शरीर को जब भी पानी की या भोजन की जरुरत होती है, तब वह मस्तिष्क को सन्देश भेजता है, मस्तिष्क का दूसरा भाग उसकी पूर्ति के लिए सन्देश आगे बडता है, उसकी इच्छा उत्पन्न होने पर हमारे हाथ स्वयं पानी और खाने के लिए उठ जाते हें, या पाने की कोशिश शुरू कर देते हें|
पर अक्सर पेट भरा होने या खाने के जरुरत न होने पर भी भूख का अहसास होता है | भूख और प्यास के सन्देश लगभग एक सामान होते हें क्योकि भूख होने पर पानी पीने से या प्यासा होने पर कुछ खा लेने पर भी भूख या प्यास मिट जाती है, इस कारण मस्तिष्क भ्रमित होता रहता है, और भ्रम पूर्ण स्तिथि की आदत बन जाती है|
खाना दिन में अधिकतम तीन या चार बार पर पानी की जरुरत मोसम के अनुसार 10 से 12 बार भी या अधिक भी हो सकती है|
इसलिए अक्सर जब हमको प्यास लगती है, और यही सन्देश हमारा मस्तिष्क देता है पर इस सन्देश को गलत पड़ लिए जाने के कारण कुछ भी खा लिया जाता है, यही वजन बड़ाने की वजह वन जाता है |
अत: जब भी कभी भूख का अहसास हो और आप नियमित खाना खा चुके हों तो पहिले पानी पीजिये, धीरे धीरे मष्तिष्क की आदत बदलने लगेगी और सही सन्देश समझ आने लगेगा | इससे वजन को बड़ने से रोका जा सकेगा | जब भी भूख का अहसास हो पाहिले पानी पिए |
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