Rescue from incurable disease

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लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

मस्तिष्क के लिए हानि पहचाने वाली आदतें|

क्या आप अपने स्वास्थ्य के बारे में ख्याल रखना चाहेंगे
और यह केवल आपके ही लिए नहीं उनके लिए भी जो आपको प्यार करते हें, आपकी परवाह रखते हें। अपने स्वस्थ का ख्याल रख कर आप अपनों को आपकी बीमारी से होने वाले कष्टों से भी बचा सकेंगे। इसे कष्ट जो संभवतय आप देख या भोग चुके हों।





मस्तिष्क के लिए हानि पहचाने वाली आदतें|
1. प्रतिदिन  नाश्ता न करना |
जो लोग नियमित रूप से नाश्ता नहीं लेते उन्हें  मस्तिष्क में शर्करा के स्तर कम होने का खतरा बना रहता हे।
यह खतरा  पोषक तत्वों की अपर्याप्त आपूर्ति के कारण मस्तिष्क क्षति ग्रस्त (brain degeneration.) होने के कारण हो सकता है।
2. अधिक खाना (Overeating) 
अधिक खाना खाने से  मस्तिष्क की धमनियों(arteries) कोलेस्ट्रोल जम जाने से  सख्त हो जाती हें, इससे कोशिकाओ(सेल्स)को पोषण में कमी हो जाती हे।यह मानसिक शक्ति(स्मरण एवं कार्य क्षमता) में कमी होने से होता है।.
3. धूम्रपान (Smoking )
यह  मस्तिष्क संकोचन(multiple brain shrinkage) का कारण बनता है जो  अल्जाइमर(Alzheimer) रोग(भूल जाने का रोग) को जन्म दे सकता है।
4. बहुत मीठा खाते रहने से
( High Sugar consumption )
अधिक चीनी या मीठे पदार्थो का सेवन से प्रोटीन और पोषक तत्वों के अवशोषण (absorption) में बाधा होने से कुपोषण और मस्तिष्क के विकास में कमी का कारण से भी  मस्तिष्क को हानी पहुचती है
5.वायु प्रदूषण Air Pollution 
हमारा मस्तिष्क को हमारे शरीर में ऑक्सीजन की सबसे अधिक जरुरत होते हे, प्रदूषित हवा में श्वास (inhaling) लेने से मस्तिष्क को ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, इससे मस्तिष्क की कार्य क्षमता या दक्षता में कमी होने लगती है
6. नींद की कमी Sleep Deprivation 
सोने(Sleeping) के समय हमारे मस्तिष्क को आराम मिलता हे। अधिक देर तक जागने या न सो पाने से मस्तिष्क कोशिकाओं की क्षति या मौत होती हे। 
 7. सिर को ढक कर सोने से
सर को ढक कर या पूरी तरह मुह सहित ओड़कर सोने से कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा चदर के अन्दर अधिक हो जाती हे, इससे ऑक्सीजनकी कमी होने से मस्तिष्क को हानि होने की सम्भावना अधिक हो जाती है ।
8. बीमारी के दौरान अपने मस्तिष्क कार्य करते रहना
बिमारियों से कमजोर या कठोर शारीरिक कार्यो के दोरान अध्ययन अद्यापन आदि मस्तिष्क के काम भी करते रहने से कार्यक्षमता में गिरावट के साथ मस्तिष्क को क्षति हो जाती है
9. उत्तेजक विचारों से।  
 अच्छा  सोचना(पोसिटिव थिंकिंग) (मानसिक जप आदि)  हमारे मस्तिष्क को प्रशिक्षित करने का सबसे अच्छा तरीका है, मस्तिष्क की उत्तेजना विचारों (thoughts) में कमी कर देता हे। इस कारण मस्तिष्क का संकोचन होने से उसे हानी पहुचती है
10. कम बात-चीत 
 Talking Rarely
बौद्धिक बातचीत(Intellectual conversations) मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाने का सबसे अच्छा रास्ता है
क्या आप अपने स्वास्थ्य के बारे में ख्याल रखना चाहेंगे और यह केवल आपके ही लिए नहीं  उनके लिए भी जो आपको प्यार करते हें, आपकी परवाह रखते हें। अपने स्वस्थ का ख्याल रख कर आप अपनों को आपकी बीमारी से होने वाले कष्टों से भी बचा सकेंगे। इसे कष्ट जो संभवतय आप देख या भोग चुके हों।  
यह संदेश भी आयुर्वेद के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण  का एक विषय हो सकता है

DO TAKE CARE ABOUT YOUR HEALTH... ........... 
AND PASS THIS TO ALL WHOM YOU LOVE & CARE FOR 
the message can be also given a subject of "Scientific approach to ayurveda"
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अज्ञात का यह लेख  अनुवादित(भाव-अनुबाद)  है ।
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समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें|

1 टिप्पणी:

Manish Trivedi ने कहा…

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जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

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