Rescue from incurable disease

Rescue from incurable disease
लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

Piccha Basti (Panchakarma) Best For Irritable bowel syndrome, Amoebic and Bacillary Dysentery, Entries & Sangrahani.

पिच्छा बस्ती (पंचकर्मा) प्रवाहिका, इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम, और संग्रहणी रोग की श्रेष्ट चिकित्सा!! 
पिच्छा बस्ती  :- गुदा के द्वारा बून्द- बून्द कर धीरे धीरे (ड्रिप की तरह) ओषधि की बस्ती दी जाती है उसे पिच्छा बस्ती कहा जाता है | 
प्रवाहिका (अमीबिक और बेसिलारी डीसेंट्री)गृहणीइर्रीटेबल बोबेल सिंड्रोम, में उपयोगी होती है| इस विधि से बस्ती देने पर वह वृहदआंत्र में पहुंचकर वहां के दोषों (रोगों) को नष्ट करती है |
श्रेष्ट क्यों ? 
सामान्यत: मुहं से दी जाने वाली ओषधि अपने मूल रूप में बड़ी आँतों तक नहीं पहुँच पाती, इसीलिए वहां होने वाले रोगों पर उसका पूर्ण प्रभाव नहीं हो पाता और रोग समूल नष्ट नहीं हो पाता| जिन रोगियों को लम्बे समय से रोग है और ओषधि से लाभ नहीं हो रहा हो तो इसका प्रयोग चिकित्सक को यश और धन प्रदान करता है अतः क्लिनिक पर अवश्य करना चाहिए | बस्ती के पूर्व बस्ती पूर्व कर्म (नाड़ी स्वेद, मल विसर्जन), प्रधान कर्म (सेलाइन बोतल में भर कर सेलायन सेट में सूई के स्थान पर गुदा अनुसार नोजल लगाकर बून्द बून्द देना)  फिर पश्चात कर्म एक से दो घण्टे जब तक की मल त्यागना आवश्यक न हो, शौच जाने से रोकना चाहिए (इसी कारण बस्ती से पूर्व मल-त्यागने का निर्देश दिया जाता है), इससे और भी अच्छे परिणाम मिलते हैं |    
बस्ती निर्माण:-  
दूध 250 + कुटज चूर्ण 10 gm + मोच रस 10 +शतावरी चूर्ण 20+ पिप्पली चूर्ण 10
{दूध में बराबर पानी मिलाकर कुटज, पिप्पली, और शतावरी चूर्ण मिलकर दूध रहने तक उबालें फिर मोचरस मिलकर छानकर देना चाहिए|} 
यह बस्ती सतत एक सप्ताह तक प्रतिदिन अथवा रोग बल अनुसार अधिक (दो सप्ताह) चिकित्सक विवेक अनुसार दे सकता है | बस्ती देने में किसी प्रकार कोई हानि या उपद्रव सामान्यत: नहीं पाया गया है | रोगी को एक एक सप्ताह के ३- ४ कोर्स करने पर और भोजन, पथ्य- अपथ्य आदि पालन करने से, पूर्ण लाभ मिल जाता है | पेट दर्द, उलटी उमचाई, दस्त लगना, रक्त जाने में आशातीत लाभ होता है|  
आयु बल आदि अनुसार मात्रा का निर्धारण कर (एक साथ दें) इस ओषधि बस्ती का प्रभाव निम्न अनुसार अनुभव में आया है| 
गृहणी रोग +++
बेसिलारी डीसेंट्री. +++
अमिबिक डीसेंट्री. ++

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समस्त चिकित्सकीय सलाह, रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान (शिक्षण) उद्देश्य से है| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें| इसका प्रकाशन जन हित में आयुर्वेदिक चिकित्सा के ज्ञान, सामर्थ्य, हेतु किया जा रहा है। चिकित्सा हेतु नजदीकी प्राधिक्रत आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेँ। चिकित्सक प्रशिक्षण हेतु सम्पर्क करै।

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जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

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