नीम का तेल और नीम के पत्ते दोनों ही त्वचा के लिए अद्भुत सिद्ध हुई हे ।
नीम तेल शुष्क त्वचा की खुजली दूर करने और सुजन या लाली, जलन मिटाने चिकनाहट लाने (soothes.) एवं सामान्य त्वचा की स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा में सुधार, करने, जीवाणु संक्रमण का मुकाबला करने और मुँहासे, फोड़े, और अल्सर ठीक करने हेतु आत्याधिक सफल सिद्ध हुई हे। परन्तु व्यावसायिक कारणों से मल्टी नेशनल कम्पनियाँ नीम का नहीं इससे बने उत्पादों के बैक्टीरिया प्रतिरोधी गुणो का प्रचार कर रहीं हें, और भारी मुनाफा कमा रही हें।
नीम के लाभ लेने से हम पर्यावरण के लिए हानिकारक ख़राब रसायनों और कीटनाशकों से बच सकते हें।
चर्म रोग,खुजली,एक्जिमा,सिर के जूँ,आदी के लिए कोई खुद को कीटनाशकों में पानी में गोता क्यों लगाना चाहेगा, या corticosteroids के द्वारा हमेशा के लिए शरीर को हानि क्यों पहुचना चाहेगा।
जबकि वह नीम के इन अद्भुद गुणों का पूरा उपयोग कर लाभ ले सकता हो।
पर इससे व्यापारियों को हानी तो पहुचेगी ही!और वे इसका विरोध भी करेंगे या कम से कम प्रचार तो होने ही नहीं देंगे।कुछ झूठी भ्रम पैदा करने वाली जानकारी शोध के नाम पर देकर उपयोग करने वालों को डरना जरुर चाहेंगे।
यह तो भला हो जागरूक भारतीयों का की विदेशी/और व्यापारी इसका पेटेंट हांसिल नहीं कर पाए अन्यथा यह हमारा प्राचीन वेद्या नीम हमको विदेशो को अधिक धन चुका कर खरीदना पड़ता। हमारे पास सिर्फ करने को "गर्व"रह जाता की नीम को हमारे बाप दादा सदियों से प्रयोग करते आ रहे हें!"
लेकिन फिर भी हमारे हुक्मरान अभी इसकी आश्चर्यजनक गुणों की और से बेखबर हें। शायद उनको 'आर्थिक लाभ' नहीं हो पा रहा हे? परमात्मा उन्हें सदबुद्धि दे !
नीम का प्रयोग अक्सर हम एक उपरोक्त चिकित्सा के लिए ही करते रहे हें, इसका अन्य बेहतर उपयोग खेतों में प्रयुक्त किए गए कीटाणु नाशको के रूप में भी किया जाना चाहिए।
नीम का तेल - बालों को चमकदार, स्वस्थ बाल के लिए,सूखापन दूर करने के लिए कारगर हे। समय से पहले सफ़ेद होने से (graying) से रोकता है और यहां तक कि बालों के झड़ने के लिए कुछ हद तक मदद कर सकता हैं। इससे बालों में जू अदि क्रमियों से मुक्ति मिलती हे।
नीम के तेल का भी एक महान गुण यह भी हे की यह नाखून में स्निग्धता बनाता है, और भंगुर नाखून(टूटने और विकृत होने की समस्या) को हटा कर उन्हें नया-सुन्दर वर्ण प्रदान करता हे।इससे नाखून के कवक(फंगल) से छुटकारा मिल जाता हे।
नीम का तेल और नीम के पत्ते का सबसे बड़ा लाभ है कि वे अपने सामान्य स्वास्थ्य, आपकी त्वचा और शरीर की स्थिति, और अपने प्रणाली के लिए हानि नहीं करता। हम तो चाहे तो इसके उपयोग कर के शारीरिक प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्षम कर त्वचा हालत से लड़ने के लिए या किसी भी त्वचा से संबंधित समस्याओं को रोकने के लिए, सक्षम हो सकते हें।
नीम के पत्ते लेने के लाभ
नीम पत्ती कई आयुर्वेदिक उपचार में एक आवश्यक एवं बहुतायत से प्रयोग किया जाने वाला घटक है। इसे हम सब भारतीय पोराणिक काल से(हजारों साल) जानाते है। नीम लेने केऔर भी कई फायदे हैं, यह प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित कर सक्रिय करता है। यकृत की क्रिया में (funcion) में सुधार कर रक्त का शोधन (detoxifies) कर एक स्वस्थ मानसिक प्रसन्नता, एवं श्वसन और पाचन तंत्र को ठीक करने के लिए बहुत सक्षम हे। इसी कारण यह यह मलेरिया और मधुमेह के इलाज के लिए प्रसिद्ध है।
पश्चिमी दुनिया के लोग प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने और विशेष रूप से त्वचा की समस्याओं के लिए, आजकल ज्यादातर नीम चाय पी रहे हें, या नीम कैप्सूल ले रहे हें।
नीम के औषधीय लाभ-
नीम के बीज, छाल और पत्तियों के यौगिकों के परिक्षण से यह साबित हो चूका हे की यह एंटीसेप्टिक,(antiseptic,) अल्सर नाशक (anti-ulcer), ज्वरनाशक(antipyretic) विषाणु नाशक(antiviral), सुजन नाशक (anti-inflammatory)और ऐंटिफंगल(antifungal) हैं।
नीम के संस्कृत नाम 'निम्बा' शब्द 'निम्बती स्वास्थ्यंददाति' से ही बना हे।अर्थात जो अच्छा स्वास्थ्य देने वाला हे।
नीम परिवार के लिए एक जन्म नियंत्रण हेतु परिवार नियोजन के प्राकृतिक साधन के रूप में उपयोगी सिद्ध हुआ हे, और इसकी बनी औषधियां की उपयोगिता WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने भी स्वीकार कर ली हे।
मुहं और दांतों की देखभाल और दंतरोग (periodontal) रोग में नीम का बहुत लाभ होता हे। भारत में लोग टूथब्रश के रूप में, मुख-दन्त की या क्रमी से बने छेद (cavities) आदी की समस्याओं से बचने के लिए, नीम पेड़ से बनाई दातून का इस्तेमाल सदियों से करते रहें हें।
वर्तमान में अब नीम का उपयोग कई उत्पाद टूथपेस्ट,मंजन(toothpowder,) कवल धारण (mouthwash,) और दूसरों अनेको रूप में कर रहे हैं।
नीम पर शोध भी किया जा रहा है। इससे एक और जहां इलाज के लिए विकल्पों का विस्तार हुआ हे, एड्स, कैंसर, मलेरिया, मधुमेह, हेपेटाइटिस, ग्रहणी अल्सर, गुर्दे संबंधी विकार, फंगल संक्रमण, खमीर संक्रमण, एसटीडी, त्वचा रोग skin disordes,दंतरोग periodontal dieases , mononucleosis, रक्त विकार, तंत्रिका संबंधी विकार, एलर्जी आदी के लिए विस्तृत विविधता पूर्ण हानी रहित उपलब्धयां मिली हें। इन उपलब्धयों ने आयुर्वेद और हमरी प्राचीन अन्य चिकित्सा पद्धति की और विश्व का ध्यान आकर्षित किया हे।
पशुओं के लिए भी लाभकारी हे
नीम डाल कर उबला पानी-या नीम साबुन या शैम्पू के साथ अपने कुत्ते और बिल्ली स्नान कृमियों और संक्रमण ( infestacion) और चोट-कटने, ticks और fleas, दाद, कण और कई त्वचा विकारों या फंगल संक्रमण को रोकने के लिए चमत्कारी उपयोगी और सस्ता साधन हे।
अपने और अपने जानवरों पर नीम के साथ उत्पादों का उपयोग करके, आप आर्थिक लाभ के साथ हानिकारक रसायनों और दवाओं, के दुष्प्रभाव से बच कर प्रतिरक्षा प्रणाली पर बिना प्रभाव डाले एक स्वस्थ जीवन जीने का आनंद ले सकते हें।
माली और किसानों के लिए नीम के लाभ
नीम से बने कीटनाशक जैविक विषरहित होने से मनुष्य के लिए और अन्य स्तनधारियों, पक्षियों, मक्खियों के साथ और अन्य कीड़ों फायदेमंद होते हैं।
नीम का तेल बाहर नीम के पेड़ से प्राप्त बीज से बनाया जाता है.इसे एक जैविक कीटनाशक स्प्रे के रूप में उपयोग किया जानाअधिक अच्छा हे। इसके अतिरिक्त, नीम का तेल औषधीय और सौंदर्य प्रसाधन के रूप में इस्तेमाल किया जाना लाभकारी हे,जिसे आप स्वयं बना कर कर लाभ उठायें।
एक उत्पाद के जरिये (Dyna-Gro) बताते हैं कि कैसे नीम तेल एक जैविक कीटनाशक के रूप में काम करता है: इससे "यह 'कीड़े हार्मोनल संतुलन को बाधित किये बिना मर जाते हैं।
नीम तेल स्प्रे भी एक निजी कीट repellant के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. नीम मच्छरों को दूर रखता है और यह आपकी त्वचा के लिए अच्छा है!
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समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें|
1 टिप्पणी:
नीम का तेल कुछ अधिक खराब गंध देता हे ,अत: इसको अन्य तेल के साथ सहन करने योग्य रेशो में मिलकर भी प्रयोग किया जा सकता हे |
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