विरूद्ध आहार-विहार:अर्थ हे, एक साथ नहीं
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इन पदार्थों में परस्पर गुणविरूद्ध ,या विपरीत गुण वाले, *संयोगविरूद्ध,* संस्कार विरूद्ध * देश, काल, मात्रा, स्वभाव आदि से विरूद्ध होते हैं।
गर्म व ठंडे पदार्थों का एक साथ सेवन वीर्य विरूद्ध है।
विरूद्ध आहार-विहार:अर्थ हे, एक साथ नहीं
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हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|
जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।
चिकित्सक सहयोगी बने:- हमारे यहाँ देश भर से रोगी चिकित्सा परामर्श हेतु आते हैं,या परामर्श करते हें, सभी का उज्जैन आना अक्सर धन, समय आदि कारणों से संभव नहीं हो पाता, एसी स्थिति में आप हमारे सहयोगी बन सकते हें| यदि आप पंजीकृत आयुर्वेद स्नातक (न्यूनतम) हें! आप पंचकर्म चिकित्सा में रूचि रखते हैं, ओर प्रारम्भ करना चाह्ते हैं या सीखना चाह्ते हैं, तो सम्पर्क करेंं। आप पंचकर्म केंद्र अथवा पंचकर्म और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे अर्श- क्षार सूत्र, रक्त मोक्षण, अग्निकर्म, वमन, विरेचन, बस्ती, या शिरोधारा जैसे विशिष्ट स्नेहनादी माध्यम से चिकित्सा कार्य करते हें, तो आप संपर्क कर सकते हें| सम्पर्क समय- 02 PM to 5 PM, Monday to Saturday- 9425379102/ mail- healthforalldrvyas@gmail.com केवल एलोपेथिक चिकित्सा कार्य करने वाले चिकित्सक सम्पर्क न करें|
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1 टिप्पणी:
आपको साधुवाद व धन्यवाद की आप इतना अच्छा कार्य कर रहे हैं जिससे सामान्य जन को इतना लाभ हो रहा है निश्चित ही आप बधाई के पात्र हैं।
मेरी भी कुछ जिज्ञासा हैं कृपया इनका उत्तर देवें।
1. क्या अलसी और सोयाबीन को एकसाथ इस्तमाल किया जा सकता है। इनके प्रयोग का क्या तरीका है और क्या सावधानियां रखनी चाहिये? कृपया विस्तार से बताएं। धन्यवाद
2- बच्चों के लिए हैल्थ डींक बनाना चाहता हूं जो रोज सुबह दुध में दो चम्मच मिलाकर पिला दूं। इसमें मैं अलसी, सोयाबीन, बादाम, काजू, जौ, बाजरा, चना, पिस्ता, अखरोट, छुहारा, मुंगफली
तो इसमें इनका अनुपात क्या होगा, या इनका तरीका क्या होगा दरअसल मैं बाजार में मिलने वाले काम्पलान या बोर्नविटा की जगह बच्चों को यह देना चाहता हूं। अगर इसी मिश्रण में मिठास के लिये आधा चम्मच शहद घोल दूं तो क्या यह नुकसान करेगा...कृपया शंकाओं का समाधान करें।
यह मिश्रण देने के बाद बाद में अंडा और केला का नाश्ता दिये जाने में कोई परेशानी तो नहीं है।
मेरे 2 बच्चे हैं लड़का 9 वर्ष और लड़की 8 वर्ष।
और मैं और मेरी पत्नि खुद भी वह मिश्रण रोजाना ले सकते हैं या नहीं?
हम चारों को डायबिटीज, हाई बीपी की परेशानी नहीं है।
आपके जवाब का इंतजार रहेगा। धन्यवाद
Thanks and Regards
Mohammed Akhtar
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