Rescue from incurable disease

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लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

जेनाइटल वार्टस या गुप्तांग के मस्से

ये वो मस्से होते हैं जो जननांग क्षेत्र की त्वचा पर बनते हैं। सारे शरीर पर होने वाले मस्से या वार्ट्स से अलग हे। ये कुछ तरह के ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एच पी वी) के उप-प्रकार के कारण होते हैं, वही वायरस जिसके कारण शरीर के दूसरे अंगो पर मस्से होते हैं।
गुप्तांग के मस्से संभोग से फैलते हैं, इसलिए इन्हें यौन संचारित रोग (एस टी डी) की श्रेणी में डाला जाता है, और ये पुरूषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकता है। गुप्तांग के मस्सों को कोन्डाइलोमा ऐक्यूमिनाटा या मैथुनिक मस्से भी कहा जाता है। ये योनि, गर्भाशय ग्रीवा, गुप्तांग क्षेत्र, या मलाशय के पास कहीं भी हो सकते हैं।
क्योंकि गुप्तांग के मस्सों को विकसित होने में छह महीने लग सकते हैं, आपको बिना किसी लक्षण के संक्रमण हो सकता है। ह्यूमन पैपिलोमा वायरस दुनिया भर में लगभग सभी ग्रैव कैंसर के मामलों का कारण भी है। वो उप-प्रकार जिनकी कैंसर उत्पन्न करने की संभावना सबसे ज़्यादा होती है उन से अलग होते हैं जो आमतौर पर मस्सों का कारण होते हैं। परन्तु, कई लोग एक से ज़्यादा उप-प्रकार से संक्रमित होते हैं। इसलिए, जिन लोगों को गुप्तांग के मस्से हैं उनकी कैंसर-उत्पन्न करने वाले वायरस से संक्रमित होने की भी संभावना ज़्यादा होती है।
गुप्तांग के मस्से नम सतहों पर निकलते हैं, विशेष रूप से महिलाओं की योनि और मलाशय की प्रविष्टि पर। पुरूषों और महिलाओं में, ये जननांग या गुदा क्षेत्र में कहीं भी निकल सकते हैं। ये छोटे, चपटे, मांस के रंग (पीला-गुलाबी रंग) के उभार या छोटे, फूलगोभी जैसे उभार हो सकते हैं। अकेले मस्सों के व्यास का माप आमतौर पर 1 मिलीमीटर से 2 मिलीमीटर होता है पेंसिल रबर के व्यास से बहुत छोटा लेकिन झुण्ड काफ़ी बड़े हो सकते हैं। कुछ मामलों में, मस्से इतने छोटे भी हो सकते हैं कि आप उन्हें देख नहीं सकते। हो सकता है गुप्तांग के मस्से कोई लक्षण उत्पन्न ना करें, या ये खुजली, जलन, पीड़ा या दर्द का कारण हो सकते हैं।
गुप्तांग के मस्से स्वयं या इलाज से जा सकते हैं। उनके लिए वापस होना आम है। कुछ वायरस (एच पी वी) के स्ट्रेन, जो गुप्तांग के मस्सों का कारण होते हैं,यह दुनिया भर में लगभग सभी ग्रैव कैंसर के मामलों का कारण हैं, जबकि सिर्फ़ कुछ ही प्रतिशत महिलाएँ जो संक्रामक होती हैं उन्हें कैंसर होगा। ग्रैव कैंसर दशकों में धीरे धीरे विकसित होता है। यदि आपको गुप्तांग के मस्से होते हैं, आपकी कैंसर उत्पन्न करने वाले वायरस के स्ट्रेन से संक्रामक होने की भी संभावना है। आपको मेडिकल परीक्षण नियमित रूप से करवाना चाहिए।
गुप्तांग के मस्सों से बचने का सबसे बेहतर तरीका है संभोग से दूर रहना या केवल एक असंक्रामक साथी के साथ ही संभोग करना। कॉन्डम इस्तेमाल करने से भी संक्रमण से बचने में मदद नहीं मिल सकती | कारण कॉन्डम हमेशा पूरी प्रभावित त्वचा को ढक नहीं पाते यही वो कारण जो संक्रमित होने का खतरा बढ़ा देते हैं उनमें शामिल हैं:
अन्य एस टी डी होना (क्योंकि खतरे के कारण समान हैं)
एकाधिक यौन साझेदार,धूम्रपान करना,कुछ विटामिन की कमी , कुछ दवाएँ या चिकित्सा की स्थिति जो रोगक्षम तंत्र को दबा देते हैं, जैसे एड्स।
यदि आपको गुप्तांग के मस्से हुये हैं, आपका हर साल में कम से कम एक बार ग्रैव कैंसर के लिए परीक्षण होना चाहिए। नियमित जाँच से ग्रैव कैंसर से बचाव कर सकते हैं, और ज़्यादातर मामलों में उपचार कर सकते हैं यदि इसका आरम्भिक चरण में पता लग जाये।

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एक पाठक के ई मेल द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर-
अक्सर इस प्रकार के रोग के रोगी शर्मिंदगी के कारण सही चिकित्सक या चिकित्सालयों में न जाकर नीम हकीमो के पास सड़कों पर विज्ञापन देखकर संपर्क करते हें। इस प्रकार के चिकित्सक भरपूर लूट मचाते हें, ओर लाभ भी पूरा नहीं दे पाते।  क्योकि वे जानते हें की रोगी कहीं शिकायत नहीं करेगा।  जितना धन खींचा जा सकता है खींच लिया जाए चाहे उसे लाभ हो या नहीं। 
WHO(विश्व स्वास्थ्य संगठन)ओर देश ओर प्रदेशों के शासकीय स्वास्थ विभागों ने सभी जगह छोटे बढ़े अस्पतालों में योंन रोगों के अलग विभाग बनाए हें, सभी जगह प्रत्येक रोगी की जानकारी गुप्त रखी जाती है। एसा नहीं होने पर संबन्धित दंड का भागी होता है। सभी प्रकार के एस॰टी॰डी॰(सेक्सुयल ट्रांमिटेड डिसिज) की चिकित्सा उपलब्ध है। यह रोग अब आसानी से ठीक किया जा सकता है। आवश्यकता जल्दी से जल्दी सही चिकित्सक के पास पहुचने मात्र की है।   



समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान ,एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें |.

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