Rescue from incurable disease

Rescue from incurable disease
लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

अस्‍थमा क्‍या है..?

दमा के दौरे के दौरान जिन लोगो को कभी-कभी दौरा पड़ता है उसके लक्षण हलके होते हैं और जिन लोगों को लगातार दौरे पड़ते है उनके लक्षण गम्भीर होते है जिनसे जीवन को खतरा हो सकता है।

दमा के दौरे के दौरान सूजन के कारण वायु-मार्ग संकरा तथा मांस- पेशियों में जकडन आ जाती है । हवा का प्रवाह बंद हो जाने से श्लेष्ण उस संकरे वायु- मार्ग में पैदा हो जाता है। दमा के दौरे से फेफड़ों के बड़े वायु-मार्ग प्रभावित होते हैं जिसे ब्रोची (वायु प्रणाली के दो प्रधान कोष्ठों में से एक ) कहते हैं और फेफड़ों कहते वायु-मार्ग ब्रोंकिओल्‍स कहा जाता है। दमा का इलाज सूजन की रोकथाम और मांस-पेशियों को आराम देने पर ही केन्द्रित रहता है । 
दमा से सम्बन्धित सूजन का कोई स्पष्ट कारण नहीं है, लेकिन कई पर्यावरण इसे प्रेरित करते हैं । दमा को कई पदार्थ प्रेरित करते हैं, जैसे कुछ पदार्थ शरीर की इम्यून (असंक्राम्य ) व्यवस्था का कारण हैं, कई दमा एलर्जी से प्रेरित होते हैं आमतौर पर एलर्जी पशुओं की रुसी, लार धूल के कण, कीरे, कुछ दवाओं और कुछ खाद्य पदार्थों से भी होती है। दमा की ऊँची सूची मैं सर्दी-फ्लू जैसे वायरल संक्रमण, व्यायाम ,ठंड , खुश्क हवा, सिगरेट का धुआं, लकड़ी का धुआं रंगों की भभक ,रसायनों की तेज भभक, पेड़ों के पोलन और भावनात्मक तनाव भी शामिल है। कई लोगों में जिनमे दमा के गम्भीर लक्षण पाए जाते हैं, दमा का कोई कारण पता नहीं लगता ।
यद्यपि दमा बहुत जल्दी भी विकसित हो सकता है, 5 साल की उम्र से भी पहले, इसके लक्षण किसी भी उम्र में प्रारम्भ हो सकते हैं. यह हालत एक (विरासत ) अनुवंशिक घटक है और पारिवारिक इतिहास से भी एलर्जी आ सकती है। और भी देखें  -- अस्‍थमा या श्वाश रोग |
बचाव के तरीके
अस्थमा या दमा के उपचार में सबसे जरुरी होता है की मरीज हमेशा ये प्रयास करे की वो एलर्जिक या उस प्रकार के पदार्थो से बच कर रहे...जो उसके साँस लेने की प्रक्रिया में बाधक होते है..
इस तरह के पदार्थो या कारको से बचना पहली प्राथमिकता होती है...
साथ ही अगर मरीज किसी प्रकार की मेडिसिन को लेता है तो वो हमेशा उसके साथ होना ही चाहिए ताकि आपतकालीन परिस्थिति में उसकी जान बचाई जा सके...
मरीज एलर्जिक कारको से बचने के लिए मुह पर कपडा या मास्क का प्रयोग कर सकता है....
कोहरे और ठण्ड से बच कर रहे...किसी भी गर्म कमरे से बाहर जाते समय नाक को रुमाल से ढँक कर रखे...
रात को सोते समय सिरहाना थोडा ऊँचा रखे ताकि साँस आसानी से ली जा सके.....

होमियोपेथिक उपचार

होमियोपेथिक उपचार हमेशा मरीज की बीमारी से जुड़े लक्षणों के आधार पर किया जाता है, ये उपचार प्रत्येक व्यक्ति और उम्र,लिंग के आधार पर अलग-अलग हो सकता है..
होमियोपेथी में मुख्य रूप से कई मेडिसिन अस्थमा के उपचार के लिए प्रयोग में ली जाती है जो इस प्रकार है... ब्रायोनिया अल्बा, आर्सेनिक, सीपिया, ड्रोसेरा, एंटीमोनियम टार्ट, ब्लान्ता ओरिएन्तालिस , इत्यादि लेकिन ये मेडिसिन हमेशा किसी होमियोपेथिक विशेषज्ञ के निर्देशन में ही लेनी चाहिए...
-आयुष्मान भव:

समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान ,एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें|
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चिकित्सा सेवा अथवा व्यवसाय?

स्वास्थ है हमारा अधिकार १

हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|

निशुल्क परामर्श

जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

चिकित्सक सहयोगी बने:
- हमारे यहाँ देश भर से रोगी चिकित्सा परामर्श हेतु आते हैं,या परामर्श करते हें, सभी का उज्जैन आना अक्सर धन, समय आदि कारणों से संभव नहीं हो पाता, एसी स्थिति में आप हमारे सहयोगी बन सकते हें| यदि आप पंजीकृत आयुर्वेद स्नातक (न्यूनतम) हें! आप पंचकर्म चिकित्सा में रूचि रखते हैं, ओर प्रारम्भ करना चाह्ते हैं या सीखना चाह्ते हैं, तो सम्पर्क करेंं। आप पंचकर्म केंद्र अथवा पंचकर्म और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे अर्श- क्षार सूत्र, रक्त मोक्षण, अग्निकर्म, वमन, विरेचन, बस्ती, या शिरोधारा जैसे विशिष्ट स्नेहनादी माध्यम से चिकित्सा कार्य करते हें, तो आप संपर्क कर सकते हें| सम्पर्क समय- 02 PM to 5 PM, Monday to Saturday- 9425379102/ mail- healthforalldrvyas@gmail.com केवल एलोपेथिक चिकित्सा कार्य करने वाले चिकित्सक सम्पर्क न करें|

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