प्रश्न :- एसीडिटी प्रमुख लक्षण- पेट में
जलन, गेस, कब्ज, सिरदर्द, उलटी, घुटनों में दर्द,
उत्तर- मनोज कुमार चोरासिया जी (खगरिया-बिहार)
आयु ४३ वर्ष, ने लिखा है उन्हें 6 वर्ष से पेट गेस, जलन होती है, पखाना साफ़ न होना,
सिरदर्द होना, ब्रश करते समय उल्टी जैसा लगाना, घुटनों में दर्द की समस्या है|
{मूल प्रश्न :- 2/15/2017
12:48:56 manoj kumar chaurasia /43years/ pet
me gas, jalan, , constipation, gas pet &kant me jalan,
sirdard, headack, pakhana saf nahi hona, ghutna me dard. bras karte samay
vomiting ki pravirti. sir hamesa bhari bhari, abm jakra
jakra,/about 6 year / At-Pitonjhia Po-Pasraha Ps-Gogri
Dist -Khagaria Pin 851212 State-Bihar/
यह समस्या पाचन विषयक है, जो
वर्तमान में बहुत अधिक व्यक्तियों की होती है| यह मिथ्याहार-विहार (देखे लेख –लिंक)
की है| इस कष्ट का सामान्य कारण बाज़ार का खाना, मिर्च-मसाला अधिक सेवन, समय पर
खाना न खाना, सामान्य खाना न खाकर अन्य फ़ास्ट फ़ूड कचोरी पकोड़ी आदि खाना, अधिक खाना
या बहुत कम खाना, रात देरी से खाना, सोना, चाय, शराब, आदि पीना, भूखे रहना,
शारीरिक परिश्रम और व्यायाम न करना, पानी कम या बहुत अधिक पीना, आदि होता है|
रात्रि को देरी से खाने और पानी कम
पीने, और मिर्च मसाला वाला खाना खाने से, वह प्रात तक पच नहीं पाता और पित्त बन जाता
है, सुबह ब्रश करते समय यह पित्त बना (बिना पचा पेट का खाना) उत्क्लेश (उलटी की
इच्छा) होने से निकल जाना चाहता है, यह पित्त आपके सारे कष्टों का कारण है|
आप इन उपरोक्त कारणों में से अपने कारण
निश्चित करके उसे दूर कर दें|
सुबह ब्रश करते समय यदि उत्क्लेश हो
तो गर्म पानी में नमक डाल कर गरारे करें, इससे पेट का सारा पित्त वमन (उलटी) होकर
निकल जायेगा जो मुहं को कडवा सा कर देगा इसका अर्थ है पित्त पूरा निकल गया है| यदि उलटी के बाद बेचेनी हो तो इसका मतलब है
पित्त पूरा नहीं निकला, और उलटी करें| पित्त निकलने पर ठंडा पानी पीने से बेचेनी
दूर हो जाएगी, और आप दिन भर ठीक रहेंगे|
प्रतिदिन लगातार एसा करने से आप रोग
से छुटकारा भी पा लेंगें|
रात को खाना हमेशा सोने के कम से कम
2- 3 घंटे पहिले खाना चाहिए और सोने से पाहिले दो तींन बार पानी पीना चाहिए ताकि भोजन पच कर आगे बड
जाये, और सुबह उलटी न हो|
आराम न मिले तो सूतशेखर रस 250 mg
दो बार साथ में लें| फिर भी ठीक न हो तो किसी वेध्य से परमर्श करें|
एसिडिटी के लिए एलोपेथिक एन्टेसिड
कब्ज करते हैं वे नहीं लें, अथवा रोज जुलाब भी लें, ताकि कब्ज न हो| अविपत्तिकर
चूर्ण ये दोनों काम करता है|
सामान्यत: पेट साफ़ होने पर एसीडिटी
दूर हो जाती है,पर यदि अधिक बढ़ गई हो तो पेट में अल्सर, छाले हो जाने से तकलीफ दूर
नहीं हो पाती| इसके लिए सही रोग निदान, और चिकित्सक परामर्श से ही रोग ठीक किया जा
सकता है|
यदि रोग ओषधि चिकित्सा से ठीक नहीं
होता तो इसके लिए “पंचकर्म वमन” आदि चिकित्सा श्रेष्ट चिकित्सा है| यह किसी
निष्णात आयुर्वेदिक चिकित्सक से ही ली जा सकती है|
आपकी अन्य समस्याएं जैसे सिरदर्द,
घुटनों में दर्द, गेस, जलन, आदि भी उपरोक्त चिकित्सा से ठीक हो जायेगा| विश्वास के
साथ लें, अन्य एलोपेथिक एंटासीड टेब बिलकुल न लें| लाभ एक दो दिन में ही होगा|
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समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें| इसका प्रकाशन जन हित में किया जा रहा है।