A- इन पाँच बातों का ख्याल रखे तो वह ह्रदय रोग से बचा रहेगा।
- आहार - कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें। प्रोटीन की अधिकता हो, कम तैल का प्रयोग।
जैसे कि मण्ड, शर्करा, ग्लूकोज़, ग्लाइकोजेन। कार्बोहाइड्रेट्स स्वाद में मीठे होते हैं। यह शरीर मे तत्काल शक्ति उत्पन्न करने का भी प्रमुख स्रोत है। शरीर को शक्ति और गर्मी प्रदान करने के लिए शरीर के अंदर की चर्बी की भांति यह कार्य करता है। कार्बोहाइड्रेट्स चर्बी की अपेक्षा शरीर मे जल्दी पच जाते है। शरीर को कार्बोहाइड्रेट्स दो प्रकार से प्राप्त होते है, पहला माड़ी अर्थात स्टार्च तथा दूसरा चीनी अर्थात शुगर। गेहूं, ज्वार, मक्का, बाजरा, आदि मोटे अनाज तथा चावल और दाल तथा जड़ो वाली सब्जियो (जेसे आलु) मे पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट्स को माड़ी कहा जाता है। केला, अमरूद, गन्ना, चुकंदर, खजूर, छुआरा, मुनक्का, अंजीर, शक्कर, शहद, मीठी सब्जिया, सभी मीठी खाद्य से प्राप्त होने वाले कार्बोहाइड्रेट्स अत्यधिक शक्तिशाली और स्वास्थ्य के लिय लाभदायक होते है। परन्तु इनकी अधिकता अनेक खतरनाक जानलेवा रोगो को भी जन्म देती है, जिसमे प्रमुख रूप से अजीर्ण, मधुमेह, अतिसार रोग होते है। इसमे अत्यधिक वजन बढ जाने से भी ह्रदय रोग होकर जीवन को खतरा उत्पन्न हो जाता है।
अलग-अलग तरह के तेल को गरम करने का तापमान भी अलग-अलग होता है, जिसे स्मोकिंग पॉइंट कहते हैं। जो तेल ज्यादा तापमान पर गर्म होने के बाद धुआँ देते हैं, वे तलने के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं, जैसे मूँगफली, सोयाबीन, जवास, सरसों व सूर्यमुखी का तेल।
परीक्षणों से पता चला है कि खाने के तेल में पाए जाने वाले विटामिन ई की ज्यादा मात्रा तलते समय नष्ट हो जाती है।
एक बार प्रयोग कर चुके तेल को दोबारा उपयोग में लाने के पहिले उसका नीचे बैठा हुआ कचरा साफ कर लें।
सूरजमुखी व जैतून के तेल का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।
खाने का तेल सूरज की रोशनी से दूर अलमारी में रखना चाहिए।
खाने का तेल खरीदते समय इस बात कर ध्यान रखें कि किस तेल में चिकनाई व चर्बी की मात्रा कितनी हो सकती है।
खाने के प्रयोग में लाने वाले तेल में 8 से 10 प्रतिशत सैचुरेटेड फैट्स हो, इससे ज्यादा नहीं, क्योंकि ये खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाते हैं।
3 . धूम्रपान न करें। इससे फेफड़ों की ओक्सीजन लेते रहने की क्षमता कम होती है, ओर धमनियों में खराब कोलेष्ट्रोल जमा होने की गति बढ़ जाती है।
4 . वजन पर नियंत्रण रखें।
5 . ब्लड प्रेशर (बीपी) और शुगर नियंत्रण रखें, डाईविटीज का रोगी ह्रदय रोगी बन जाया करता है।
- हार्ट अटैक-क्यों? कब? केसे?ओर फिर क्या करें?
- कोलेष्ट्रोल या लिपोप्रोटीन जो शरीर को स्वस्थ्य निरोगी या रोगी बनाता है!
- कुछ विडिओ जो देखना चाहिए, इससे आप अपनी या किसी अपने की जान बचा सकते हें|
कृपया देखें, सीखें और किसी को मोत के मुहं से वापिस लायें:- लिंक --नोट:- कार्डियोपल्मोनरी रेस्युसियेशन या सीपीआर एक आपातकालीन जीवन-रक्षक प्रक्रिया है। यह हार्ट अटेक, पानी में डूबने, या अन्य किसी कारण से साँस बंद हो जाने पर मष्तिष्क को रक्त न मिलने से उसे होने वाली क्षति या मृत्यु हो जाने बचने के लिए होती है| आवशयक नहीं की इसे जानने वाला कोई चिकित्सक ही हो| कोई भी व्यक्ति इस विडिओ से सीख कर किसी की जान बचा सकता है|
समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें|