Rescue from incurable disease

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लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

Udvatanam (A Body Scrub) - Reduces Obesity. [उद्वर्तनं (विशेष उबटन प्रक्रिया) - करे दूर मोटपा?]

Udvatanam (A Body Scrub) - Reduces Obesity.
उद्वर्तनं (विशेष उबटन प्रक्रिया) - करे दूर मोटपा?   
उद्वर्तनं Udvartanam:- आयुर्वेद पंचकर्म के अंतर्गत यह एक अद्वितीय चिकित्सा है। यह लगभग उबटन के समान ही होती है। इसमें ओषधीय तैल एवम ओषधीय चुर्ण के साथ पूरे शरीर पर मल कर मालिश की जाती है। जहॉ वसा (चर्बी) अधिक हो वहॉ विशेष रूप से एक लय के साथ मला जाता है। 

उद्वर्तन दो प्रकार की स्निध उद्वर्तन ओर रुक्ष उद्वर्तन होती है। शरीर की प्रक्रति के अनूसार कोन सी की जाना है यह निर्णय चिकित्सक करता है। स्निग्ध उद्वर्तन द्वारा त्वचा का सोंदर्य बढ्ता है वहीं रुक्ष से वसा नष्ट होती है। रोगी की प्रक्रति अनूसार, क्रमश: दोनों प्रक्रीया भी की जातीं हैं।    
Udvatanam (A Body Scrub)
- Reduces Obesity
इसके लिये सामान्यत तिल तैल का प्रयोग करते हैँ, चूर्ण शुष्क होता है, जिसे रगड्ने पर स्थानीय वसा के साथ घुल कर त्वचा से बाहर निकालने मैँ सहायक होता है। तिल तैल घर्षण से त्वचा को छिलने से बचाता एवम अपने वात नाशक ओर स्निग्ध गुण में त्वचा कि वसा को अपने में घोल कर निकालता है, जो चूर्ण के साथ बाहर निकल जाता है।
मालिश में दिये आघात (Stroke) से कफ (वसा) को खरोंच कर (scrapping) और पिघला कर मोटापा कम करने वाले, परिणाम देता है। शरीर पर इस हर्बल पेस्ट की रगड़ वसा चयापचय (fat metabolism) को प्रेरित करता है, और शरीर के तंत्र को शरीर के जरुरत मंद स्थानो पर पहुंचाने कि व्यवस्था करता है ।
 उद्वर्तन के बाद शरीर कि अतिरिक्त वसा, पश्चात कर्म सर्वांग स्वेदन (ओषधीय वाष्प स्नान) द्वारा पसीना सहित निकल जाता, शेष अवगाहन या अवगाहम (Avagaham विशेष स्नान) द्वारा बहा दिया जाता है।
उद्वर्तन कि यह प्रक्रिया सामान्य सी प्रतीत होती जरूर है, पर सतत कुछ दिन करने पर इसके परिणाम आद्वितीय मिलते हैँ। इसे कुशल पंचकर्म चिकित्सक की देखरेख में ही करना चाहिये, अन्यथा हानी होने की सम्भावना हो सकती है।  
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