अगर आपमें निम्नलिखित लक्षण पाए जाते हैं तो ये एक मुहं के दर्द या मौखिक घाव का संकेत हो सकता है।
कैंकर सोर्ज: कैंकर सोर्स मुहं के भीतर सफेद सूजन या घाव के रूप में उजागर होते हैं जिसके चारों ओर लालिमा का एक क्षेत्र होता है। कैंकर सोर्स कॉल्ड सोर्ज की तरह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संचारित नहीं होते, कॉल्ड सोर्ज हरपीज़ वायरस द्वारा उत्पन्न होता है और संक्रामक होता है। कैंकर सोर्स मुहं के अंदर देखा जाता है जबकि कॉल्ड सोर्स प्रायः मुहं के बाहर उत्पन्न होता है। कैंकर सोर्स प्रायः आवर्तक होते हैं। घाव छोटे, बड़े या हरपीटिफॉर्म (एकाधिक, झुंडों या समूहों में) हो सकते हैं। कैंकर सोर्स का सटीक कारण अज्ञात है परन्तु कुछ विशेषज्ञों के अनुसार प्रतिरोधी तंत्र की समस्याएं, बैक्टीरिया या वायरस का इसमें योगदान हो सकता है। तनाव, आघात, एलर्जी, सिगरेट धूम्रपान, लोहे या अन्य विटामिन की कमी, और आनुवंशिकता संभवतः वे कारक हैं जो जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
कॉल्ड सोर्ज: कॉल्ड सोर्ज को फीवर ब्लिस्टर्स या हरपीज़ सिम्प्लेक्स भी कहा जाता है। वे पीड़ादायक, द्रव्य से भरे फफोलों के समूह के रूप में नज़र आते हैं। कॉल्ड सोर्स अधिकतर होठों के क्षेत्र, नाक के नीचे या ठोड़ी के गिर्द पाए जाते हैं। इन मौखिक घावों का कारण हरपीज़ वायरस है और ये बहुत संक्रामक होते हैं। अगर आप एक बार हरपीज़ वायरस से संक्रमित हो जाते हैं तो ये शरीर में हमेशा के लिए रह जाता है। कुछ लोगों में ये वायरस निष्क्रिय रहता है और अन्य में यह आवर्तक हमलों का कारण हो सकता है।
ल्यूकेप्लेकिया: ल्यूकेप्लेकिया अधिकतर आंतरिक गाल, मसूड़ों और जीभ पर एक मोटे, सफ़ेद धब्बे की तरह नज़र आता है। ये अधिकतर धूम्रपान करने वालों और तम्बाकू का सेवन करने वाले लोगों में पाया जाता है। अन्य संभावित, कारण गलत फिट किये गए डेन्चर, टूटे दाँत और गाल का चबाया जाना हैं। लगभग 5 प्रतिशत रोगियों में ल्यूकेप्लेकिया कैंसर बन सकता है। अगर आप धूमपान छोड़ देते हैं तो ल्यूकेप्लेकिया ठीक हो सकता है।
कैंडिडिएसिस: कैंडिडिएसिस या मौखिक थ्रश का कारण फंगल संक्रमण (कैंडिडा ऐल्बिकन्स ए यीस्ट) है। ये मुँह की नम सतह पर एक क्रीमी, पीले-सफ़ेद या लाल रंग के धब्बे की नज़र आता है। ओरल थ्रश पीड़ादायक होता है। ये मुख्यतः उन लोगों में होता है जो डेन्चर पहनते हैं, काफी दिनों से एंटीबायोटिक ले रहे हैं, किसी कमजोर करने वाली बिमारी (जैसे कैंसर , एचआईवी) से ग्रस्त हैं और जिनका प्रतिरोधी तंत्र कमजोर है। नवजातों में भी ओरल थ्रश विकसित होना का खतरा होता है।
कोल्ड सोर और संक्रमण की चिकित्सा अवस्था के प्रकार पर निर्भर करती है।
कैंकर सोर्ज: इन मौखिक घावों को ठीक होने में 7-10 दिन लग सकते हैं। आपके डॉक्टर अस्थायी राहत के लिए सामयिक ओइंटमेंट्स और दर्द निवारकों का निर्देश दे सकते हैं। कभी-कभार सूक्ष्मजीवीरोधी मुख घोल (माउथ रिन्सीज़) जलन को कम करने में मदद कर सकते हैं। आगामी (सेकेन्डरी) संक्रमण की रोकथाम या उपचार के लिए एंटीबायोटिक दवायें निर्धारित की जा सकती हैं।
कॉल्ड सोर्ज: ये मौखिक घाव ठीक होने में लगभग 7 दिन ले सकते हैं। दाद संक्रमण के लिए कोई भी स्थायी उपचार नहीं है। कॉल्ड सोर्ज बार-बार हो सकते हैं। कॉल्ड सोर्ज के लिए विभिन्न उत्प्रेरक कारक भावनात्मक परेशानी, धूप से संपर्क, एलर्जी या बुखार हैं। आपके चिकित्सक अस्थायी राहत के लिए टॉपिकल अनेस्थेटिक और आवर्तक संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए एंटीवायरल दवाओं का निर्देश दे सकते हैं।
लयूकेप्लेकिया: ल्युकेप्लेकिया के उपचार के लिए सबसे महत्वपूर्ण मापदंड घाव पैदा करने वाले कारकों से छुटकारा पाना है जैसे तम्बाकू का उपयोग बंद करना, गलत फिट किये डेन्चर को निकाल देना। आपके दन्त चिकित्सक प्रकार, स्थिति और आकार के आधार पर समय-समय पर यानी प्रति तीन से छह महीनों में आपकी अवस्था का पुनरावलोकन करेंगे।
कैंडिडिएसिस: कैंडिडिआसिस के उपचार के लिए घाव उत्पन्न करने वाले कारकों से छुटकारा पाने की आवश्यकता होती है। जैसे:
डेन्चरस् की नियमित सफाई और रात में इन्हें निकाल देना
यदि एंटीबायोटिक या मौखिक गर्भनिरोधक अंतर्निहित कारण हैं तो इन्हें बंद करना, खुराक कम कर देना या उपचार में परिवर्तन सहायक हो सकता है।
यदि आपका मुहं सूखा रहता है तो सैलाइवा के अन्य विकल्प सहायक हो सकते हैं
इसके अलावा अच्छी मौखिक स्वच्छता बनाए रखें। कवकरोधी दवाओं की जरूरत हो सकती है।
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