Rescue from incurable disease

Rescue from incurable disease
लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

Common cold, flu (कामन कोल्ड, सर्दी, जुकाम ,फ्लू )

जीवनशैली और आदतें कैसी भी हों कामन कोल्ड बहुत ही आम होने के कारण किसी भी मौसम में हो सकता है। कामन कोल्ड से निज़ात पाने का कोई शार्ट कट नहीं है, चाहै आप कितनी भी दवाइयां या वैक्सीन लें। 
 कामन कोल्ड का संक्रमण थोड़ा भयभीत करने वाला  हो सकता है और इसके लक्षण जैसे खांसी, बुखार , सर्दी, नजला,  आपको दवाएं लेने के लिए प्रेरित करते हैं।
 यह ध्यान देने योग्य बात है कि अगर आप कोई दवा या वैक्सीन नहीं ले रहै हैं तो आपको कामन कोल्ड के संक्रमण से बचना चाहिए। 

कामनकोल्ड से रोकथाम-
 हम सभी जानते हैं कि कामन कोल्ड संक्रमण या एक दुसरे के माध्यम से फैलने वाली बीमारी है, और इसलिए इससे बचने के लिए हाथ धोना बहुत ज़रूरी है।  
हम प्रतिदिन कई सार्वजानिक स्थानों पर आते जाते रहते हें, अलग अलग पब्लिक वाहनों में सफ़र करते हैं| सभी जगह हाथ का स्पर्श होता है, इससे कामन कोल्ड से संक्रमित व्यक्ति के हाथों में अकसर वायरस चिपक जाते हैं, जो फिर टेलिफोन, डेस्क, सेलफोन या डोरबेल आदि  पर भी चिपक जाते हैं, इससे वाईरस को आने जाने का मोका मिल ही जाता है| इन्ही हाथो से हम सब न केवल अपने नाक मुहं को स्पर्श करते हें वरन छोटे बच्चो को भी उठा लेते हैं, और अनजाने में ही वाईरस को छोटे बच्चों को भी प्रदान कर देते हें।
ये कीटाणु स्वचालित तरीके से किसी दूसरे व्यक्ति में फैलते रहते हैंइसीलिए हमेशा घर में प्रवेश के तुरंत बाद, और हर जगह  समय समय पर बार बार अच्छी तरह से हाथ धोना इसलिए भी ज़रूरी हो जाता है| अन्यथा हम अपनी और अपनों की बीमारी का कारण बन जाते हें|
यह भी याद रखें की केवल पानी से हाथ गीला करना हाथ धोना नहीं, अच्छी तरह साबुन आदि का प्रयोग भी होना ही चाहिए|
पर्याप्त मात्रा में पेय लें-
कामन कोल्ड जैसी परेशानी के समय गर्म पानी पीना भी थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की कोशिश करें। पानी से हमारा शरीर साफ हो जाता है और इससे मूत्र अधिक अत है और इसके साथ शरीर में मौजूद टाक्सिन या विषाणु भी निकल जाते हैं| रिहाइड्रेशन (जल की आपूर्ति)  की क्रिया भी होती रहती  है| पानी से मेटाबोलीक क्रिया नोर्मल रहने से रोग से लड़ने की शक्ति मिलती रहती है| चाय, काफी और सूप जैसे गरम आहार भी  इसका अच्छा विकल्प होता है |
साफ और ताज़ा वायु लेना ज़रूरी है:-
कामन कोल्ड से ग्रसित व्यक्ति के लिए घर की चारदीवारी के अंदर रहना समझदारी की बात तो है। लेकिन हम सब लोग यह भूल जाते हैं कि इस तरीके से कमरे के अंदर का नम माहौल कीटाणु के लिए स्टोरहाउस जैसा काम करता है।  व्यक्ति को प्रतिदिन ताज़ी हवा, ताजा प्रकाश, धूप (सन बाथ) विशेष कर सर्दी के इस मोसम में, भी  लेना ज़रूरी होता है। इससे विषाणुओं का नष्ट करना आसान हो जाता है|
अपने अलग निजी तौलिया का इस्तेमाल करें:-
हाथों को साफ करने के लिए किचन और बाथरूम में पेपर की तौलिया का इस्तेमाल करना अच्छा है, या प्रत्येक सदस्य के अपने प्रतिदिन साफ किये जाने वाले निजी रुमाल, तोलिये ही प्रयोग में लाये जाये| घर में प्रत्येक सदस्य की अलग अलग तौलिया होने से कीटाणु फैल नहीं सकते |
कुछ भाई जुकाम में अल्कोहल (शराब-ब्रांडी) आदि लेने की सलाह देते हें| इन सबके बार-बार और अधिक पीने से प्रतिरक्षा प्रणाली का ह्रास हो जाता है| अल्कोहल शरीर में शुष्की पैदा करता है और इससे कीटाणु को बढ़ने में आसानी होती है|
अपने चेहरे को बार बार ना छूएं -
कुछ व्यक्तियों की आदत होती है की वे अपने मुहं नाक आदि को जाने अनजाने बार-बार छूते रहते हें, नाक और मुंह को बार बार ना छूएं, क्‍योंकि ऐसे में अगर आपके आसपास किसी को कोल्ड हुआ हो तो आपको भी कोल्ड होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
क्या खाना चाहिए?  
फाइटोकेमिकल्स फ्लू और कोल्ड से लड़ने में प्रभावी होते हें, इसके लिए व्यक्ति को अच्छे संतुलित भोजन के साथ पर्याप्त मात्रा में कच्चे फल और सब्ज़ियां भी खानी चाहिए क्योंकि यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए अच्छे होते हैं। इसमें गहरे हरे, पीले और लाल रंग की सब्ज़ियां आती हैं जो कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को अधिक सक्षम बनाते हें| फ़ास्ट फ़ूड चाट कचोरी आदि पोषण में कमी कर रोग को बढ़ने का करण बनतीं हैं|
दोनों समय ब्रश करना, और गला साफ करना विषाणु को गले के टोंसिल्स पर और दातो के बीच फसे अन्न कणों में बढने का मोका नहीं देता, और रोग हो ही नहीं पाताप्रतिदिन मोसम अनुसार ठंडे या गरम पानी से स्नान भी आवश्यक है| अक्सर कई लोग जुकाम होने पर नहीं नहाते, इससे विषाणु और बढ़ते जाते हें| याद रखें की सारे शरीर की सफाई, रोज धुले कपडे पहनना अति आवश्यक है|   
तुलसी, अदरक, केशर, असगंध, आदि भी यही कार्य करती हें| इन्हें चाय के स्था या अलग से काढ़े के रूप में पीना लाभदायक होता है|
नाक में षडविन्दु तैल, और सामान्य कान में हिन्ग्वादी तैल रोज डालने से जुकाम ठीक होता है|

जुकाम सर्दी होने पर अक्सर पैट ख़राब रहता है, शोच ठीक से नहीं होती, अतः यदि पार्टी सप्ताह अरंड तैल, पंचसकार चूर्ण, आदि का जुलाब ले लिया जाये जुकाम जल्दी ठीक होता है| आप अपने कोष्ठ के अनुसार चिकित्सक की सलाह से जुलाब ओषधि ले सकते हें| जुलाब नहीं लेना हो तो त्रिफला चूर्ण, हरड चूर्ण आदि रोज भी ले सकते हें|         जीवनशैली और आदतें कैसी भी हों कामन कोल्ड बहुत ही आम होने के कारण किसी भी मौसम में हो सकता है। कामन कोल्ड से निज़ात पाने का कोई शार्ट कट नहीं है, चाहै आप कितनी भी दवाइयां या वैक्सीन लें। 
 कामन कोल्ड का संक्रमण थोड़ा भयभीत करने वाला  हो सकता है और इसके लक्षण जैसे खांसी, बुखार , सर्दी, नजला,  आपको दवाएं लेने के लिए प्रेरित करते हैं।
 यह ध्यान देने योग्य बात है कि अगर आप कोई दवा या वैक्सीन नहीं ले रहै हैं तो आपको कामन कोल्ड के संक्रमण से बचना चाहिए। 
कामनकोल्ड से रोकथाम-
 हम सभी जानते हैं कि कामन कोल्ड संक्रमण या एक दुसरे के माध्यम से फैलने वाली बीमारी है, और इसलिए इससे बचने के लिए हाथ धोना बहुत ज़रूरी है।  
हम प्रतिदिन कई सार्वजानिक स्थानों पर आते जाते रहते हें, अलग अलग पब्लिक वाहनों में सफ़र करते हैं| सभी जगह हाथ का स्पर्श होता है, इससे कामन कोल्ड से संक्रमित व्यक्ति के हाथों में अकसर वायरस चिपक जाते हैं, जो फिर टेलिफोन, डेस्क, सेलफोन या डोरबेल आदि  पर भी चिपक जाते हैं, इससे वाईरस को आने जाने का मोका मिल ही जाता है| इन्ही हाथो से हम सब न केवल अपने नाक मुहं को स्पर्श करते हें वरन छोटे बच्चो को भी उठा लेते हैं, और अनजाने में ही वाईरस को छोटे बच्चों को भी प्रदान कर देते हें।
ये कीटाणु स्वचालित तरीके से किसी दूसरे व्यक्ति में फैलते रहते हैंइसीलिए हमेशा घर में प्रवेश के तुरंत बाद, और हर जगह  समय समय पर बार बार अच्छी तरह से हाथ धोना इसलिए भी ज़रूरी हो जाता है| अन्यथा हम अपनी और अपनों की बीमारी का कारण बन जाते हें|
यह भी याद रखें की केवल पानी से हाथ गीला करना हाथ धोना नहीं, अच्छी तरह साबुन आदि का प्रयोग भी होना ही चाहिए|
पर्याप्त मात्रा में पेय लें-
कामन कोल्ड जैसी परेशानी के समय गर्म पानी पीना भी थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की कोशिश करें। पानी से हमारा शरीर साफ हो जाता है और इससे मूत्र अधिक अत है और इसके साथ शरीर में मौजूद टाक्सिन या विषाणु भी निकल जाते हैं| रिहाइड्रेशन (जल की आपूर्ति)  की क्रिया भी होती रहती  है| पानी से मेटाबोलीक क्रिया नोर्मल रहने से रोग से लड़ने की शक्ति मिलती रहती है| चाय, काफी और सूप जैसे गरम आहार भी  इसका अच्छा विकल्प होता है |
साफ और ताज़ा वायु लेना ज़रूरी है:-
कामन कोल्ड से ग्रसित व्यक्ति के लिए घर की चारदीवारी के अंदर रहना समझदारी की बात तो है। लेकिन हम सब लोग यह भूल जाते हैं कि इस तरीके से कमरे के अंदर का नम माहौल कीटाणु के लिए स्टोरहाउस जैसा काम करता है।  व्यक्ति को प्रतिदिन ताज़ी हवा, ताजा प्रकाश, धूप (सन बाथ) विशेष कर सर्दी के इस मोसम में, भी  लेना ज़रूरी होता है। इससे विषाणुओं का नष्ट करना आसान हो जाता है|
अपने अलग निजी तौलिया का इस्तेमाल करें:-
हाथों को साफ करने के लिए किचन और बाथरूम में पेपर की तौलिया का इस्तेमाल करना अच्छा है, या प्रत्येक सदस्य के अपने प्रतिदिन साफ किये जाने वाले निजी रुमाल, तोलिये ही प्रयोग में लाये जाये| घर में प्रत्येक सदस्य की अलग अलग तौलिया होने से कीटाणु फैल नहीं सकते |
कुछ भाई जुकाम में अल्कोहल (शराब-ब्रांडी) आदि लेने की सलाह देते हें| इन सबके बार-बार और अधिक पीने से प्रतिरक्षा प्रणाली का ह्रास हो जाता है| अल्कोहल शरीर में शुष्की पैदा करता है और इससे कीटाणु को बढ़ने में आसानी होती है|
अपने चेहरे को बार बार ना छूएं -
कुछ व्यक्तियों की आदत होती है की वे अपने मुहं नाक आदि को जाने अनजाने बार-बार छूते रहते हें, नाक और मुंह को बार बार ना छूएं, क्‍योंकि ऐसे में अगर आपके आसपास किसी को कोल्ड हुआ हो तो आपको भी कोल्ड होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
क्या खाना चाहिए?  
फाइटोकेमिकल्स फ्लू और कोल्ड से लड़ने में प्रभावी होते हें, इसके लिए व्यक्ति को अच्छे संतुलित भोजन के साथ पर्याप्त मात्रा में कच्चे फल और सब्ज़ियां भी खानी चाहिए क्योंकि यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए अच्छे होते हैं। इसमें गहरे हरे, पीले और लाल रंग की सब्ज़ियां आती हैं जो कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को अधिक सक्षम बनाते हें| फ़ास्ट फ़ूड चाट कचोरी आदि पोषण में कमी कर रोग को बढ़ने का करण बनतीं हैं|
दोनों समय ब्रश करना, और गला साफ करना विषाणु को गले के टोंसिल्स पर और दातो के बीच फसे अन्न कणों में बढने का मोका नहीं देता, और रोग हो ही नहीं पाताप्रतिदिन मोसम अनुसार ठंडे या गरम पानी से स्नान भी आवश्यक है| अक्सर कई लोग जुकाम होने पर नहीं नहाते, इससे विषाणु और बढ़ते जाते हें| याद रखें की सारे शरीर की सफाई, रोज धुले कपडे पहनना अति आवश्यक है|   
तुलसी, अदरक, केशर, असगंध, आदि भी यही कार्य करती हें| इन्हें चाय के स्था या अलग से काढ़े के रूप में पीना लाभदायक होता है|
नाक में षडविन्दु तैल, और सामान्य कान में हिन्ग्वादी तैल रोज डालने से जुकाम ठीक होता है|
जुकाम सर्दी होने पर अक्सर पैट ख़राब रहता है, शोच ठीक से नहीं होती, अतः यदि पार्टी सप्ताह अरंड तैल, पंचसकार चूर्ण, आदि का जुलाब ले लिया जाये जुकाम जल्दी ठीक होता है| आप अपने कोष्ठ के अनुसार चिकित्सक की सलाह से जुलाब ओषधि ले सकते हें| जुलाब नहीं लेना हो तो त्रिफला चूर्ण, हरड चूर्ण आदि रोज भी ले सकते हें|     


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चिकित्सा सेवा अथवा व्यवसाय?

स्वास्थ है हमारा अधिकार १

हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|

निशुल्क परामर्श

जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

चिकित्सक सहयोगी बने:
- हमारे यहाँ देश भर से रोगी चिकित्सा परामर्श हेतु आते हैं,या परामर्श करते हें, सभी का उज्जैन आना अक्सर धन, समय आदि कारणों से संभव नहीं हो पाता, एसी स्थिति में आप हमारे सहयोगी बन सकते हें| यदि आप पंजीकृत आयुर्वेद स्नातक (न्यूनतम) हें! आप पंचकर्म चिकित्सा में रूचि रखते हैं, ओर प्रारम्भ करना चाह्ते हैं या सीखना चाह्ते हैं, तो सम्पर्क करेंं। आप पंचकर्म केंद्र अथवा पंचकर्म और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे अर्श- क्षार सूत्र, रक्त मोक्षण, अग्निकर्म, वमन, विरेचन, बस्ती, या शिरोधारा जैसे विशिष्ट स्नेहनादी माध्यम से चिकित्सा कार्य करते हें, तो आप संपर्क कर सकते हें| सम्पर्क समय- 02 PM to 5 PM, Monday to Saturday- 9425379102/ mail- healthforalldrvyas@gmail.com केवल एलोपेथिक चिकित्सा कार्य करने वाले चिकित्सक सम्पर्क न करें|

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