अंकुरित गेहू (उबलते पानी में रख कर अंकुरित) से डाईविटिज हमेशा के लिए ठीक हो सकती है?
पिछले एक वर्ष से इस प्रकार की पोस्ट देखी जा रही है| इस बारें में कई ग़लतफ़हमी और धारणाएं बनी है|
यह सच है की गेहूं ही नही किसी भी बिज को यदि 10 मिनिट उबला जाये तो वह फिर अंकुरित हो ही नही सकता|
मेने पाहिले भी कई बार कई जगह इस बात को लिखा है, की इसमें गेहूं को 10 मिनिट उबालने वाली बात को ट्रांशलेशन करने वालों ने गलत भाव लिया है| गौर करें की शोध कर्ता एसे स्थान के रहने वालेहें जहा अधिकांशत तापमान 0 डिग्री के आसपास रहता है| एसे स्थान पर गेहूं में अंकुरण तब तक संभव नहीं जब तक की टेम्प्रेचर 30 डिग्री नहो |
गेहूं या किसी भी बीज को ठन्डे स्थान पर सक्रिय करने गर्म पानी में रखा जाता है, और उसके लिए आवश्यक तापका वातावरण बनाकर ही अंकुरित किया जा सकता है|
अधिक ठन्डे मुल्को में पानी भी उबलने के तुरंत बाद ठन्डे वातावरण से ठंडा हो जाता है| उबलते पानी में जब 0 डिग्रीया उससेभी कम ताप का गेहूं डाला जायेगा तो वह पानी भी तुरंत ठंडा होगा, इस तापमान को बनाये रखने परिस्थिति अनुसार गर्म करनाऔर रखना भी होगा, नहीं तो अंकुरण होगा ही नहीं|
हमारे गर्म देश में एसाकरने की जरुरत नहीं, वैसे ही अंकुरण कर खाया हुआ गेहूं वह लाभ देगा|
उबालने और लाभ की यह बात उत्साह और शब्द का सीधा अर्थ कर के लिखी गई है, की रोग 3 दिन में ठीक होगा| गेहूं का अंकुरण एक बहुत कम केलोरी वाला और कम ग्लूकोज बनाने वाला होअता है इसके सेवन से डाईवीटिज नियंत्रित रहेगी, यह सच है| हमेशा के लिए ठीक होना शरीर में बनने वाले इन्सुलिन पर निर्भर है|
अंकुरित अनाजों का प्रयोग वर्षो से किया जाता रहा है| साबुत और अंकुरित अनाज कोई भी हो वह लो केलोरी के साथ उसका
जीआई या ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी बहुत कम होता है| विशेषकर उगे हुए गेहूं के जवारे (गेहूं की घास) में और अधिक कम होता है,(गेहू से कम) | इससे ब्लड सुगर बड़ती नही, यदी जीवन इसी प्रकार के खाने के साथ हो और इन्सुलिन बनाना बिलकुल बंद न हुआ हो तो बिना किसी डाइबिटीक मेडिसिन के ठीक रहा जा सकता है| इसे रोग ठीक होना भी कह दें तो गलत नहीं|
यह बात भी समझ लें की केवल अंकुरित गेहूं डाईविटिज रोगियों की सुगर भी बड़ा सकते हें, यदि अन्य नियमित खाद्य भी दिन में लिए जा रहे हें|
इस लिए इस "डाईविटिज की एक महा-खोज" वाली बात 'की 10 मिनिट उबलते पानी में गेहू रखकर फिर अंकुरित कर खाने से डाईविटीज ठीक होगी' शायद हो यदि उगाना संभव हो तो ही ? क्योंकि न तो उबले गेहूं अंकुरित होंगे और न उन्हें खाया जा सकेगा और न रोग ठीक होगा| यदि कोई चमत्कार कर सका तो रोग भी उसी चमत्कार से ठीक होगा ही|
समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें|
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