दुनिया में लाखों ऐसे मरीज है जो गुर्दे की पथरी से परेशान है। यह रोग पीड़ा देने के साथ साथ और भी अनेक तकलीफ पैदा करता है।
जब नमक एवं अन्य खनिज (जो आपके मूत्र में मौजूद होते हैं) वे एक दूसरे के संपर्क में आते है तो
पथरी का निर्माण होने लगता है जो गुर्दे की पथरी के रूप में जाना जाता है।
गुर्दे की पथरी का आकार अलग अलग हो सकता है; कुछ पथरी रेत के दानों की तरह बहुत हीं छोटे आकार के होते हैं तो कुछ बहुत हीं बड़े। आमतौर पर छोटे मोटे पथरी मूत्र के जरिये शरीर के बाहर निकल जाया करते हैं लेकिन जो पथरी आकार में बड़े होते हैं वे मूत्र निष्काशन के समय बाहर नहीं निकल पाते एवं मूत्र के बाहर निकलने में बहुत हीं बाधा डालते हैं जिससे बहुत हीं पीड़ा उत्पन्न होती है।
विटामिन बी 6 लिया करें;- विटामिन बी 6 गुर्दे की पथरी को दूर करने में बहुत हीं प्रभावकारी साबित होता है।
अगर विटामिन बी -6 को विटामिन बी ग्रुप के अन्य विटामिन के साथ सेवन किया जाये तो गुर्दे की पथरी के इलाज में काफी सहायता मिलती है। शोधकर्ताओं ने अपने शोध में पाया है कि इस बी विटामिन की 100 से 150 मिलीग्राम की एक दैनिक खुराक गुर्दे की पथरी की चिकित्सीय उपचार में बहुत फायदेमंद हो सकता है। यह विटामिन मष्तिष्क सम्बन्धी विकारों को भी दूर करता है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा
पुरे मूत्र वह संस्थान में रुकी पथरी को निकालने एवं बनने न देने के लिए निम्न चिकित्सा करे |
हजरल यहूद भस्म १/२ ग्राम+क्षार पर्पटी १/२ ग्राम पानी के साथ दिन में दो बार + गोक्षुरादी गुगुलु २-२ गोली दो बार - सेवन करने से पथरी टूट कर बिखर कर मूत्र केसाथ धीरे धीरे निकल जाती हे | कभी कभी बड़े टुकड़े निकलने से मूत्र नली में अन्दर छिल जाने से खून भी आ जाता हे | घबराए नहीं अधिक हो तो आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करे | अधिक अच्छा हे की पूर्व से ही उनके परामर्श से चिकित्सा ली जाये | इससे कुछ अन्य औषधि ( पाषण भेद वज्र रस आदि) भी दी जा सकेगी | पानी अधिक पीना और कुल्थी ( एक प्रकार का दलहन ) की दाल+ गोखरू का काड़ा उपरोक्त औषधि खाने के बाद पीने से पथरी जल्दी निकलती हे |
हजरल यहूद भस्म१०० मिली ग्राम+क्षार पर्पटी १०० मिली ग्राम -प्रति दिन एक बार लगातार लेते रहने से पथरी बनाने वाले शरीर के रसायन पथरी नहीं बना पाते | गोक्षुरादी गुगुलु से दर्द भी ठीक हो जाता हे |
अन्य सामान्य उपाय जो राहत दे सकते हें|
तुलसी के पत्तों में विटामिन बी पाया जाता है इसलिए तुलसी के कुछ ताजे पत्तों को रोजाना चबाया करें।
प्याज (कांदा) खाएं : प्याज में गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए औषधीय गुण पाए जाते हैं। अगर आप सही ढंग से इस घरेलू उपचार का पालन करेंगे तो आपको इसका हैरान कर देने वाला परिणाम मिलेगा। आपको इसका रस पीना है लेकिन पके हुए प्याज का। इसके लिए आप दो मध्यम आकर के प्याज लेकर उन्हें अच्छी तरह से छिल लें। फिर एक बर्तन में एक ग्लास पानी डालें और दोनों प्याज को मध्यम आंच पर उसमें पका लें। जब वे अच्छी तरह से पक जाये तो उन्हें ठंढा होने दें फिर उन्हें ब्लेंडर में डालकर अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें। तत्पश्चात उनके रस को लें|
--समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान ,एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें |.
1 टिप्पणी:
achhe lekh gathia rog ke baare me lekh ki pratiksha hai jisme patent davaao ke baare me bhi likha ho
aapka prayas bahut hi sarahniy hai
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