वे छोटे, चपटे व भूरे धब्बे हैं जो त्वचा पर पाये जाते हैं। इनका रंग लाल से लेकर भूरा तक हो सकता है। यह आमतौर से लोगों में पाये जाते हैं और पूरी तरह नुकसानरहित हैं। हल्के रंग की त्वचा वाले लोगों में ये ज़्यादा पाये जाते हैं क्योंकि उनमें त्वचा को सूर्य किरणों से होने वाले नुकसान से बचाने वाला कैमिकल मैलेनिन (त्वचा सेल्स द्वारा उत्पन्न) कम मात्रा में होता है। त्वचा में मैलेनिन के असमान वितरण के कारण ही फ्रेकल्स उत्पन्न होते हैं। किसी एक जगह पर मैलेनिन का अत्यधिक बनना भी फ्रेकल्स बना देता है।
फ्रेकल्स अधिक देर तक धूप में रहने का परिणाम हैं जो सूर्य की किरणों से ज़्यादा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों में आम पाये जाते हैं। फ्रेकल्स आमतौर से चेहरे, कंधों और बांहों पर पाये जाते हैं।
फ्रेकल्स किसी एक धब्बे या गुच्छों के रूप में भी अनियमित विकसित हो सकते हें
कारण
आनुवंशिकीः फ्रेकल्स बनने की आनुवंशिक प्रवृत्ति इस दशा का कारण हो सकती है। यदि आपके परिवार में किसी को फ्रेकल्स हों तो आपको भी होने के चांस बढ़ जाते हैं।
सूर्य की धूपः धूप में ज़्यादा रहने से त्वचा को अधिक मैलेनिन बनाना होता है ताकि हानिकारक सूर्य की किरणों से रक्षा की जा सके। किन्हीं हिस्सों पर मैलेनिन का इस तरह बनना या मैलेनिन का असमान वितरण फ्रेकल्स बना सकता है।
गोरे रंग के लोगों में फ्रेकल्स होने की आशंका अधिक रहती है क्योंकि ऐसी त्वचा में मैलेनिन कम होता है और यह (धूप में)आसानी से झुलस सकती है।
उपचार
अधिकतर मामलों में फ्रेकल्स हानिरहित होते हैं और कॉस्मेटिक कारणों को छोड दें तो इनका उपचार आवश्यक नहीं होता।
फ्रेकल्स को हल्का करने हेतु ब्लीचिंग क्रीम का उपयोग किया जा सकता है हालांकि यह प्रभावित त्वचा को असमान बना सकती है और रैशेज की वजह भी बन सकती है।
क्रायोथेरेपी या तरल नाईट्रोजन द्वारा फ्रीजिंगसे या लेजर ट्रीटमेंट या इन्टेन्स पल्सड लाइट थेरेपी पिगमेंटेशन को खत्म कर सकती है
चूंकि गोरी त्वचा वाले लोगों को आसानी से फ्रेकल्स हो जाते हैं ज़्यादा देर तक धूप में रहने से बचें।
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