Rescue from incurable disease

Rescue from incurable disease
लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

आज की बात

  • याददाश्त की याद अक्सर परीक्षाओं या साक्षात्कार के पूर्व आती है, लगता है हम सब कुछ भूल गए हें| इसी तनाव के कारण हमें जो कुछ भी यद् था वह भी भूल जाते हें| 
    इससे बचने के लिए
    1 ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले खाद्य का सेवन करना चाहिए यह दिमाग के लिए तो अच्छा है ही , इससे याददाश्त भी बढ़ती है। 
    इसके लिए आप अलसी, कद्दू के बीज, तिल, सोयाबीन तेल, आदि को खाने में जगह दें| 
    2- एक जगह बेठने से कम पानी पिया जाता है, और पानी की कमी या डीहायड्रेशन होता है जिससे शरीर और मन बेचैन सा होता है। वे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। यदि ज्यादा पानी पीना पसंद नहीं करते हैं तो उन्हें ताजे फलों का जूस, नींबू पानी, छाछ या ग्रीन टी का उपयोग करें|
    3- बार बार थोड़ा और पोष्टिक खाना खाने से पोषण मिलता रहता है इससे अलर्ट और जागरूकता अति है| ताजा फल, फ्रूट स्मूथी, ड्राइ फ्रूट, शहद लगे नट्स,सूप, सलाद आदि अच्छे विकल्प हैं|
    4- जंक फ़ूड, ज्यादा कॉफी, एनर्जी ड्रिंक, कोल्ड ड्रिंक आदि से सिरासिडीन रिदम बिगड़ जाता है और अच्छी नींद की कमी होने से सब कुछ भूल जाते हें|
    5- उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य जैसे अधिक चीनी वाले चॉकलेट, कूकीज केक और पेय आदि से ब्लड में अचानक शुगर लेवल बढ़ जाता है।थोड़ी ही देर में पेट खाली होते ही फिर उन जैसे जंक फूड खाने की इच्छा होती है। यह चक्र सभी कुछ भुलाने हेतु पर्याप्त है|
  • गुदा के सभी रोग पाईल्स नहीं होते|
       जब भी गुदा में कोई रोग होता है तो उसे बवासीर, अर्श या पाइल्स ही समझ लिया जाता है, पर इस स्थान पर कुछ और रोग भी हो सकते हैं। अधिकतर मामलों में जिन्हें पाइल्स समझा जाता है वह फिशर होता है।
        जब गुदा की दीवाल (एनल कैनाल) के आसपास के क्षेत्र में एक क्रैक या दरार(फटने जैसा) जैसी स्थिति बन जाती है, यह फिशर कहते हैं। यह क्रैक छोटे भी हो सकते हैं और इतने बड़े भी कि इनसे खून आने लगे।
      एसा अधिकतर कब्ज,विवंध, चोट, गुद मैथुन,आदि कई कारणों से हो सकता है|
चूँकि इस स्थान को आप स्वयं देख नहीं पाते और शर्म के कारण छुपाते रहते हें तो यह समस्या अधिक कष्टकारी बन जाया करती है| अत: अनुभवी चिकित्सक को दिखा कर परामर्श ले लेना अधिक लाभदायक सोदा होगा|
       यदि फिशर है तो जत्यादी तेल, इरिमेदादी तेल आदि की पीचु [ रुई या लिंट का टुकड़ा भिगो कर रखना] या इसी तैल की बस्ती[ एनिमा] लगवाना,और कब्ज आदि जो हो की चिकित्सा करने से रोग अच्छा हो जाएगा|
    सामान्यता पाइल्स बहुत ज्यादा गंभीर नहीं होते, वे होने के तीन-चार दिन में [कब्ज अदि कारण ठीक]  होने पर अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। कई बार तो व्यक्ति को पता भी नहीं चलता कि उन्हें पाइल्स हुआ और अच्छा हो गया।  
 पाइल्स होने पर गुदा या ऐनस के आस-पास एक कठोर गांठ जैसी महसूस हो सकती है। जिसके चिलने पर रक्त [ब्लड] निकलता हो सकता है, इसी गठन के कारण इनमें दर्द होता है। शोच (टॉयलेट) के बाद भी ऐसा महसूस होता है कि पेट साफ नहीं हुआ है। शोच (मल) त्याग के साथ लाल चमकदार रक्त का आ सकता है।और मल त्याग के वक्त आवं या म्यूकस का आना और दर्द का अहसास होना, गुदा या ऐनस के आसपास खुजली होना और उस क्षेत्र का लाल और सूजन आ जाना। बवासीर, अर्श या पाइल्स [लिंक देखें चिकित्सा] रोग होना होता है| 
   इस रोग का प्रमुख कारण लगातार रहने वाली और पुरानी कब्ज और मल त्याग में ज्यादा जोर लगाना, गुदा मैथुन, लगातार और बार-बार होने वाला डायरिया, ज्यादा वजन लगातार उठाना, मोटापा, रोज रोज अधिक बैठे रहने का कार्य, और प्रेग्नेंसी में भी कई बार पाइल्स की समस्या हो जाती है|
  • गंगा जल से बनेगी एंटीबायोटिक के स्थान पर काम करने वाली ओषधि |
लीजिये अब गंगाजल में स्वभाविक रूप से सबसे अधिक संख्या में मिलने वाले " बेक्टिरियोफेज" का उपयोग एंटीबायोटिक के स्थान पर किया जाने वाला है, पंजाब यूनिवर्सिटी माइक्रोबायोलोजी के वैज्ञानिकों ने यह नई खोज की है| 
बेक्टिरियोफेज" किसी भी जीवाणु को नष्ट करने में सक्षम सिद्ध हुआ है, जिनमें मल्टिपल ड्रग रिजिसटेन्स के मामलों में जब कोई एंटीबायोटिक दवा कारगर नहीं होती, तब ये बेक्टिरियोफेज हानिकारक बेक्टीरिया को नष्ट कर देते हें, हानिकारक बेक्टीरिया ही उनका स्वभाविक भोजन है, अत जब ये बेक्टीरिया नष्ट हो जाते हें टी ये बेक्टिरियोफेज भी खुद ख़त्म हो जाते है|
इस बात ने यह सिद्ध कर दिया है की गंगा जल में पाए जाने वाले बेक्टिरियोफेज ही गंगा जल के महत्त्व को सिद्ध कर देता है. 
वैज्ञानिको ने गंगा जल से ही बेक्टिरियोफेज प्राप्त करने और उससे दवा बनाने की योजना बनाई है| इसके लिए पेटेंट को भी आवेदन कर दिया गया है| 
  • 29/11/20 14  आग के सामने बैठ कर तापना हानिकारक?- 

ठण्ड जब बडती है, तो मन करता है की हीटर, या आग के सामने बैठे रहें| रातभर हीटर से कमरे को गर्म रखें|
पर क्या आप जानते हें की लगातार अधिक देर तक एसा करने से त्वचा सूखने लगती है, फटने लगाती है, छोटी छोटी दरारें जो दिखाई नहीं देती बन जाती हें, शरीर का गर्म भाग कीटाणुओं को भी सुखकारी लगता है, [ठन्डे स्थान उन्हें भी पसंद नहीं] अत संक्रामक कीटाणु शरीर में प्रवेश करजाते हें और चर्म रोगों के साथ कई अन्य बड़े रोगों का भी कारण बन जाता है| 

फिर क्या करें? 

थोड़ी बहुत देर की सिकाई तो ठीक है, पर इससे अच्छा है, दिन में तो सूर्य की धुप की गर्मी का आनंद लिया जाये जिसमें विषाणु कीटाणु जीवित नहीं रह पाते,
पूरी रात हीटर न चलाकर रात्री को प्राक्रतिक ऊनी, सूती गर्म कपड़ों का [ सिंथेटिक नहीं] का प्रयोग कर ठण्ड से बचा जाये| 
रूम टेम्प्रेचर 25 डिग्री C से कम रहना शरीर के लिए ठीक होता है| 
*****************

  • 29/11/20 14-  जुकाम वाइरस का हमला 


किसी भी एक दिन अचानक से गले में खराश, छींके एवं नाक बहना, आंखों से पानी निकलना, बदन दर्द एवं खांसी, सांस लेने में कठिनाई या हल्का बुखार सा लगता है| 
छोटे बच्चे अधिक प्रभावित दिख सकते हें| 
यह जुकाम है जो सेकड़ों तरह के किसी भी वाइरस के कारण हुआ है| अब यह चाहे कितनी भी दवा लें 5- 7 दि से पाहिले ठीक नहीं हो सकता| अलबत्ता कुछ दवा थोड़ी राहत जरुर देंगी| 
6-7 दिन की आयु वाले वायरस को शरीर स्वयं उसके प्रति एंटीबोडी बना कर वाइरस को नष्ट कर देता है, पर कुछ वाइरस तब तक किसी और तक पहुँच जाते हें|
तो हम क्या करें?
शारीरिक क्षमता बढाएं, इसके लिए नियमित स्वस्थ और संतुलित आहार, व्यायाम, नियमित जीवन चर्या, के साथ साथ वाइरस को फेलने से रोकने के लिए, बच्चो से दूर रहें, नाक मुहं पर कपडा बांधे रख्खें, बार-बार हाथ-मुहं आदि गर्म पानी से साफ करते रहें,
कम से कम दोनों समय ब्रश करें, गर्म पानी का सेवन करें|
इससे आपको तो रहत मिलेगी ही आपके अपने भी वाइरस से बचे रहेंगे|

================================
समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें| आपको कोई जानकारी पसंद आती है, ऑर आप उसे अपने मित्रो को शेयर करना/ बताना चाहते है, तो आप फेस-बुक/ ट्विटर/ई मेल/ जिनके आइकान नीचे बने हें को क्लिक कर शेयर कर दें। इसका प्रकाशन जन हित में किया जा रहा है।

कोई टिप्पणी नहीं:

आज की बात (28) आनुवंशिक(autosomal) रोग (10) आपके प्रश्नो पर हमारे उत्तर (61) कान के रोग (1) खान-पान (69) ज्वर सर्दी जुकाम खांसी (22) डायबीटीज (17) दन्त रोग (8) पाइल्स- बवासीर या अर्श (4) बच्चौ के रोग (5) मोटापा (24) विविध रोग (52) विशेष लेख (107) समाचार (4) सेक्स समस्या (11) सौंदर्य (19) स्त्रियॉं के रोग (6) स्वयं बनाये (14) हृदय रोग (4) Anal diseases गुदरोग (2) Asthma/अस्‍थमा या श्वाश रोग (4) Basti - the Panchakarma (8) Be careful [सावधान]. (19) Cancer (4) Common Problems (6) COVID 19 (1) Diabetes मधुमेह (4) Exclusive Articles (विशेष लेख) (22) Experiment and results (6) Eye (7) Fitness (9) Gastric/उदर के रोग (27) Herbal medicinal plants/जडीबुटी (32) Infectious diseaseसंक्रामक रोग (13) Infertility बांझपन/नपुंसकता (11) Know About (11) Mental illness (2) MIT (1) Obesity (4) Panch Karm आयुर्वेद पंचकर्म (61) Publication (3) Q & A (10) Season Conception/ऋतु -चर्या (20) Sex problems (1) skin/त्वचा (26) Small Tips/छोटी छोटी बाते (69) Urinary-Diseas/मूत्र रोग (12) Vat-Rog-अर्थराइटिस आदि (24) video's (2) Vitamins विटामिन्स (1)

चिकित्सा सेवा अथवा व्यवसाय?

स्वास्थ है हमारा अधिकार १

हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|

निशुल्क परामर्श

जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

चिकित्सक सहयोगी बने:
- हमारे यहाँ देश भर से रोगी चिकित्सा परामर्श हेतु आते हैं,या परामर्श करते हें, सभी का उज्जैन आना अक्सर धन, समय आदि कारणों से संभव नहीं हो पाता, एसी स्थिति में आप हमारे सहयोगी बन सकते हें| यदि आप पंजीकृत आयुर्वेद स्नातक (न्यूनतम) हें! आप पंचकर्म चिकित्सा में रूचि रखते हैं, ओर प्रारम्भ करना चाह्ते हैं या सीखना चाह्ते हैं, तो सम्पर्क करेंं। आप पंचकर्म केंद्र अथवा पंचकर्म और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे अर्श- क्षार सूत्र, रक्त मोक्षण, अग्निकर्म, वमन, विरेचन, बस्ती, या शिरोधारा जैसे विशिष्ट स्नेहनादी माध्यम से चिकित्सा कार्य करते हें, तो आप संपर्क कर सकते हें| सम्पर्क समय- 02 PM to 5 PM, Monday to Saturday- 9425379102/ mail- healthforalldrvyas@gmail.com केवल एलोपेथिक चिकित्सा कार्य करने वाले चिकित्सक सम्पर्क न करें|

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

स्वास्थ /रोग विषयक प्रश्न यहाँ दर्ज कर सकते हें|

Accor

टाइटल

‘head’
.
matter
"
"head-
matter .
"
"हडिंग|
matter "