प्रतिदिन होने वाली समस्याओं में से गर्दन दर्द या सर्वाइकल
स्पोंडिलोसिस भी एक है। आज घंटों डेस्क पर काम करना हमारी मजबूरी बन गया है, ऐसे में गर्दन
दर्द लगभग कामन कोल्ड की तरह सामान्य होता जा रहा है।
वैसे तो यह समस्या सामान्य होती है, लेकिन कुछ
परिस्थितियों में यह गंभीर रूप भी ले लेती है। गर्दन दर्द किसी पुरानी चोट या
स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण भी हो सकता है।
गर्दन
दर्द के कारण सामान्य या जटिल भी हो सकते हैं, जैसे :
• लंबे
सामय तक डेस्क का काम, उठने-बैठने, सोने की गलत पोजीशन या कठोर तकिए का इस्तेमाल।
• किसी
प्रकार की चोट के कारण हड्डियों का अपने स्थान से खिसक जाना।
• ट्यूमर या मांस पेशियों में मोच।
• गर्दन के स्पाइन में अर्थराइटिस।
• भारी वस्तु्ओं को उठाने का काम।
• तनाव या स्वास्थ्य संबंधी दूसरी समस्याएं।
गर्दन दर्द सामान्य प्रकार का दर्द है। यह दर्द अकसर लम्बे
समय तक रहने वाला होता है इसलिए आप ऐसे में घरेलू उपायों या वैकल्पिक चिकित्सा का
सहारा ले सकते हैं।
• गर्दन
दर्द की स्थिलति में प्रभावित क्षेत्र पर अधिक ज़ोर पड़ने से दर्द बढ़ जाता है
इसलिए तीव्र दर्द होने पर आराम करें।
• प्रभावित क्षेत्र पर गर्म पानी के वाटर बैग या बर्फ के
टुकड़ों से सिंकाई करना भी एक अच्छा् विकल्प है।
• गर्दन दर्द से बचने के लिए आप एक्यूप्रेशर, एक्यूपंचर, जल चिकित्सा व, चुम्बकीय
चिकित्सा,
योग, मालिश, फीजि़योथेरेपी
जैसी वैकल्पि क चिकित्साओं को भी अपना सकते हैं।
- •आयुर्वेदिक पञ्च कर्म चिकित्सा द्वारा आसानी से ठीक किया जा
सकता हे |
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तेज़
दर्द होने पर दर्द निवारक दवाईयां भी ली जा सकती हैं।२६/१०/११ अगर आपको लंबे समय
से गर्दन में दर्द की शिकायत है, तो व्यायाम या योगा को अपनी आदत में शामिल करें। असहनीय
दर्द की स्थिति में, चिकित्सक से परामर्श लेकर
उचित उपचार करें क्योंकि चिकित्सा के अभाव में यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है।
समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान ,एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें |.
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