Rescue from incurable disease

Rescue from incurable disease
लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

खाने की बार बार इच्छा और खाते रहना -एक नशा !

   क्या भूख लगने पर आपकी बर्गर खाने की तीव्र इच्छा होती है ? क्या फ्रैंच फ्राईज़ का ख्याल आपको मैक डोनाल्ड तक ले जाता है ? क्या आप कठोर तौर पर यह कह सकते हैं कि आपको फास्ट फूड की लत है ।ऐसी लत का पता व्यक्ति को बहुत समय बाद लगता है और तबतक व्यक्ति का वज़न कई गुना बढ़ चु‍का होता है ।
फास्ट फूड की इस लत से पीछा छुड़ाने का रास्ता क्या हे ?
एक नये शोध के अनुसार फास्ट फूड की लत भी तम्बाकू या हिरोइन की लत की ही तरह होती है । यह समस्या सिर्फ युवाओं में ही नहीं बल्कि बच्चों में भी बढ़ती जा रही है ।
सभी उम्र के बच्चों पर ऐसी लत का ध्यान देना आवश्यक है ।
‘सुपरसाइज़ मी’ एक ऐसे कहानी है, जिसमें एक व्यक्ति को मैक डी के आहार की लत लग जाती है और वो सिर्फ पि़ज्जा़ और बर्गर खाकर खुश रहता है। शुगर और खाद्य पदार्थ भी दिमाग पर कुछ वैसे ही प्रभाव डालते हैं जैसे कि ड्रग्स और धीरे – धीरे इसका प्रभाव हमारी भूख पर पड़ने लगता है।
सबसे भयानक बात यह है कि ऐसी लत का पता व्यक्ति को बहुत समय बाद लगता है और तबतक व्यक्ति का वज़न कई गुना बढ़ चु‍का होता है । ध्यान देने योग्य सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि व्यक्ति को हमेशा अपने आहार पर ध्यान देना चाहिए । आप जो भी आहार लेते हैं उसे कम मात्रा में लें । ध्यान रखें कि यह बात महत्व नहीं रखती कि आप क्या खा रहे हैं, बल्कि यह बात महत्व रखती है कि आप कितना खा रहे हैं । इसके अलावा लत का एक कारण यह हो सकता है कि आप वसा की कितना मात्रा ले रहे हैं या किस मात्रा में जंक फूड का सेवन कर रहे हैं ।
लत को मानने का सबसे कठोर चरण है इसे स्वीकार करना । एक बार जब आप अपनी लत को स्वीकार कर लेंगे तो अपनी इच्छा शक्ति की मदद से इससे बचने के रास्ते आप स्वयं ही तलाश लेंगे ।
दृढ़ इच्छा शक्ति सर्वोच्च है और कुछ स्थितियों में परामर्श से भी मदद मिलती है। ध्यान रखें कि आपको बहुत तेज़ भूख ना लगने पाये।
साइकोथेरेपिस्ट्स के अनुसार क्रेविंग ऐसी स्‍थिति जिसका असर सिर्फ 15 मिनट तक रहता है ।
भूख लगने पर पानी पीयें क्‍योंकि कभी-कभी हमारा शरीर प्यास के संकेत को भूख की स्थिति मान बैठता है। कुछ चिकित्सक क्रेविंग से बचने के नुस्खे बताते हैं। शुरूवात कुछ इस प्रकार करें, पहले दिन कोई भी जं‍क फूड ना खायें और फिर दूसरे दिन पुरस्कार के रूप में थोड़ा सा जंक फूड खायें। दोबारा दो दिन तक कोई भी जं‍क फूड ना खायें और फिर तीसरे दिन पुरस्कार के रूप में थोड़ा सा जंक फूड खायें । लगातार ऐसा तब तक करते रहें जबतक कि आप अपने आपको क्रेविंग या भूख लगने की स्थिति का सामना करने के काबिल ना बना लें ।
फास्ट फूड को ना कहना आपके स्वास्‍थ्‍य के लिए अच्छा है । यह कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे कि आप कहां पैदा हुए हैं, आपके घर पर कैसे आहार का सेवन होता है । वो बच्चे जिनके खान–पान की आदतों पर नज़र रखी जाती है, उनमें ऐसी समस्या कम होती है । कुछ की जीवनशैली कुछ ऐसी है:
  सुबह वो देर से उठता है और स्कूल जाने से पहले ब्रेकफास्ट में फास्ट फूड लेता है, कार में बैठ कर कुछ बिस्किट खाता है । स्कूल पहुंचकर कैन्टीन से दो समोसे और कोल्ड ड्रिंक पीता है । अधिकतर समय वो लंच में पिज्जा़, बर्गर और फ्राईज़ मंगाता है क्योंकि उसके अनुसार घर का खाना बोरिंग होता है । अकसर वो पेट भरा होने के कारण रात का खाना नहीं खा पाता और उसके कम्यूटर के इर्द-गिर्द या बैग में स्नैक्स भरे होते है । वो देर रात तक जागता है और भूख लगने पर स्नैक्स और कोल्ड ड्रिंक का सेवन करता है। उसके माता और पिता दोनों ही कार्यरत हैं और रात का खाना जो कि विशेष रूप से उसके लिए बनाया जाता है, वो खाने को मना करता है । इस बच्चे को विशेष रूप से फास्ट फूड की लत लगी हुई है ।
बच्चों के स्वास्‍थ्‍य के लिए अभिभा‍वक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि यह आगे जाकर बच्चों की आदत बन जाती है । 21वीं सदी के बच्चों में यह सबसे बड़ी समस्या है, बच्चों और किशोरों में मोटापा जो कि जीवनशैली में बहुत ही आम है । हमें ऐसी समस्याओं के बारे में जानकारी रखनी चाहिए ।

समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान ,एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें |.

कोई टिप्पणी नहीं:

आज की बात (29) आनुवंशिक(autosomal) रोग (10) आपके प्रश्नो पर हमारे उत्तर (61) कान के रोग (1) खान-पान (69) ज्वर सर्दी जुकाम खांसी (22) डायबीटीज (17) दन्त रोग (8) पाइल्स- बवासीर या अर्श (4) बच्चौ के रोग (5) मोटापा (24) विविध रोग (52) विशेष लेख (107) समाचार (4) सेक्स समस्या (11) सौंदर्य (19) स्त्रियॉं के रोग (6) स्वयं बनाये (14) हृदय रोग (4) Anal diseases गुदरोग (2) Asthma/अस्‍थमा या श्वाश रोग (4) Basti - the Panchakarma (8) Be careful [सावधान]. (19) Cancer (4) Common Problems (6) COVID 19 (1) Diabetes मधुमेह (4) Exclusive Articles (विशेष लेख) (22) Experiment and results (6) Eye (7) Fitness (9) Gastric/उदर के रोग (27) Herbal medicinal plants/जडीबुटी (32) Infectious diseaseसंक्रामक रोग (13) Infertility बांझपन/नपुंसकता (11) Know About (11) Mental illness (2) MIT (1) Obesity (4) Panch Karm आयुर्वेद पंचकर्म (61) Publication (3) Q & A (10) Season Conception/ऋतु -चर्या (20) Sex problems (1) skin/त्वचा (26) Small Tips/छोटी छोटी बाते (71) Urinary-Diseas/मूत्र रोग (12) Vat-Rog-अर्थराइटिस आदि (24) video's (2) Vitamins विटामिन्स (1)

चिकित्सा सेवा अथवा व्यवसाय?

स्वास्थ है हमारा अधिकार १

हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|

निशुल्क परामर्श

जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

चिकित्सक सहयोगी बने:
- हमारे यहाँ देश भर से रोगी चिकित्सा परामर्श हेतु आते हैं,या परामर्श करते हें, सभी का उज्जैन आना अक्सर धन, समय आदि कारणों से संभव नहीं हो पाता, एसी स्थिति में आप हमारे सहयोगी बन सकते हें| यदि आप पंजीकृत आयुर्वेद स्नातक (न्यूनतम) हें! आप पंचकर्म चिकित्सा में रूचि रखते हैं, ओर प्रारम्भ करना चाह्ते हैं या सीखना चाह्ते हैं, तो सम्पर्क करेंं। आप पंचकर्म केंद्र अथवा पंचकर्म और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे अर्श- क्षार सूत्र, रक्त मोक्षण, अग्निकर्म, वमन, विरेचन, बस्ती, या शिरोधारा जैसे विशिष्ट स्नेहनादी माध्यम से चिकित्सा कार्य करते हें, तो आप संपर्क कर सकते हें| सम्पर्क समय- 02 PM to 5 PM, Monday to Saturday- 9425379102/ mail- healthforalldrvyas@gmail.com केवल एलोपेथिक चिकित्सा कार्य करने वाले चिकित्सक सम्पर्क न करें|

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

स्वास्थ /रोग विषयक प्रश्न यहाँ दर्ज कर सकते हें|

Accor

टाइटल

‘head’
.
matter
"
"head-
matter .
"
"हडिंग|
matter "