आँखों
में कोई कष्ट हो न हो पर आँख की जाँच करने पर कई रोगों का पता लगा जाता है| जी हाँ
यह सही है, इसीलिए प्रत्येक निष्णात चिकित्सक रोगी की आँखों में झांक कर भी देखता
है, रोगी परीक्षा में ऑंखें की जाँच बड़ी महत्व पूर्ण होती हैं, किसी भी चिकित्सक
को इसका अनुभव होना ही चाहिए, केवल चिकित्सक ही नहीं रोगी स्वयं या परिवार के
सदस्य, मित्र आदि भी आँखों में परिवर्तन देख रोग के प्रति सचेत भी हो सकते हें|
कई
बार तो रोगी शरीर की अन्य बीमारी होने पर भी स्वयं को आँखों का रोगी मान नेत्र
चिकित्सक के पास भी चला जाता है| वहां नेत्र चिकित्सक बताता है की रोग आँखों में
नहीं शरीर के अन्य भागों में है|
देखें
आँखों में मिलने वाले किन लक्षणों से कोन सा रोग हो सकता है, यहाँ हमने नेत्रों
में होने वाले रोग सम्मलित नहीं किये हें|
- भौह (eyebrows)
के बाल झड़ने लगे तो यह हाइपो थाइरोइड (hypothyroidism) रोग का संकेत है| आपका प्राकृतिक थाइरोइड कम बन रहा है|
- आँखें
उभरी या फैली हुईं (bulge) हुई दखने लगें आँखें तो यह थाइरोइड अधिक बनने (hyperthyroidism) का संकेत है|
- जन
भाषा में गोहरी कही जाने वाली आँखों के पलक के किसी भी हिस्से में होने वाली स्टाई
(stye) जिसे आयुर्वेद में वर्त्म गत ग्रन्थि कहा जाता है, यह यदि बार बार एक ही
स्थान पर हो या तीन माह या अधिक रहे, तो यह वसामय ग्रंथि कार्सिनोमा (sebaceous
gland carcinoma) हो सकता है| यह केंसर सर्वदेहिक रूप से फैल सकता
है|
- कंप्यूटर
पर काम करते समय याद आँखों में जलन (Burning eyes), नजर में धुंधलापन (blurry vision), होती हो, तो यह कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (CVS).| रोगी को ड्राई ऑय सिंड्रोम {आयुर्वेद चिकित्सा (देखे) के अतिरिक्त अन्य पेथी
में लाइलाज}, माइग्रेन, एवं तंत्रिका रोग हो सकता है|
- यदि
नजर के सामने रोशनी झिलमिलाती हो या दिखने के साथ काला बिंदु (blind spot) दिखाई
देता हो तो यह माइग्रेन Migraine के कारण हो सकता है, एसा सिर
में दर्द के साथ या सिर में दर्द न होने पर भी हो सकता है|
- आंखे
पीली रंग की दिखें, तो पीलिया (jaundice) या यकृत (liver) विकार या पित्ताशय (Gallbladder) पित्त वाहिनी (bile
duct) समस्या हो सकती है|
- अचानक
एक के दो दिखने लगें (double
vision), मंद दृष्टि (dim vision), या दृष्टि हीनता (loss of vision) हो जाये तो स्ट्रोक (stroke) का संकेत
है| बार बार एसा हो तो स्ट्रोक किसी सर्व देहिक कारण से है|
- मधुमेह Diabetes के रोगी को द्रष्टि में धुंधलापन होने लगे, तो आँखों के परदे की खराबी या मधुमेहज रेटिनोपैथी का
संकेत है, जो अंधत्व की और ले जाती है| कई लोगों को बहुत समय तक यह पता ही नहीं
होता की उन्हें मधुमेह है, जिससे उनकी आँखों में धुंधलापन आ रहा है, वे जब किसी
आंख के चिकित्सक से सम्पर्क करते हें, तब उन्हें इसका पता चलता है और अक्सर देरी
हो जाया करती है, रोगी द्रष्टि हीन तक हो जाता है|
- आँखों
में रक्तवाहिनी (Blood
vessels) उभारना, रक्त की गांठ सी दिखना (kinks) या आँसू आना ब्लड प्रेशर अधिक (Hypertension) होने
से भी होता है, जो लकवा (Paralysis) जैसे रोग की और ले जा
सकता है|
- कभी
कभी आँखों में सूजन चर्म क्षय (Lupus) आदि के कारण होती है पर रोगी
को कोई रोग संक्रमण अदि नहीं होता, और न किसी चिकित्सा से लाभ मिलता है, तो एसा स्वप्रतिरक्षित
रोग[1]
{Autoimmune disorders (देखे नीचे फुट नोट)} के कारण हो सकता
है|
- नेत्र
दृष्टि (कॉर्निया
cornea) में भूरे से पीले रंग की अंगूठी जैसे टुकड़ों की उपस्थिति रक्त
वाहिकाओं में उच्च कोलेस्ट्रॉल (high cholesterol) और
ट्राइग्लिसराइड्स बड़ने का संकेत करते हें| इनके रक्त में होने से स्ट्रोक या दिल का
दौरा विशेषकर 60 वर्ष से ऊपर के लोगों में होने का खतरा होता है|
- शरीर
में खून की कमी होने पर आँखों के श्वेत पटल (sclera) पर सफेदी
दिखाई देती है|
- आँखों के चारों और यदि कालापन आ रहा हो तो यह किडनी के खराबी का संकेत हो सकता है|
End of Detect disease by Eye Exams. नेत्र परीक्षा से रोग निदान
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समस्त चिकित्सकीय सलाह, रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान (शिक्षण) उद्देश्य से है| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें| इसका प्रकाशन जन हित में किया जा रहा है।