Rescue from incurable disease

Rescue from incurable disease
लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

मधुमेह यानी डायबिटीज से बचे

त्यौहार जरुर मनायें पर -- मधुमेह यानी डायबिटीज से बचकर 
रोगी ही नहीं जो इससे दूर भी रहना चाहते हे वे भी द्यान दें |
मधुमेह यानी डायबिटीज एक खतरनाक बीमारी है। मधुमेह रोग से मुक्त होने के लिए रोगी को बहुत परहेज करने और अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। मधुमेह की रोकथाम के
लिए संतुलित भोजन करने की आवश्य‍कता होती है। ऐसे में त्योहारों पर भी मधुमेह रोगी को अपने खान-पान पर खास नियंत्रण करने की जरूरत होती है। 
डायबिटीज के मरीजों को खाने-पीने में परहेज न करने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी आती है। परहेज न करने के कारण उनकी तकलीफ और ज्यादा बढ़ जाती है। लिहाजा, मधुमेह रोगियों को जरूरत होती है, एक बैलेंस डायट की।
मधुमेह रोगियों को खानपान पर नियंत्रण के अलावा लगातार शुगर लेवल जांच कराते रहना चाहिए और अपने ब्लड शुगर लेवल का चार्ट बना कर रखना चाहिए।
त्योहारों के मौके पर खासतौर से मधुमेह रोगियों को स्मॉल फ्रीक्वेंट मील लेना चाहिए जिसमें न तो बहुत ज्यादा चिकनाई हो और न ही बहुत ज्यादा मिठास।
जौ का आटा, बाजरे का आटा, रागी का आटा फाइबर युक्त होते हैं। इनमें आप गेहूं के आटे के साथ लेकर कोई भी आटा मिक्स करके चपाती लें। मधुमेह रोगियों के लिए यह बहुत फायदेमंद होता है।
ओट्स का दलिया सब्जियों के साथ बनाकर ले सकते हैं, इससे न केवल आपको प्रोटीन मिलेगा बल्कि आपको फाइबरयुक्त भोजन भी मिलेगा। जो कि शुगर कंट्रोल करने के लिए लाभकारी है।
पानी की मात्रा अधिक बढ़ा दें। सलाद अधिक से अधिक खाएं लें।
मधुमेह रोगियों के लिए बाजार में कई शक्कर रहित मिठाइयां मिलती हैं। इसके अलावा आप कम वसा वाली मिठाइयां चुनें जैसे गुलाब जामुन की बजाय रसगुल्ला खाएं। अन्य इसी तरह की मिठाइयां हैं संदेश और पेड़ा।
नमकीन और तीखे में मठरी, शक्करपाली, चकली, कचौरियां आदि बनाएं जिनमें आप आटे के साथ बाजरा, रागी, सोयाबीन का आटा मिला सकते हैं। इन नमकीनों में आप हरी पत्तियों की सब्जियां जैसे मेथी, पालक, धनिया आदि मिला सकते हैं।
दिवाली के मौके पर बहुत तला हुआ खाया जाता है, ऐसे में आप तलने की बजाय नमकीन को भूनें। भूने हुए पापड खाएं। बिरयानी आदि में तले हुए की बजाय भूने हुए प्याज का इस्तेमाल करें। पूरी, पराठा या बिरयानी की बजाय रोटियां या फुल्के दें।
ड्राई फ्रूट्स से अपने दोस्तों और रिश्तेदारों की मेहमाननवाजी करें, इनमें चिकनाई भी नहीं होती और ज्यादा दिनों तक इनका इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
दिवाली और उसके बाद लगभग एक सप्ताह तक मिठाइयों और चिकनाई युक्त खाने का दौर चलता है, इसलिए पहले से तय कर लें कि इस दौरान आपका खानपान किस तरीके का होगा।
अगर आपको डॉक्टर ने आपको मिठाई खाने से बिल्कुल ही मना कर रखा है तो थोड़ा सा भी खाने से बचें।
अगर आपने ज्यादा मिठाई या तली चीजें खा ली हैं तो आने वाले समय में मिठाइयों से बचकर संतुलित भोजन करें।

समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान ,एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें |.
आज की बात (29) आनुवंशिक(autosomal) रोग (10) आपके प्रश्नो पर हमारे उत्तर (61) कान के रोग (1) खान-पान (69) ज्वर सर्दी जुकाम खांसी (22) डायबीटीज (17) दन्त रोग (8) पाइल्स- बवासीर या अर्श (4) बच्चौ के रोग (5) मोटापा (24) विविध रोग (52) विशेष लेख (107) समाचार (4) सेक्स समस्या (11) सौंदर्य (19) स्त्रियॉं के रोग (6) स्वयं बनाये (14) हृदय रोग (4) Anal diseases गुदरोग (2) Asthma/अस्‍थमा या श्वाश रोग (4) Basti - the Panchakarma (8) Be careful [सावधान]. (19) Cancer (4) Common Problems (6) COVID 19 (1) Diabetes मधुमेह (4) Exclusive Articles (विशेष लेख) (22) Experiment and results (6) Eye (7) Fitness (9) Gastric/उदर के रोग (27) Herbal medicinal plants/जडीबुटी (32) Infectious diseaseसंक्रामक रोग (13) Infertility बांझपन/नपुंसकता (11) Know About (11) Mental illness (2) MIT (1) Obesity (4) Panch Karm आयुर्वेद पंचकर्म (61) Publication (3) Q & A (10) Season Conception/ऋतु -चर्या (20) Sex problems (1) skin/त्वचा (26) Small Tips/छोटी छोटी बाते (71) Urinary-Diseas/मूत्र रोग (12) Vat-Rog-अर्थराइटिस आदि (24) video's (2) Vitamins विटामिन्स (1)

चिकित्सा सेवा अथवा व्यवसाय?

स्वास्थ है हमारा अधिकार १

हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|

निशुल्क परामर्श

जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

चिकित्सक सहयोगी बने:
- हमारे यहाँ देश भर से रोगी चिकित्सा परामर्श हेतु आते हैं,या परामर्श करते हें, सभी का उज्जैन आना अक्सर धन, समय आदि कारणों से संभव नहीं हो पाता, एसी स्थिति में आप हमारे सहयोगी बन सकते हें| यदि आप पंजीकृत आयुर्वेद स्नातक (न्यूनतम) हें! आप पंचकर्म चिकित्सा में रूचि रखते हैं, ओर प्रारम्भ करना चाह्ते हैं या सीखना चाह्ते हैं, तो सम्पर्क करेंं। आप पंचकर्म केंद्र अथवा पंचकर्म और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे अर्श- क्षार सूत्र, रक्त मोक्षण, अग्निकर्म, वमन, विरेचन, बस्ती, या शिरोधारा जैसे विशिष्ट स्नेहनादी माध्यम से चिकित्सा कार्य करते हें, तो आप संपर्क कर सकते हें| सम्पर्क समय- 02 PM to 5 PM, Monday to Saturday- 9425379102/ mail- healthforalldrvyas@gmail.com केवल एलोपेथिक चिकित्सा कार्य करने वाले चिकित्सक सम्पर्क न करें|

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

स्वास्थ /रोग विषयक प्रश्न यहाँ दर्ज कर सकते हें|

Accor

टाइटल

‘head’
.
matter
"
"head-
matter .
"
"हडिंग|
matter "