गाय का दूध अभिष्यंदी* न होने से अधिक गुण कारी है देखें -
आधुनिक विज्ञान के द्वारा प्रयोग शाला परीक्षणों से भी यही उपर्युक्त तथ्य प्रमाणित हुआ हे। अन्य दूध जेसे भेंस आदि के दूध के संगठन से फेट आदि कम करके ही उपयोग किया जाना मनुष्य के लिए उपयुक्त हे यह स्वीकार किया गया है। Teagasc डेयरी उत्पाद अनुसंधान केंद्र Moorepark Fermoy द्वारा शरीर में कोलेस्ट्रॉल सामग्री को निष्क्रिय करने में दूध की उपयोगिता पर हाल के हुए शोध से सूचित किया गया है। वर्तमान के वेज्ञानिक परीक्षणों के आधार पर राष्ट्रीय डेयरी परिषद के अनुसार, दूध में नौ आवश्यक पोषक तत्व होते हें जो की मनुष्य के स्वास्थ्य लाभ से ही जुड़े होते हें।
- कैल्शियम:- इसकी सहायता से शरीर में स्वस्थ हड्डियों और दांतों का निर्माण होता हे। यह ही जीवन भर उन्हे मजबूत, ओर उपयोगी बनाए रखता हे, इसकी कमी से अस्थि-म्रदुता [ऑस्टियोपोरोसिस] ,या भंगुरता [टूटने की प्रव्रत्ति] बनाती है। हड्डी संरचना के समुचित विकास के लिए यह बहुत जरूरी है। ऑस्टियोपोरोसिस के रूप में हड्डी विकारों को दूध की पर्याप्त मात्रा की दैनिक सेवन से रोका जा सकता है. आयुर्वेद के अनुसार भी अस्थि धातु के लिए यह एक आवश्यक पदार्थ है। .कैल्शियम कैंसर रसायन, हड्डी हानि, गठिया रोग, माइग्रेन सिर दर्द, पूर्व मासिक धर्म सिंड्रोम, और अवांछित वसा नष्ट करने के लिए भी जरूरी है।
- प्रोटीन:-आयुर्वेद के अनुसार मांस धातु के लिए प्रोटीन जरूरी होता हे, यह ऊर्जा के स्रोत के रूप में कार्य करता है, शरीर पोषण/' मरम्मत / मांसपेशियों के ऊतकों का सतत निर्माण/ शरीर वृद्धि इसीसे होती हे।
- पोटेशियम:- एक स्वस्थ रक्त का दबाव बनाए रखने में मदद करता है, इससे रक्त धातु के द्वारा सम्पूर्ण शरीर को ऊर्जा मिलती रहती हे। इसकी कमी या अधिकता दोने रक्तचाप को दूषित कर देती हे। दूध में यह पूर्ण आवश्यक मात्र में आसानी से उपलब्ध हो जाती है।
- फास्फोरस:- हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है और ऊर्जा उत्पन्न करने में सहायक होता हे। अस्थि के मध्य मज्जा धातु के साथ रसायनिक क्रियाओं के द्वारा रक्त कण बनाकर खून की कमी नहीं होने देता।
- विटामिन डी दूध में उपस्थित यह विटामिन सूर्य के प्रकाश द्वारा संश्लेषित होकर हड्डियों को बनाए रखने में मदद करता है। इसकी कमी से भी शरीर को खड़ा रखने वाला ढांचा [अस्थि तंत्र] कमजोर होकर गिर सकता है।
- विटामिन बी 12:- स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं और तंत्रिका ऊतक [टिशूज] में पुनर्जनन [निरंतर पेदा करने की प्रवृत्ति] बनाए रखता है। जो मनुष्य को दीर्घ जीवी बनाती है।
- विटामिन ए: - शरीर की रक्षा के लिए "प्रतिरक्षा प्रणाली" को बनाए रखता है, यह सामान्य दृष्टि[आँख] और त्वचा को सक्षम बनाए रखने में मदद करता है।
- राइबोफ्लेविन [Riboflavin (बी 2)] : - भोजन को ऊर्जा में परिवर्तन करने ओर ज्ञानेन्द्रियों को सक्षम बनाए रखता है।
- Niacin:- शर्करा ओर फैटी एसिड को चपापचय[ मेटाबोलिज़म] द्वारा शरीर के लिए उपयोगी बनाता है।
आयु की परिपक्वता ओर रोगो से जीर्ण शीर्ण भोजन को पचा पाने की क्षमता नष्ट हो चुकी हो तो ऐसी परिस्थिति में शेष जीवन दूध पर निर्भर रह कर रहा जा सकता है। सभी को याद होगा की हमारे पूर्व प्रधान मंत्री स्व॰ मोरार जी भाई देसाई केवल दूध पर निर्वाह करते रहें हें।
गाय के घी के बारे में पाश्चात विद्वानो की राय है, की यह हानी कारक है, यह बात वस्तुत: गलत है। पश्चिम में ओर प्रयोशालाओं में फेट्स के बारे में जो निष्कर्ष निकाला है, वह बटर मिल्क, चर्बी, ओर एयर कंडीशंड पशुशालाओं में रखे गए अप्राक़ृतिक ओषधि/खाद्य/इंजेक्शनों की सहायता से पशुओं से प्राप्त दूध के फेट्स कंटेन्ट पर आधारित है। जबकि इसके विपरीत भारत में पशु प्राक़ृतिक वातवरण में रखे जाने की परंपरा है। इसी कारण चरक आदि प्राणाचार्यों ने गाय के देसी घी को रसायन कहा गया है। जो को "ह्रद्ध्य" अर्थात ह्रदय को ठीक करने वाला कहा है। अर्जुन घृत ओर त्रिफला घृत का प्रयोग ह्रदय रोगियों में बड़े विश्वास के साथ आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा वर्षो से किया जा रहा है। वर्तमान में ह्रदय रोग BP आदि बढ़ने का कारण गाय की घी मक्खन नहीं, विविध खाद्य तेल, भेस का घी-दूध, ओर मांस मछ्ली आदि आहार ओर अपथ्याहारविहार ओर असंयंमित जीवन होता है।
* अभिष्यंदी - रसबह नाड़ियां को अवरुद्ध (Blocked) करने वाला|
- देखें केसे प्रयोग करें सोंदर्य के लिए दूध दूध से बने खूबसूरत।: केवल पीने या खाने में ही नहीं नहाने शरीर पर मालिशसे भी चमत्कारी सोंदर्य व्रद्धि होती है। दूध का प्रयोग करके चेहरे को निखारा जा सकता है। कच्चे दूध को गुलाबजल में मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा पर निखार आता है।
- देसी घी बचाए मोटापे ओर हृदय रोग से?: गाय के घी को रसायन कहा गया है। जो
- दही Curd – लाभ ओर हानियाँ एवं रोग नाशक प्रभाव।