प्रश्नो पर उत्तर 2019
- प्रश्न
– फिश्चुला 15 वर्ष से
प्रश्न
कर्ता- Shailendra
dodiya/ Ujjain आयु - 78
एनल फिस्टुला, भगंदर, गुदा नाडी व्रण, आदि नामक इस रोग में गुदा
के निकास के आस-पास बहरी भाग से अन्दर मलाशय के किसी भी हिस्से में खुलने वाली
नाडी या नलकी जैसी रचना बन जाती है, इसके द्वारा खून,
पस, या मलाशय के तरल द्रव्य निकलते रहते हें|
संक्रमण के कारण मवाद (पस), निकलना, दर्द, सुजन, तेज खुजली और जलन, आदि समस्या पैदा हो जाती है|
चिकित्सा:-
चिकित्सा
में नाडी के दोनों छोर खुले होने से गुदा के अन्दर की गन्दगी इसमें से बहकर बाहर
निकलती रहती है इसी कारण रोग ठीक नहीं हो पता|
चिकित्सा का उद्देश्य यही होता है की नाडी को ही नष्ट कर
दिया जाये|
इसके लिए आपरेशन द्वारा नाडी को काट कर निकालना, नष्ट करना जरुरी होता है|
आयुर्वेद
में भी क्षार सूत्र द्वारा इस नाडीव्रण को हटाया जा सकता है, इसमें एक सप्ताह भी लग
सकता है,
आप किसी आयुर्वेदिक ग़ुदा रोग विशेषज्ञ चिकित्सक से सम्पर्क करें।
आप उज्जैन सेहेन अत: आप, उज्जैन में शासकीय आयुर्वेद चिकित्सालय चिमनगंज मंडी पुलिस थाने के पास जाकर सम्पर्क करे, वहां यह चिकित्सा उपलब्ध है, इसके अतिरिक्त उज्जैन में कई निजी
चिकित्सक भी इसे करते हैं।
ओषधी और अन्य चिकित्सा ओर क्षार सुत्र् चिकित्सा हेतु आप हमारे धमार्थ वात्सल्य ओषधालय
एम आई जी ४/१ प्रगती नगर (नानाखेडा बस स्टेंड के पास) उज्जैन आकर सम्पर्क करें।
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समस्त चिकित्सकीय सलाह, रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान (शिक्षण) उद्देश्य से है| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें| इसका प्रकाशन जन हित में आयुर्वेदिक चिकित्सा के ज्ञान, सामर्थ्य, हेतु किया जा रहा है। चिकित्सा हेतु नजदीकी प्राधिक्रत आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेँ। चिकित्सक प्रशिक्षण हेतु सम्पर्क करै।
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