युवावस्था मेँ यह संक्रमण यदि सतत बना रहा तो 50-55 की आयु के आते आते जोड़ों मेँ दर्द , संधीवात , आमवात या आर्थेराइटिस पेदा कर देता है। इसका अंत यहीं नहीं रुकता वरन रियूमेटिक आर्थेराइटिस तक पहुँच जाता है, जो की धीरे धीरे जोड़ों के अक्षमता/ टेड़े होने जेसी विकलांगता का कारण हो असाध्य [ठीक न होने वाला रोग] रोग बना देता है,ओर ह्रदय रोग, डाइबिटीज़, ब्लडप्रेशर, बोनस मेँ मिल सकते हें। हालांकि इस रोग का इलाज आयुर्वेद द्वारा कष्टसाध्य है पर पूरी तरह रोग मुक्त होन संभव नहीं होता। एलोपेथिक ओर अन्य ओषधि भी कारगर नहीं होती। यह बात अभी तक के सभी शोधों ओर अनुभव द्वारा निश्चित की जा चुकी है।- अधिक चिकनाहट वाले पदार्थ, चाकलेट, क्रीम युक्त दूध शिशु / बच्चो को न दें। ओर स्वयं भी बचें।
- शिशु की जुबान ओर गला टिसु पेपर से सावधानी से साफ कर दें। कहने के बाद बच्चों को कुल्ली करना सिखाएँ, ब्रश करवाए, स्वयं भी खाने के बाद ब्रश करें। इससे दांतों की तकलीफ़ों से भी बचा जा सकेगा। प्रतिदिन कम से कम दो बार प्रात: ओर सोते समय ब्रश करने की आदत बनायें।
- बड़ों के गले मेँ खिच-खिच महसूस होने पर गरम पानी मेँ नमक या फिटकरी या त्रिफला का काढ़ा मिलकर गरारे करें। फिटकरी ओर त्रिफला संक्रामण मिटा देता है। नमक चिकनाहट हटाता है।
- शहद मेँ टंकण क्षार [फ़ूला हुआ सुहागा] मिलाकर चटाने/ चाटने से इन्फेक्शन दूर हो जाता है। मुहूँ के छाले भी मिटते हें।
- काली मिर्च,लोंग,ओर तुलसी पत्र का गरम काढ़ा या चाय बनाकर पीने से बड़ी राहत मिलती है।
- अदरक ओर हल्दी को दूध मेँ उबालकर पीने से गले के दर्द मेँ आराम मिलता है।
- अधिक चिकनाहट यदि गले मेँ जमा है तो बार बार गरम पानी पिये, इससे चिकनाहट दूर होगी । खिच-खिच मिट जाएगी।
- सिकी हुई लोंग, काली मिर्च, काला नमक कूट कर रख लें एक एक चुटकी मुहूँ मेँ डालने से खांसी ठीक हो जाती है।
- खेर का कथ्था, लोंग, काली मिर्च, काला नमक, बारीक पीस कर पानी डाल कर चटनी की तरह पीस लें छोटी छोटी गोली बना कर सूखा कर रख लें यह खिच-खिच ओर खांसी के लिए बड़ी असरकर है।
- कब्ज होने पर गले के रोग ठीक नहीं होते। सिकी हल्दी+ सिकी अजवायन +काला नमक मिलकर गरम पानी से खाये पेट तो साफ होगा ही खिच- खिच मेँ भी आराम मिलेगा।
- कालीमिर्च ओर मिश्री चूसने से गले मेँ बड़ी राहत होती है।
समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें|