यह प्रश्न एक व्यक्ति का नहीं, कई भाई इस कब्ज या एसी ही किसी समस्या से पीड़ित हें, इसके उत्तर में केवल खान-पान से ही तकलीफ दूर की जा सकती है। |
यह दिक्कत केवल आपकी नहीं उस प्रत्येक व्यक्ति की है, जिसे यह समस्या है। यदि आपको इसके अतिरिक्त ओर कोई समस्या नहीं है, (यदि अन्य कोई रोग/ कष्ट है तो चिकित्सक से प्रत्यक्ष संपर्क कर रोग निदान करें।) ,
- आप रोज दोनो समय खाना खाने के पहिले लगभग 200 ग्राम से अधिक मुली/ गाजर/ ककड़ी/ प्याज/टमाटर, नीबू आदि (सलाद) खाएं।
- प्रात: नाश्ते में चाय दूध आदि के साथ प्रति दिन बदल बदल कर, अंकुरित मूंग मोठ आदि, या उपमा, या दलीया, या ब्राउन ब्रेड लें।
- खाने (लंच) में कम मिर्च मसाले वाली दाल 25--50 ग्राम, हरी सब्जी 200ग्राम , उबला चावल50 ग्राम (या दलीया,) 100 ग्राम रोटी।
- दोपहर बाद 200 ग्राम फल (सेव,पपीता,अनार,अमरूद ओर डाईबिटीज़ न हो तो आम केला,अंगूर आदि लें, साथ में दही, छाछ, या दूध (चाय अधिक लाभ नहीं देती) लें।
- यदि रात्री में देर से 8 बजे के बाद खाना खाने की आदत हो तो, संध्या के समय भी नाश्ते जेसा दलिया आदि लें।
- रात्री भोजन में सलाद सहित लंच की तरह, पर मात्रा में कम खाना लें ।
- रात्री को एक गिलास दूध पिये ( ध्यान रखें की दूध मलाई क्रीम रहित, कम उबला केवल गरम किया हुआ ही हो अन्य दूध चाहे स्वादिष्ट लगते हें पर लाभ नही देते)।
- नान वेज की आदत अच्छी नहीं है। पेट ठीक हो एसीडिटी या कब्ज नहीं हो तो कभी कभी कम मिर्च मसले वाला लेने में अधिक हानी नहीं होती।
- प्रतिदिन अधिक पानी पीने की आदत बनाए।
- नियमित दिनचर्या जैसे प्रात: उठकर घूमने जाना, थोड़ा व्यायाम करना, शरीर को स्वछ रखना, धुले वस्त्र पहिनना, प्रसन्न रहना, समय पर सोना, आदि सामान्य सी लगने वाली बातें भी कब्ज दूर रखने में सहायक होती हें।
- मधु मेह या डाईबीटीज़ का भोजन के बारें में।
- भोजन की नियम - जिन्हे अपना कर सौ वर्ष जियेँ।
- डाईबीटीज़ ओर ह्रदय रोग का बीज कब्ज में-
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