- 1. भूख लगे तो पाहिले पानी पिए। अधिकतर इस मामले में मस्तिष्क प्यास को भूख समझ लेता हे, और कुछ भी खा लेना वजन बढाता हे।
- 2. खाने में गेहूं और आटे की चपाती लेना बंद करें, जौ-चने के आटे की चपाती लेना शुरू करें। इससे पेट और कमर ही नहीं सारे शरीर का मोटापा कम हो जाएगा।
- हर रोज सुबह एक गिलास ठंडे पानी में दो चम्मच शहद घोलकर पीना शुरू करें, इससे मोटापा कम होता है।
- केले व दूध का सेवन ज्यादा से ज्यादा मात्रा में करें। प्रत्येक दिन 6 से 7 केले व 3 से 4 गिलास दूध का सेवन करें।
- नीबूं का रस गुनगुने पानी में निचोड़कर पीयें, इससे भोजन अच्छे से पचता है और शरीर भी हल्का लगता है। शर्दियों में चाय नींबू वाली पिएं तो इससे गैस नहीं बनती।
- मौसमी हरी सब्जियों का प्रयोग करें जैसे, मेथी, पालक, बथुआ, चौलाईसाग इन सबमें कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है।
- कम उर्जा वाले व्यजनों का सेवन करें। जैसे भूने चने, मूंग दाल, दलिया आदि का सेवन करें।
- अंकुरित अनाज सुबह नाश्ते में लें जिससे भरपूर मात्रा में विटामिन तथा खनिज प्राप्तं होता रहे।
- अधिक चिकनाईयुक्त दूध तथा इससे बने पनीर का सेवन बंद कर दें।
- फास्ट फूड, जंक फूड, कचौरी, समोसे, पिज्जा बर्गर न खाएं। कोल्ड ड्रिंक न पिएं, क्यों कि कोल्डा ड्रिंक की 500 मिलीलीटर मात्रा में 20 चम्मच शुगर होती है।
- सोयाबीन का सेवन करना शुरू कर दें। सोयाबीन में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है और इसमें पाया जाने वाला आइसोफलेवंस नामक प्रोटीन शरीर में से चर्बी को कम करता है।
- दही का सेवन करने से शरीर की फालतू चर्बी घटती है, मटठे का भी सेवन दिन में दो से तीन बार करें।
- दो बडे चम्मच मूली के रस शहद में मिलाकर बराबर मात्रा में पानी के साथ पिएं, एक माह के बाद मोटापा कम होने लगेगा।
- नियमित रूप से व्यायाम करें। जैसे साइकलिंग, जॉगिंग, सीढी चढना-उतरना, रस्सी कूदना, टहलना, घूमना इस प्रकार के व्या याम नियमित रूप से करने से वजन घटाया जा सकता है।
मोटापा कम करने के उपाय-Small Tips
चिकित्सा सेवा अथवा व्यवसाय?
स्वास्थ है हमारा अधिकार १
हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|
निशुल्क परामर्श
जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।
चिकित्सक सहयोगी बने:- हमारे यहाँ देश भर से रोगी चिकित्सा परामर्श हेतु आते हैं,या परामर्श करते हें, सभी का उज्जैन आना अक्सर धन, समय आदि कारणों से संभव नहीं हो पाता, एसी स्थिति में आप हमारे सहयोगी बन सकते हें| यदि आप पंजीकृत आयुर्वेद स्नातक (न्यूनतम) हें! आप पंचकर्म चिकित्सा में रूचि रखते हैं, ओर प्रारम्भ करना चाह्ते हैं या सीखना चाह्ते हैं, तो सम्पर्क करेंं। आप पंचकर्म केंद्र अथवा पंचकर्म और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे अर्श- क्षार सूत्र, रक्त मोक्षण, अग्निकर्म, वमन, विरेचन, बस्ती, या शिरोधारा जैसे विशिष्ट स्नेहनादी माध्यम से चिकित्सा कार्य करते हें, तो आप संपर्क कर सकते हें| सम्पर्क समय- 02 PM to 5 PM, Monday to Saturday- 9425379102/ mail- healthforalldrvyas@gmail.com केवल एलोपेथिक चिकित्सा कार्य करने वाले चिकित्सक सम्पर्क न करें|
स्वास्थ /रोग विषयक प्रश्न यहाँ दर्ज कर सकते हें|
Accor
टाइटल
‘head’.
matter"
matter ."
"हडिंग|matter "
4 टिप्पणियां:
Is post main likha hai ki kela aur milk jyade se jyade jhane se motapa kam hoga. meri jankari ke hisab se ye motapa ko badha dega. Kripa kar sahi salah dene ka kast kare.
यह केवल जन साधारण की धारणा के आधार पर अपने टिप्पणी दी हे यह एक गलत धारणा हे | आपने अपनी टिप्पणी बेनामी के रूप मे दी हे | क्रपया परिचय देंगे तो विस्तार से उत्तर दिया जा सकेगा|
बच्चों के लिए हैल्थ डींक बनाना चाहता हूं जो रोज सुबह दुध में दो चम्मच मिलाकर पिला दूं। इसमें मैं अलसी, सोयाबीन, बादाम, काजू, जौ, बाजरा, चना, पिस्ता, अखरोट, छुहारा, मुंगफली
तो इसमें इनका अनुपात क्या होगा, या इनका तरीका क्या होगा दरअसल मैं बाजार में मिलने वाले काम्प्लेन या बोर्नविटा की जगह बच्चों को यह देना चाहता हूं।
आपके जवाब के इंतजार में।
मैं अलसी और सोयाबीन को अलग—अलग पीसकर उन्हे एक—एक चम्मच रोजाना दूध में मिलाकर खुद भी और बच्चों को भी पिलाना चाहता हूं तो क्या यह किसी तरह से नुकसान देह तो नहीं होगा या और कोई अच्छा तरीका हो तो बताएं। धन्यवाद
एक टिप्पणी भेजें