"Vamana" "वमन"
विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली के अंतर्गत आचार्य चरक एवं उनके बाद आने वाले चिकित्सकों द्वारा सतत परीक्षित, प्रमाणित, पंचकर्म चिकित्सा कहाने वाली एक प्रमुख और प्रथम पंचकर्म प्रक्रिया है "वमन"|
सामान्य भाषा में वमन को उबकाई, क़ै होना, उल्टी होना, emesis, spew ,
vomiting, आदि कहा जाता है|
सामान्य परिस्थितियों में जब भी कभी एसी चीज जो शरीर को पसंद नहीं, या अनावश्यक है, मुहं से अन्दर चली जाती है तो शरीर उसे निकाल फेंकने का प्रयत्न करता है, यदि मुहं से ही निकले तो वमन, या उल्टी होना, गुदा से निकले तो विरेचन (दस्त) लगना कहा जाता है|
परन्तु अक्सर कई बार वह अनावश्यक चीज अन्दर ही कफ, मल, आदि के रूप में एकत्र हो जाती है तो कई बिमारियों का कारण बन जाती है| इस प्रकार की ज़मा हुई गन्दगी को यदि निकाल फेका जाये तो रोग का कारण हटने पर रोग भी ठीक हो जाते हें| पंचकर्म की वमन प्रक्रिया द्वारा इस प्रकार के जमा कफ मल आदि निकाल कर रोग निवारण हो जाता है|
नाक गले फेफड़ों, आदि में कफ जम जाने से श्वास प्रक्रिया प्रभावित होती है, और श्वास, खांसी, आदि रोग उत्पन्न होते हें| टीबी जैसे रोग भी आसानी से संक्रमित हो जाते हें| शिर के साइनस में भी कफ के जमने से, सिर में भारीपन होकर अनिद्रा, बेचेनी, नाक और कान के कई रोग, आँखों के रोग, हो जाने का खतरा पैदा हो जाता है| जमा कफ से रक्त नलिकाएं अपना रक्त संचार कार्य ठीक से नहीं कर पातीं इससे मस्तिष्क को पोषण की कमी हो जाने से कई न्युरोलोजिकल समस्याएं उत्पन्न होने लगतीं हें जो सम्पूर्ण शरीर पर प्रभाव डालतीं हें, ओर शरीर के सभी भागों में कोई न कोई रोग उत्पन्न कर देती है| इस प्रकार हम कह सकते हें कि शरीर ज़मा होने वाला कफ रूपी मल सारे शरीर में किसी न किसी रूप में रोग का कारण बन जाता है|
हमारे प्राचीन आचार्यों ने इस मल को निकाल फेकने हेतु ही वमन कर्म को चिकित्सा में शामिल किया है| आधुनिक चिकित्सा में इस प्रकार की गन्दगी को निकल फेकने की कोई व्यवस्था नहीं है, वे केवल स्थानिक लक्षणों को शांत कर किंचित लाभ दे दे सकते हें, रोग जड़-मूल से समाप्त नहीं हो पाता|
हजारो वर्षों से सतत अनुभूत ओर सर्व ऋषि, आचार्य, चिकित्सको द्वारा मान्य, और वर्तमान शोधों पर भी खरे सिद्ध हुए इस पंचकर्म चिकित्सा अंतर्गत वमन कर्म से समस्त कफ दोष का शोधन कर कई रोगों से छुटकारा दिलाया जा सकता है, जो किसी भी पेथी की ओषधि चिकित्सा से ठीक नहीं हो पाते|
वमन चिकित्सा द्वारा निम्न रोगों की चिकित्सा सफलता पूर्वक की जा सकती है|
एसिडिटी, श्वास, कास, प्रमेह, पांडु रोग (एनीमिया), मुख रोग, मोटापा, माइग्रेन, अनिद्रा, तनाव, स्मरण शक्ति की कमी, आदि शिरो रोग, मधुमेह, लिवर, आदि कई रोगों में वमन कर्म द्वारा रोगी का रोग जड़ से ठीक किया जा सकता है|
वमन कर्म सम्बंधित कई प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए पढ़ें -
- क्या वमन या उल्टी
होना भी चिकित्सा है?
- वमन से कोई मुश्किल तो नहीं होती?
- केसे कई रोग वमन से आसानी से ठीक हो जाते हें?
पंचकर्म के
अंतर्गत होने वाली प्रक्रिया ही “वमन कर्म”
[Therepetik Emisis] है| See More - “VAMAN – Part of Pancha Karma” “वमन कर्म”[Therepetik Emisis]
- कैसे किया जाता है वमन कर्म"?