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श्वास, संग्रहणी , प्रवाहिका, नजला (पुराना जुकाम) टॉन्सिल्स, विषयक प्रश्न के उत्तर -
प्रश्न
-विषय (Asthma
type kuf & haf)19/10/2016 15:29:07 |
रोहितास
बिहार से भाई कश्यप जी श्री लिखते हें की उनकी माँ को खांसी बहुत रहती है, रात में
ज्यादा रहती है, वे सो नहीं पातीं, और उनको लगता है, की सीने पर भारी पन लगता है| कफ भी आता है, कोई भी काम करतीं हें तो हफाने
लगतीं हैं| या 4 वर्ष से है|
उत्तर
- आपने उनकी आयु नहीं लिखी| आपकी बात से लगता है की उन्हें एलर्जिक श्वास, हो सकती
है| मूल रूप तो यह कफज रोग है| आप पता लगायें की किसी चीज के एलर्जी तो नहीं?
हमारे सज्ञान में आया है, की कभी कभी किसी अगरबत्ती आदि परफ्यूम, सिंथेटिक तकिया
बिस्तर, कोई दवा, जैसा कारण भी हो सकता है| यदि एलर्जिक नहीं तो प्रत्यक्ष परिक्षण
करवा कर रोग निदान पश्चात् चिकित्सा दी जा सकेगी| समान्य रूप से कफ की चिकित्सा
पंचकर्म के अंतर्गत वमन कर्म होता है यदि उनकी आयु शरीर स्थिति, अवस्था, आदि सहने
योग्य है तो करवा लें| दवा परिक्षण उपरांत ही देना उचित होगा|
डॉ
मधु सूदन व्यास
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प्रश्न -विषय कफ और दस्त (काला मल )19/10/2016 12:32:43
खरियार रोड ,जिला -नुआ पाडा, ओडिशा से श्री अग्रवाल जी लिखते हैं -
उत्तर -उम्र -४५, वजन - ४३ किलो , लो ब्लड प्रेशर, कफ, अनिक्षा, निद्रा की
अधिकता, सायकाल शरीर में दर्द होना, दन्त
से खून निकलना, आंख से पानी निकलना, कभी
कभी अस्थमा दम की तरह सांस लेने में तकलीफ होना, आस पास रहने
वालो को भी कफ की सिकायत, ठण्ड में पेशाब अधिक व गर्मियों
में पेशाब की अल्पता, मल और मूत्र में गर्मियों में जलन, -लगभग
१० वर्ष से SA29153@YAHOO.COM
उत्तर- भाई श्री अग्रवाल जी आपने
प्रमुख रोग कफ और काल दस्त लगने की बात लिखी है|
आपने जो अन्य लक्षण लिखे हें,
उनसे लगता है की आपको संग्रहणी / पेचिश हो सकती है| आपको डाइविटीज तो नहीं है|
लक्षणों के अनुसार अभी आप
निम्न दवा ले सकते हें – पंचामृत पर्पटी 5 ग्राम+लघु लाइ चूर्ण 50 gm + बिल्वादी
चूर्ण 50 gm =इसकी 50 खुराक बनाये. तीन
खुराक रोज लें| + कुटजा रिष्ट २० ml x बार रोज / खाने में मट्ठा / पतला दही लें {यह चिकित्सा लाभ करेगी, परन्तु ठीक होने के
लिए पूर्ण निदान और पूर्ण चिकित्सा, और पथ्य/ अपथ्य विषयक परामर्श भी लेना जरुरी
है तभी अधिक लाभ होगा|
आपने लिखा है की आप उज्जैन आ
सकते हें| आप उज्जैन आ जाएँ आपका पूरा परिक्षण कर चिकित्सा दी जा सकेगी, अपने साथ
पुरानी जाँच रिपोर्ट्स/ चल रही या सेवन की दवा के पर्चे, साथ लेकर आयें, आने से
पूर्व फोन- 0734-2519707
पर समय अवश्य लें|
डॉ
मधु सूदन व्यास
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विषय –
पुराना नजला (मूल विषय Old
najla inside) 10/19/2016
प्रश्न – हरयाणा
के ग्राम धनौरी, जिला जींद, से मनोज भाई लिखते है- मेरी आयु २८ वर्ष है उन्हें 4
वर्ष से पुराना नजला जुकाम है|
उत्तर- अधिक
समय तक जुकाम और टोंसिल होना देनिक जीवन चर्या में कमी को भी दर्शाता है| कफ बढ़ाने वाले
वातावरण, भोजन तला-गला (डीप फ्राइ), लगातार संक्रमण, आदि मूल कारण हैं|
आप
प्रतिदिन दोनों समय अच्छी तरह ब्रश किया करें, रोज गरारे करें, बाज़ार का खाना छोड़
दें, नाक में प्रतिदीन सुबह दोनों नासिका द्वारा में ६ बूंद षड बिंदु तेल डालें, मकरध्वज वटी 1 गोली रोज + हरिद्रा खंड 10 10
ग्राम दो समय+ दशमूलारिष्ट २० ml + द्राक्षारिष्ट २०ml भोजन के बाद दो बार रोज १५ दिन लें, ये दवा
खाने से पाहिले एक बार एरंड तेल 40 ml गर्म दूध के साथ रात्रि को सोते समय जरुर लें
ताकत शोधन हो जाये|
आपको लाभ
मिल जायेगा| लाभ न मिले या पुन हो तो पंचकर्म कार्य वमन + नस्य करवा लें| इससे
हमेशा के लिए जुकाम, टोंसिल, खांसी, सर्दी, आदि नक्ठी गले और मुख के रोग ठीक हो जाते हें|
यदि
पंचकर्म हेतु उज्जैन आना चाहते है तो पूर्व समय लेकर ही आयें|
एक भाई ने टोंसिल के बारे में भी पूछा है, यह गले का संक्रमण है उक्त समस्त चिकित्सा से ही लाभ होगा| डॉ मधुसूदन
व्यास
चिकित्सा/परामर्श हेतु आने से पूर्व फोन- 0734-2519707 पर समय अवश्य लें|
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