संतुलित आहार अर्थात जिसमें शरीर के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व हों, साथ ही भोजन रुचिकर, आर्थिक क्षमता अनुसार सस्ता व पौष्टिक भी होना जरुरी है। भोजन से शरीर को आवश्यक ऊर्जा या शक्ति देता है| शरीर की रोगों से रक्षा करता है, और शरीर के निर्माण और टूट-फुट रहे शरीर के अंगों कोषों, की मरम्मत के लिए जरूरी तत्व के लिए संतुलिंत आहार या भोजन आवश्यक है।
- जैसे अनाज की अपनी विशेषता है। यह विशेषता उससे अलग नहीं की जाना चाहिए, जैसे गेहूं, चावल, बाजरा, मक्का आदि अनाज के आटे में से चोकर न निकालें। चावल की परत में विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स होता है, जो पालिश या चमकदार बनाने से निकल जाता है, अत: बिना पॉलिश किए चावल का प्रयोग करें।
- शाकाहारी लोगों के लिए दालें अत्यंत आवश्यक हैं। बल और प्रोटीन की पूर्ति हेतु दालें अति आवश्यक हैं। मूंग की दाल आसानी से पाच जाने वाली होतीं हें| यह बुजुर्ग और बच्चो के लिए उत्तम आहार है।
- घी, तेल या कोई भी फेट्स विटामिन ए, डी, आदि को अपने में घोल कर शारीर को पहुंचता है, मूंगफली, सरसों, तिल या घी इनमें पौष्टिकता की दृष्टि से कोई विशेष अंतर नहीं होता है, कम मात्र में शुद्घ देशी घी या शुद्ध तैल का प्रयोग स्वास्थ्य की दृष्टि से अधिक अच्छा है। भोजन में वनस्पति घी आदि हानिकारक और ख़राब कोलेष्ट्रोल को बढ़ाते हें।
- ताजी सब्जियां और फल खनिज लवण से भरपूर होती हैं। प्रत्येक मौसम की सब्जियां भोजन में अवश्य हें। मूली, मैथी, गाजर, पालक को कच्चा भी सलाद के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। कम से कम 100 ग्राम सब्जी नियमित खाना चाहिए। फल भी विटामिन से भरपूर होते हैं। अपने क्षेत्र में न मिलने वाले महंगे फल खाना जरुरी नहीं, क्षेत्र और मौसम के अनुसार अमरूद, आंवला, केला, खीरा, खरबूज, तरबूज,बेर, सीताफल, आदि भी अत्यंत लाभदायक होते हैं।
- शक्कर की अपेक्षा शुद्ध गुड़ में अधिक लाभकर और पोषक तत्व युक्त होता है। इसमें लोहा, विटामिन एवं अन्य खनिज लवण हैं। नई शोध के अनुसार स्वास्थ्य की दृष्टि से सफेद चीनी अत्यंत हानिकारक है और प्राकृतिक चिकित्सा में इसे श्वेत विष कहा गया है|
- पशुओं के दूध, से बनी दही, लस्सी आदि प्रोटीन् के स्त्रोत ्होतें हें सप्रेटा ्ेया बिना ाक्रीम ैका दूध दही आदि भी प्रोटीन को पूरी मात्रा में प्रदान करता है|
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