हैं | रोग से कष्ट अधिक न हो रहा हो तब, केवल सामान्य पाचन तंत्र ठीक करने वाली आयुर्वेदिक ओषधि, योग्य भोजन, और मानसिक विश्राम सतत देने से भी, रोगी रोग मुक्त हो जाता है

Piccha Basti (Panchakarma) Best For Irritable bowel syndrome, Amoebic and Bacillary Dysentery, Entries & Sangrahani.

पिच्छा बस्ती (पंचकर्मा) प्रवाहिका, इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम, और संग्रहणी रोग की श्रेष्ट चिकित्सा!! 
पिच्छा बस्ती  :- गुदा के द्वारा बून्द- बून्द कर धीरे धीरे (ड्रिप की तरह) ओषधि की बस्ती दी जाती है उसे पिच्छा बस्ती कहा जाता है | 
प्रवाहिका (अमीबिक और बेसिलारी डीसेंट्री)गृहणीइर्रीटेबल बोबेल सिंड्रोम, में उपयोगी होती है| इस विधि से बस्ती देने पर वह वृहदआंत्र में पहुंचकर वहां के दोषों (रोगों) को नष्ट करती है |
श्रेष्ट क्यों ? 

Irritable Bowel Syndrome (IBS) - Is it Sangrahani diseases according to Ayurveda ?

इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (आईबीएस)- क्या आयुर्वेद अनुसार संग्रहणी है
डॉ मधु सूदन व्यास (उज्जैन) 
यदि किसी व्यक्ति को पेट दर्द होते होते ३ माह से अधिक हो गए हों, और अनियमित ( वक्त वेवक्त) मल त्याग हो तो उसे इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम हो सकता है| आँतों के इस रोग में, पेट में दर्द, बेचैनी व मल त्यागने (शौच करने) में समस्या होती है|  आधुनिक चिकित्सक इसे स्पैस्टिक कोलन, इर्रिटेबल कोलन, म्यूकस कोइलटिस जैसे नामों से भी जानते हैं।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करने वाला यह रोग केवल शारीरिक कष्ट ही नहीं देते वरन उसकी सम्पूर्ण जीवन चर्या को प्रभावित करता है

Basti Types:- According to Method & Count बस्ती प्रकार: - विधि और गणना के अनुसार.

Basti Types:- According to Method & Count
बस्ती प्रकार: - विधि और गणना के अनुसार.
1. कर्म बस्ति (कुल 30 बस्तियां)
2. काल बस्ति (15 या 16), 
3. योग बस्ति (7 या 8 ) 

How to prepare a Basti for Panchakarma (पंचकर्म के लिए बस्ती कैसे तैयार करें?)

How to prepare a Basti for Panchakarma (पंचकर्म के लिए बस्ती कैसे तैयार करें?)
बस्ती में घृत तेल के साथ क्वाथ, कल्क, आदि जलीयद्रव्य होते हें, ये आसानी से नहीं मिलते, यदि ठीक प्रकार से नहीं मिलाये जाते तो बस्ती देते समय अलग अलग हो जाते है, और लाभ नहीं दे पाते| इसी लिए इनको मिलाने (संयोजन विधि) की एक निश्चित विधि भी आचार्यों ने लिखी है| 

Anuvasana Basti concept, (अनुवासन बस्ती अवधारणा),

अनुवासन बस्ती विषयक विचार [C]

अनुवासन के अंतर्गत आने वाली बस्तियों के निम्न नाम से भी जाना जाता है|

स्नेह बस्ती -240 ml स्नेह सहित दी जाने वाली,
अनुवासन बस्ती- 120 ml स्नेह मात्रा वाली, और
मात्रा बस्ती - अनुवासन की आधी (½ )  60 ml स्नेह बस्ती को कहा जाता है| 

सभी अनुवासन बस्तियां स्नेह (sebaceous) द्रव्यों से दी जाती है, ये शरीर का पोषण (Nutrition), धातुवर्धक (enhancer of muscle, bone, blood,etc), होकर वृंहण करते है|  इसीलिए अनुवासन सभी अपतर्पण (Malnutrition) से उत्पन रोगों में दी जातीं है|  पोषक द्रव्यों और संतुलित आहार (भोजन) की कमी से शोच नहीं आता और वात बढ़ने से रुक्षता उत्पन्न होने लगती है, वात की अधिक वृद्धि से वात व्याधियां होने लगतीं है| ऐसे सभी व्यक्ति अनुवासन बस्ती देने के योग्य कहलाते हैं| 

Niruha Basti concept, निरुह बस्ती विषयक विचार [B] {पर्याय- आस्थापन, माधुतेलिक, यापन, सिद्ध, युक्तरथ,}

निरुह बस्ती विषयक विचार [B]  
{पर्याय- आस्थापन, माधुतेलिक, यापन, सिद्ध, युक्तरथ,} 
निरुह बस्ती से उदर के गुल्म (cluster),आनाह, पक्वातिसार (Diarrhoea), शूल (Colic), जीर्ण ज्वर (Chronic fever), प्रतिश्याय (cough & Colds), मल गृह विवंध(Feces in the intestine get lumpy) , प्रोस्टेट वृद्धि (Prostate enlargement, BPH), अश्मरी (Calculus), राजोरोध (Amenorrhoea), शीघ्र ठीक होते हें|  

Ksheera Basti:-Exacerbated Crisis Dehydration on Peptic Disease, and Practical Remedy for Getting Power: -

क्षीर बस्ती :- पित्त रोग में विशेष रूप से पर आकस्मिक संकट डिहाइड्रेशन, और शक्ति पाने का निरापद उपाय:- 
विशेष बस्ति :- 
 क्षीर बस्ती:- यह एक आकस्मक चिकित्सा भी है! 
   जब कोई चिकित्सक रोगी के लिए आसानी से बिना किसी हानि, कष्ट, और विशेष खर्च के चिकित्सा करना चाहते है तो बस्ती चिकित्सा श्रेष्ट होती है| क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार की हानि की कोई संभावना नहीं होती| और विशेष बस्तियों में तो बस्ती विषयक आस्थापन, अनुवासन आदि विषयक विचार भी करना भी आवश्यक नहीं होता|  क्षीर बस्ति भी इसी प्रकार निरापद बस्ती है | 
आज की बात (30) आनुवंशिक(autosomal) रोग (10) आपके प्रश्नो पर हमारे उत्तर (61) कान के रोग (1) खान-पान (70) ज्वर सर्दी जुकाम खांसी (22) डायबीटीज (17) दन्त रोग (8) पाइल्स- बवासीर या अर्श (4) बच्चौ के रोग (5) मोटापा (24) विविध रोग (52) विशेष लेख (107) समाचार (4) सेक्स समस्या (11) सौंदर्य (19) स्त्रियॉं के रोग (6) स्वयं बनाये (14) हृदय रोग (4) Anal diseases गुदरोग (2) Asthma/अस्‍थमा या श्वाश रोग (4) Basti - the Panchakarma (8) Be careful [सावधान]. (19) Cancer (4) Common Problems (6) COVID 19 (1) Diabetes मधुमेह (4) Exclusive Articles (विशेष लेख) (22) Experiment and results (6) Eye (7) Fitness (9) Gastric/उदर के रोग (27) Herbal medicinal plants/जडीबुटी (32) Infectious diseaseसंक्रामक रोग (13) Infertility बांझपन/नपुंसकता (11) Know About (11) Mental illness (2) MIT (1) Obesity (4) Panch Karm आयुर्वेद पंचकर्म (61) Publication (3) Q & A (10) Season Conception/ऋतु -चर्या (20) Sex problems (1) skin/त्वचा (26) Small Tips/छोटी छोटी बाते (71) Urinary-Diseas/मूत्र रोग (12) Vat-Rog-अर्थराइटिस आदि (24) video's (2) Vitamins विटामिन्स (1)

चिकित्सा सेवा अथवा व्यवसाय?

स्वास्थ है हमारा अधिकार १

हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|

निशुल्क परामर्श

जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

चिकित्सक सहयोगी बने:
- हमारे यहाँ देश भर से रोगी चिकित्सा परामर्श हेतु आते हैं,या परामर्श करते हें, सभी का उज्जैन आना अक्सर धन, समय आदि कारणों से संभव नहीं हो पाता, एसी स्थिति में आप हमारे सहयोगी बन सकते हें| यदि आप पंजीकृत आयुर्वेद स्नातक (न्यूनतम) हें! आप पंचकर्म चिकित्सा में रूचि रखते हैं, ओर प्रारम्भ करना चाह्ते हैं या सीखना चाह्ते हैं, तो सम्पर्क करेंं। आप पंचकर्म केंद्र अथवा पंचकर्म और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे अर्श- क्षार सूत्र, रक्त मोक्षण, अग्निकर्म, वमन, विरेचन, बस्ती, या शिरोधारा जैसे विशिष्ट स्नेहनादी माध्यम से चिकित्सा कार्य करते हें, तो आप संपर्क कर सकते हें| सम्पर्क समय- 02 PM to 5 PM, Monday to Saturday- 9425379102/ mail- healthforalldrvyas@gmail.com केवल एलोपेथिक चिकित्सा कार्य करने वाले चिकित्सक सम्पर्क न करें|

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

स्वास्थ /रोग विषयक प्रश्न यहाँ दर्ज कर सकते हें|

Accor

टाइटल

‘head’
.
matter
"
"head-
matter .
"
"हडिंग|
matter "