A. सपाट (Flat) या समतल क्षति; B. उन्नत Elevated) क्षतियाँ; C. गहरी क्षति Depressed lesion .
1.
Macule मैकुले :- त्वचा में विवर्णता (discoloration) या त्वचा का रंग बदलने से दिखने वाले चिन्ह जो त्वचा
के समतल होते है| मैक्यूलस किसी भी आकार या रंग का हो सकता है| यह आन्तरिक रक्त दूषित का प्रतीक है, सामान्यत:
इससे कोई कष्ट नहीं होता| रंग एवं चिन्ह के अनुसार दोष से सम्बन्ध जोड़ा जा
सकता है| इसे तिल (mole) जो जन्मजात चिन्ह होता है, नहीं
समझना चाहिए|
5. Pustule पूयस्फोट (फोड़े) – त्वचा पर अधिक उभरे हुए
जिनमें सफ़ेद, हरा, पीला पूय
युक्त तरल भरा होता है| यह त्वचा में पित्त के प्रकोप
से होने वाला पाक का परिणाम है|
6.
Vesicle पुटिका :-बाह्य त्वचा पर उभरे हुए स्वच्छ से क्लेद युक्त
तरल से भरे, आधा सेमी से कम वाले वेसिक्ले जो कफ दुष्टि
के कारण होते हें, वेसिकल कहाते हें|
8.
Wheal चक्रिका :- त्वचा पर शोथ के कारण उसकी सतह पर किनारे पर
लालिमा वाले पर उठे हुए कई आकार के चक्क्त्तरे होते है| इनमें खुजली होती है| इसका कारण कफ और पित्त का
प्रकोप होता है| उदर्द, शीतपित्त
इसी श्रेणी के होते हें|
10.
Petechiae पेटीचिया:- आघात आदि से त्वचा में रक्त स्राव होने
पर लाल, नीले, काले निशानो
की तीन स्तिथियाँ हो सकतीं है| पेटीचिया, परपुरा, और एक्मोसेस. पेटीचिया में ये निशान से
आलपिन के सिरे जैसे होते हें| आयुर्वेद के विचार से
स्थानीय कोशिकाओं में कफ क्षय के कारण और रक्त बड़ने से होता है|
15. Erythema एरिथ्रिमा :- त्वचा पर लालिमा, पित्त के प्रभाव
से त्वचा के वर्ण में परिवर्तन होना है| यह संनिकृष्ट
कारणों से पित्त की तीव्र दुष्टि है| आधुनिक चिकित्सा
विज्ञानं मत से यह हर्पीज सिम्पलेक्स के संक्रमण से होने वाली प्रतिक्रिया से होती
है, जो सामान्यता स्वत: ठीक हो जाती है| 16. Burrow खाज :- बुर्रो का अर्थ बिल या गुफा होता है, त्वचा में यह एक प्रकार की खुजली वाला रोग है, जो सरकोप्टस स्कैबीईनामक परजीवी (लिंक पर रोग का विवरण है देखें) से होने वाली स्केबीज है| यह पेरासाईट बहुत छोटे होते हैं तथा त्वचा में रह कर उसे खोदते रहते हैं जिससे तेज खुजली होती है। रात में यह खुजली और भी बढ़ जाती है।
- Particular or Secondary skin lesions (चर्म रोग-2 विशेष). जब सामान्य से होने वाले चर्म रोगों की और ध्यान नहीं दिया जाता तो, ऐसे प्रारम्भिक त्वक विकार ही अघात (चोट), संक्रमण, अपथ्य आहार सेवन (Unhealthy intake), मिथ्याविहार (अस्वस्थ जीवन शैली Unhealthy lifestyle), आदि कई कारणों से बढ़कर विशेष त्वक विकार उत्पन्न करते हें| इसके अंतर्गत Scale, Crust, Erosion, Fissure, Ulceration, Excoriation, or Lichenification. आदि आते हें| Link- Particular or Secondary skin lesions (चर्म रोग-2 विशेष).
- Skin त्वचा, शरीर की सुरक्षात्मक चादर, और सम्बेदना का ज्ञान (अनुभव) कराने वाली एक ज्ञानेन्द्रिय . चर्म रोगों को जानने के लिए उसके (त्वचा skin) के बारे में जानना चाहिए तब ही हम उसमें होने वाले रोगों और चिकित्सा के बारे में जान पाएंगे| देखें लेख (हिंदी):- SKIN – The Outermost protective body covering & Rispondere for external stimuli.
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