Rescue from incurable disease

Rescue from incurable disease
लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

हरिद्रा,Turmerik

हल्दी 
हरिद्रा,हलधर, Turmerik या लेटिन में Curcuma  Longa  के नाम से जनि जाने वाली भारतीय रसोई घर की, और संस्कृति,और सोंदर्य में चार चाँद लगाने वाला यह द्रव्य एक चमत्कारिक औषधि भी हे | यही रसोई घर में रह कर विना हमारे जाने या बताये हमारी स्वस्थ सेवा भी करता रहता हे, और इस बात से सभी अनभिज्ञ होते हें|

हल्दी में एक तत्व करक्यूमिन होता हे यह विषाणु रोधी है। इसमें ह्यूमन पापिलोमा वायरस (एचपीवी) से लड़ने के गुण भी हैं।  करक्यूमिन ही सोन्दर्य क्रीम आदि में सक्रिय तत्व होता है। 
जिन रोगों में कफ (मयूकस)अधिक मात्रा में निकलने लगता हे, जेसे गले नाक से सेडा या खकार निकलना, उसको यह ठीक कर देती हे|  मूत्र  की जलन हो, या आँखों का रोग ,महिलाओ का प्रदर और सर्दी से होने वाला पेरो का दर्द,पेट के क्रमी से होने वाले रोग , शीतपित्त या किसी एलर्जी से होने वाली खुजली या शरीर पर ददोरे (चिक्कत्ते), हल्दी ठीक कर देती हे | हल्दी का उबटन सोंदर्य के लिए जाना माना नाम हे | प्रसव के बाद गर्भाशय को स्वस्थ कर बच्चे के लिए शुद्ध दूध देने वाली हल्दी ही हे | हल्दी के काडे से आँखों को धोने से कन्जेक्टीवाईटस ठीक होता हे | हल्दी और फिटकरी का चूर्ण कान में भरने से पुराने कान बहने या उससे मवाद बहने की समस्या से मुक्ति मिलती हे |नई चोट हो या पुराना घाव यह एंटी सेप्टिक का कम करती हे और घाव को जल्दी ठीक कर देती हे | यह  दादी नानी के चिकित्सा पोटली का यह बहुमूल्य रत्न हे | 
कुल मिला कर हम सब यदि इस मसाले को रसोईघर से बहार कर दे तो रोगों का चारो और से हम पर हमला हो जायेगा |
नबम्बर दिसम्बर में हमारी सब्जी मंडियों में ताज़ा हल्दी आती हे | हममे से कई के घरो में इसका आचार,चटनी,सब्जी बना कर खाते हें| इसकी मावा शक्कर के साथ चक्की,या लड्डू भी बनाकर खाया जाता हे|
इससे बनी आयुर्वेदिक औषधि  ' हरिद्रा खंड' के सेवन से शीतपित्त,खुजली,एलर्जी,और चर्म रोग नष्ट होकर देह में सुन्दरता आ जाती हे | बाज़ार में यह सुखा चूर्ण के रूप में मिलता हे | इसे खाने के लिए मीठे दूध का प्रयोग अच्छा होता हे | परन्तु शास्त्र विधि में इसको निम्न  प्रकार से घर पर बना कर खाया जाये तो अधिक गुणकारी रहता हे| बाज़ार में इस विधि से बना कर चूँकि  अधिक दिन तक नहीं रखा जा सकता, इसलिए नहीं मिलता हे | घर पर बनी इस विधि बना हरिद्रा  खंड अधिक गुणकारी और स्वादिष्ट होता हे | मेरा अनुभव हे की कई सालो से चलती आ रही एलर्जी ,या स्किन में अचानक उठाने वाले चकत्ते ,खुजली इसके दो तीन माह के सेवन से हमेशा के लिए ठीक हो जाती हे | इस प्रकार के रोगियों को यह बनवा कर जरुर खाना  चाहिए |  और अपने मित्रो कोभी बताना चाहिए| यह हानि रहित निरापद बच्चे बूढ़े सभी को खा सकने योग्य हे | जो नहीं बना सकते वे या शुगर के मरीज, कुछ कम गुणकारी, चूर्ण रूप में जो की बाज़ार में उपलब्ध हे का सेवन कर सकते हे | 

निर्माण विधि क्लिक हरिद्रा खंड:

इसके सेवन से शीतपित्त,खुजली,एलर्जी,और चर्म रोग नष्ट होकर देह में सुन्दरता  

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चिकित्सा सेवा अथवा व्यवसाय?

स्वास्थ है हमारा अधिकार १

हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|

निशुल्क परामर्श

जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

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