क्या हम जानते हें की त्वचा को मोश्चारईजर करने वाली क्रीमो आदि में हानिकारक हो सकने वाले और न जाने कोन कोन से तेल / सूअर आदि की चर्वियों,और रसायनिक तत्व होतें हें?
यह जानने के पाहिले यह जानना होगा की शरीर की त्वचा को स्निग्ध या चिकना बनाये रखने वाले पदार्थ ही मोश्चराइजर कहलाते हें| अधिकतर गर्म स्थानों में रहने वालों की त्वचा खुश्क हो जाती हे इससे त्वचा के छिद्र बंद हो जाते हें और पसीना न आने से त्वचा का मल या गन्दगी निकल नहीं पाती परिणामस्वरूप खुजली /फोड़े फुंसी
आदि चर्मरोग मुहं पर मुहांसे एक्ने आदि बनने लगते हें |
इसीलिए मोश्चराइजर की आवश्यकता होती हे | बाज़ार में बहुत सारे
मोश्चराइजर मिलते हें, पर क्या आप जानते हें? सबसे अच्छा मोश्चराइजर "तेल" होता हें | जो कई लोगो द्वारा मालिश आदि की सहायता से त्वचा को दिया तो जाता हे पर एक भूल 'मालिश के बाद नहाने या नहलाने से पूरी तरह निकल जाता हे| और यदि साबुन,शेम्पू आदि का प्रयोग कर लिया तो वापिस त्वचा खुश्क हो जाती हे|
क्या करें?
वास्तव में सभी बाद में इसलिए तो नहाते हें की जो तेल चमड़ी पर लगा हे वह निकल जाये और कपडे आदि चिकने न करे|
इससे बचने का रास्ता हे |
१- कम से कम तेल लगाया जाये|
२- मालिश के तुरंत बाद न नहाकर देर से नहाये और साबुन आदि का प्रयोग नहीं किया जाये ,यदि शरीर को साबुन से धोना आवश्यक हो तो पाहिले साबुन से नहा ले फिर मालिश करें अधिक तेल हटाने केवल ठन्डे पानी का प्रयोग करे|
३- बाल्टी में पानी के साथ थोडा तेल डाल लें फिर उससे नहाये तो शरीर को मोश्चराइज करने की जरुरत नहीं होगी|
इस प्रकार से बिना अधिक खर्च किये हम इन प्राक्रतिक और सुलभ तेल आदि को मोश्चराइजरस के रूप में प्रयोग कर के हानिकारक हो सकने वाले और न जाने किन किन तेलों सूअर आदि की चर्वियों,और रसायनों से बनी क्रीमो से बचा जा सकता हे| आयुर्वेद के अनुसार भी यही श्रेष्ट हे|
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समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें|
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