की उसे इस प्रकार की कोई समस्या हो सकती है, फिर भी यह होता है, ओर अक्सर जब पता चलता है तब तक देर हो चुकी होती है। इसके आगमन को पहचानना आवश्यक है, यदि पहचान लिया जाए तो हमारे नजदीक उपस्थित व्यक्ति के प्राण बचाए जा सकते हें। - दर्द अगर पिन पॉइंट या उंगली से पता किया जा सके तो हार्ट अटैक का नहीं है।
- दर्द अगर 30 सेकंड से कम रहे तो हार्ट अटैक का नहीं है।
- दर्द अगर 5 मिनट से कम रहे, तो भी हार्ट अटैक नहीं, पर एंजाइना हो सकता है, यह आगामी अट्टेक की भूमिका हो सकती है।
- इससे ज्यादा देर तक हो तो हार्ट अटैक हो सकता है।
ह्रदयाघात या हार्ट अट्टेक कोरनारी हार्ट डिसिज (CHD) या ह्रदय रोग का ही परिणाम है। शरीर के प्रत्येक अंग की तरह ही धमनियों द्वारा रक्त के माध्यम से ऑक्सीज़न की आपूर्त्ति ह्रदय की मांस पेशियों को भी की जाती है। ये मांस पेशियाँ, ह्रदय को पानी के पम्प (मोटर) की तरह धड़काती या चलती रहती हें। इन मांस पेशियों को रक्त सप्लाई करने वाली धमनियों को कोरोनारी धमनी(आर्टरी) कह जाता है। इन धमनीयों में एक मोम जैसा पदार्थ [कोलेष्ट्रोल] जमना शुरू हो जाता है, इससे ऑक्सीज़न को ह्रदय की मांसपेशी में पहुचने में कठिनाई होती है। इस स्थिति को धमनी काठिन्य या एथ्रिओस्क्लेरोसिस [Atherosclerosis] कहा जाता है। एसा कई वर्षों में होता है।
एसा होने पर या दिल का दौरा पड़ने का पहला संकेत मिलते ही तेजी से जीवन को बचाने और दिल को अधिक हानी होने से बचा कर हानी सीमित (कम) कर सकते हैं। सीपीआर या छाती को बार बार दावा कर मृत्य मुख में पहुंचे व्यक्ति की पुनर्जीवित किया जा सकता है और यही तत्काल दी गई सहायता बाद में किए जाने वाले उपचार में अधिक मददगार होती है देखें विडिओ CPR कैसे कोई भी दे सकता है| लिंक:- [विडिओ Cardiopulmonary Resuscitation (CPR) Must-see Video]
- सीने में दर्द या बेचैनी - ताजा आए दिल के दौरे सीने के बाईं ओर में बेचैनी जो आमतौर पर एक कुछ मिनट या समय तक रहती है फिर कम हो जाती है और फिर से वापस आ जाता है । रोगी इसे कम या अधिक बेचेनी, या दर्द , ओर दबाव की तरह महसूस कर सकता हैं। यह कभी कभी जलन, एसिडिटी या अपच की तरह महसूस की जा सकती है।
- शरीर के ऊपरी भागों में बेचैनी . रोगी दर्द या बेचैनी में से एक,या दोनों, दोनों हाथ , पीठ, कंधे , गर्दन , जबड़े , या पेट के ऊपरी भाग ( नाभि से ऊपर ) पर भी महसूस कर सकता हैं।
- सांस की तकलीफ -बिना किसी कारण के ही यह लक्षण हो सकता है। या यह पहले या सीने में दर्द या बेचैनी के साथ सांस में कष्ट भी हो सकता है। एसा व्यक्ति के आराम करने या सामान्य शारीरिक गतिविधि करते समय भी हो सकता है।
- ठंडा पसीना छूटना बिना किसी कारण के थकावट (टायर्ड) अनुभव करना, विशेषकर महिलाओं में यह थकावट बिना किसी कारण से कई दिन तक रहे।
- मतली और उल्टी होना।
- अचानक सिर में खालीपन प्रतीत होना( headedness) या अचानक चक्कर आना ।
- अचानक कोई बिना कारण कोई नया लक्षण जो अब बन गया हो जैसा कभी भी पहिले अनुभव न किया हो।
- सीपीआर यानी चेस्ट कॉम्प्रेशन--- अगर किसी की सांस रुक जाए तो 10 मिनट के अंदर, 10 मिनट तक, 10 x 10 यानी 100 प्रति मिनट की स्पीड से मरीज की छाती पीटें। उसके बचने के चांस 60 फीसदी होंगे।
- अस्पताल के लिए जाते समय पीढ़ित स्वयं ड्राइव या किसी अपने के लिए भी आप ड्राइव नहीं करें।
- किसी एंबुलेंस को प्राथमिकता दें ताकि रास्ते में ही चिकित्सा शुरू हो सकें।
- यदि उपचार पूर्व से चल रहा हो तो नाइट्रोग्लिसरीन की गोली जो हमेशा साथ होना चाहिए, जीभ के नीचे रख लें।
- हार्ट अटैक हो तो मरीज को 300 एमजी वॉटर सॉल्युबल एस्प्रिन (डिस्प्रिन) चबाने को दें।
- जवाहर मोहरा [एक महंगी आयुर्वेदिक ओषधि] की एक डोज़ 50 से 100 मिग्रा जीभ पर रख दे।
कुछ विडिओ जो देखना चाहिए, इससे आप अपनी या किसी अपने की जान बचा सकते हें|
कृपया देखें, सीखें और किसी को मोत के मुहं से वापिस लायें:-
कार्डियोपल्मोनरी रेस्युसियेशन या सीपीआर एक आपातकालीन जीवन-रक्षक प्रक्रिया है। यह हार्ट अटेक, पानी में डूबने, या अन्य किसी कारण से साँस बंद हो जाने पर मष्तिष्क को रक्त ण मिलने से उसे होने वाली क्षति या मृत्यु हो जाने बचने के लिए होती है| आवशयक नहीं की इसे जानने वाला कोई चिकित्सक ही हो| कोई भी व्यक्ति इस विडिओ से सीख कर किसी की जान बचा सकता है|
