Rescue from incurable disease

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लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

पेन किलर बनाम प्राण किलर से मुक्ति- सिर,या बदन के दर्दों से कैसे छुटकारा मिले?

    पेन किलर बनाम प्राण किलर से मुक्ति-  सिर,या बदन के दर्दों से कैसे छुटकारा मिले?
दर्द सिर का हो या सारे शरीर का, किसी को भी इस बात से कोई मतलब नहीं, कि इसे एलोपेथिक चिकित्सक रोग का लक्षण माने या आयुर्वेदिक चिकित्सक इसे कोई रोग माने, उसे तो बस इससे छुटकारा चाहिए, छोटे से सिरदर्द या बदन दर्द में किसी चिकित्सक के पास जाकर समय खराब करने और मोटी फीस क्यों दी जाए, एक छौटी सी विज्ञापन वाली गोली क्यों न खाली जाए, या फिर किसी चिकित्सक को पहिले एक बार दिखाया था, तो उसकी लिखी वही दवाई दोबारा क्यों न ले ली जाए।
   अक्सर एसी सोच लगभग 99% लोगों में देखी जाती है। 
   और यदि कुछ लोग या बार बार के इस दर्द से परेशान लोग, चिकित्सक के पास जाते भी हें, तो अधिकतर चिकित्सकों के पास इतना समय नहीं होता, कि वह ठीक प्रकार से समझा पाये।  वह कुछ जाँचे लिखकर और दवाई लिखकर अपना कर्तव्य की इतिश्री कर देता है।  जांच आदि देखकर चिकित्सक पुन; सामान्य समझाईश सी देकर चिकित्सा लिख देता है।
और अब रोगी दर्द से छुटकारा तो मिल ही जाना है, तो वह भी चिकित्सक के दिये सारे ज्ञान (इन्सट्रक्शन) पर ध्यान न देकर अक्सर भूल जाया करता है।  कुछ समय के बाद पुन: वही दर्द की तकलीफ!
   यह कहानी केवल हमारे देश में ही नहीं सारे विश्व में देखी और सुनी जाती है।
 पर क्या आप जानते हें कि, सिर में होने वाले या सारे शरीर में या उसके किसी भाग में होने वाले दर्द का कारण यदि जान लें तो बिना किसी ओषधि के या चिकित्सक के पास जाये बिना भी आराम हो सकता है।     
दर्द के वे सामान्य कारण क्या हें?  

इनमें सबसे साधारण कारण कब्ज (देखें लेख) या बदहजमी रहना है, जो कि आज की भागमभाग की जिंदगी में शामिल है।
खाने पीने कि गड़बड़ी से पेचिश, डायरिया, जैसे रोग शरीर में स्थाई घर कर लेते हें, चक्कर आना,  भूख न लगना, हमेशा पेट खराब रहना या मितली, घबराहट महसूस होना, आदि लक्षणो और रोगों के साथ सिरदर्द शरीर के दर्द का कारण बनते हें।
इसके अतिरिक यौन समस्याएं , जैसे अति मेथुन, हस्त मेथुन, से भी दर्द होत ही रहता है। चिंता, तनाव, जागरण, अधिक कार्य आदि से नींद संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती है जो बदन सहित सिर में दर्द उत्पन्न करती है।
कई लोगों में सूर्य की रोशनी से, बारिश से या अधिक ठंड से संवेदनशीलता देखी जाती है। कुछ फूल पोधे, अगरबत्ती, धूप, गंध, दुर्गंध आदि के कारण हुई संबेदन शीलता या एलर्जी भी सभी दर्दों या सिर दर्द का  कार्न हो सकती है।
जरूरत इस बात की है कि आप स्वयं अपना रोग निदान(डाइग्नोसिस) करें , कि आपके सिर या शरीर दर्द का कारण इनमें या अन्य इसी प्रकार की किसी बात में तो तो नही छुपा हुआ है, यदि यह कारण जान गए तो उस कारण को हटा देना ही बुद्धिमानी है, कोई दवा खाकर स्वयं को हानी पहुंचाना व्यर्थ है। एक कुशल चिकित्सक भी यही तो करता है।
फिर भी सिर दर्द आदि से तात्कालिक राहत तो जरूरी है , क्यों न इसके लिए हम अपने आस-पास मौजूद बस्तुओं से ही लाभ पाने का प्रयत्न किया जाए, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के तकलीफ मिटा दे।  
इनमें पहिला स्थान है, लौंग का,
लौंग हमारे अत्यधिक करीब रहने वाला पेन किलर है। इसका यूजेनॉल नामक तत्व प्राकृतिक पेनकिलर, दांतों का दर्द हो या मसूड़े में सूजन, लौंग के सेवन से दर्द से तत्काल आराम पहुंचाता है। इसी कारण  डेन्टिस्ट में दांतों के दर्द में लौंग का तेल लगाने की सलाह देते हैं।
 अदरक को भी हम सभी अछि तरह से जानते हें, मांसपेशियों के दर्द, हो या जोड़ों में अकड़न,या शरीर जकड़ने,  अदरक में मौजूद जिन्जेरॉल नामक रसायन इन सब दर्दों से छुटकारा दिलाने में लाजबाब है , इसीलिए तो अदरख वाली चाय पीते ही सभी दर्द छूमंतर हो जाते हें।
लहसुन भी हमारे किचिन में मौजूद है, जिसमें जर्मेनियम, सेलेनियम, आदि तत्व कान के दर्द को ठीक करते हें। याद है हमारी दादी नानी तैल में लहसुन उबालकर कान में डालकर कान के दर्द से छुटकारा दिलाया करती है। लहसुन का यह तैल जीवाणु नाशक होने से कानों के पकने या सूजन से होने वाले दर्द से भी मुक्ती दिलाता है।
 नमक हमारे पास ही मिलने वाला यह जीवन के लिए आवश्यक तत्व, गले में टॉन्सिल्स का दर्द हो, या खराश,  तुरंत आराम के लिए यह बहुत काम की चीज है। गर्म पानी में नमक मिलाकर कुल्ला करने से गले में होने वाले दर्द से तुरंत आराम मिलता है और संक्रमण खत्म होता है,गले का संक्रमण हटने से सर्दी जुकाम के कारण होने वाला सिर या बदन दर्द भी ठीक हो जाता है।
 हल्दी के एंटीसेप्टिक गुणो के बारे में बहुत कहा गया है, यह चोट घाव को ठीक करने से लेकर जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए इससे बढ़िया कुछ और नहीं। हल्दी में मौजूद कुरक्यूमिन नामक तत्व प्राकृतिक पेनकिलर से न सिर्फ दर्द दूर होता है बल्कि सूजन भी कम होती है। ऑर्थराइटिस, गठिया जैसे दर्द में यह बहुत फायदेमंद है। प्रतिदिन 400 से 600 एमजी की मात्रा में करक्यूमिन का सेवन से जलन और दर्द की समस्या से छुटकारा दिलाता है।
पीपरमेंट  मुख शुद्धि के लिए हमरे घरों में रखा जाता है। यह शरीर के दर्द और ऐंठन होने पर गर्म पानी में पेपरमिंट तेल की कुछ बूंदे डालकर सेंकाई करने से शरीर की जकड़न खुल जाती है और दर्द में तुरंत आराम होता है। इसे कपूर +सैट अजवायन मिलकर अमृतधारा के गुणो को सब जानते हें , जिसे सिर पर मलने से दर्द भाग जाता है, आजकल बाज़ार में मिलने वाली बाम विक्स आदि का यही एक महत्व पूर्ण घटक है।
ओलिब ऑइल या जैतून का तेल ब्रुफेन या 'इबूप्रोफेन' नामक पेन किलर का बहतरीन विकल्प है। इसमें मौजूद ओलियोकैंथल नामक तत्व इसे जलन शांत करने और दर्द निवारक गुणों से भरपूर बनाता है। आमतौर पर सिर दर्द में आराम के लिए इसका सेवन फायदेमंद है। इसका सक्रिय अवयव ओलियोकेंथल , शरीर में होने वाली जैव-रासायनिक क्रियाओं को ठीक उसी प्रकार से उत्प्रेरित करता है, जैसे आइबुप्रोफेन और अन्य स्टेरॉइडरहित सूजननाशक दवाएँ करती हैं।
बर्फ भी घर के फ्रिज में मौजूद है इसका सेंक से चोटों का दर्द में आराम मिलता है। यह उन नसों को ब्लॉक करता है जिनसे दर्द की अनुभूति होती है। इसका इस्तेमाल छोटी चोट, गर्दन व कमर में दर्द आदि से आराम मिल सकता है। बर्फ को क्रश करके थैली में भर लें और इससे दर्द वाले स्थान को सेंकें।
व्हिस्की पीने वाली कोई भी शराब दांतों के दर्द में आराम के लिए बहुत फायदेमंद है। इसे मुंह में भरकर एक मिनट तक रखें और कुल्ला करें। इससे न सिर्फ दर्द से तुरंत आराम होगा बल्कि मुंह में मौजूद संक्रमण भी खत्म हो जाएगा।
अधिक परिश्रम और थकावट से सारा बदन और सिरदर्द हो रहा हो तो मौसम के अनुसार ठंडे या गरम पानी से नहाना एक चमत्कारिक चिकित्सा है।
भूख प्यास से बेहाल होने से भी अक्सर सिरदर्द होता है जो सभी नजरंदाज करते हें, एसे समय कुछ भी खाने में रुची भी नहीं होती पर पानी से नहाते ही भूख जाग्रत हो जाती है , रुचिकर पोषक भोजन सिरदर्द और बदन के दर्द को गायब कर देता है। 


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