Rescue from incurable disease

Rescue from incurable disease
लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

कुछ उपयोगी जानकारियाँ-छोटी छोटी बाते|

कुछ उपयोगी जानकारियाँ

  1.  मोर के पंख :- मोर के पंख को रखने से या हिलाने से सॉंप तथा छिपकली भाग जाती है|
  2.  काली मिर्च :- केसर की डब्बी में काली मिर्च के दाने डालने से नमी के कारण उसमें होनेवाली जीवोत्पत्ति रुक जाती हैं|
  3.  डामर की गोली :- कपडें, पुस्तकों की बैग, अलमारी वगैरह में डामर की गोली रखने से जीवों की उत्पत्ति नहीं होती| 
  4.  पारा :- अनाज में पारे की गोली डालने से अनाज सड़ता नहीं तथा जीवोत्पत्ति होती नहीं| 
  5.  एरंडी का तेल :- गेहूँ, चावल, मसाला आदि को यह तेल मसलने से जीव नहीं होते तथा उसकी गंध से चींटियॉं दूर चली जाती हैं| 
  6. घोडावज (एखंड) (वचा) :- पुस्तकों की अलमारी में एखंड रखने से जीवोत्पत्ति नहीं होती| 
  7.  तमाकू :- कपड़े अथवा पुस्तकों की अलमारी में तमाकू के पत्ते रखने से जीवोत्पत्ति नहीं होती| 
  8.  चूना :- उबाले हुए पानी में चूना डालने से वह पानी ७२ घंटे तक अचित्त रहता है| चूना पोतने से दीवारों पर जीव-जंतु जल्दी आते नहीं| लकड़ी के फर्नीचर पर पकाये, सूखे हुए चूने को घिसने से जीवोत्पत्ति नहीं होती| 
  9.  डामर (कोल-टार) :- केरोसिन में मिला कर लकड़ी पर लगाने से डामर के ऊपर निगोद [फफूंद]  की उत्पत्ति नहीं होती|  इससे दीमक की उत्पत्ति भी रुकती है| 
  10.  केरोसीन (मिट्टी का तेल) :- चमड़ी के ऊपर केरोसीन घिसने से मच्छर नहीं काटते| ज़मीन पर केरोसीन वाले पानी से पोंछा करने से चींटियॉं नहीं आती| 
  11.  राख :- चींटियों की कतार के आस-पास राख डालने से वे चली जाती हैं| अनाज में राख मसलकर डब्बे में रखने से अनाज सड़ता नहीं| 
  12.  कपूर :- कपूर की गोली की गंध से चूहे दूर भागते हैं तथा उनका आना-जाना, दौड़ना कम हो जाता है| कपूर का पाऊडर आजु-बाजू डाल देने से चींटी चली जाती हैं| 
  13.  गंधारो वज :- लकड़ी की अलमारी में यह रखने से झिंगुर (कॉक्रोच) की उत्पत्ति नहीं होती| 
  14.  कुंकु :- कुंकु डालने से चींटीयॉं चली जाती हैं| 
  15.  हल्दी :- हल्दी डालने से चींटीयॉं चली जाती हैं| 
  16.  गेरु (लाल रंग की मिटी) :- दीवार पर पोतने से दीमक नहीं होती | 
  17.  रंग-वार्निश-पालिश :- लकड़ी पर निगोद और जीवोत्पत्ति रोकने हेतु करें| 
  18.  गोबर के कंडे की राख :- अनाज में मिश्रित कर जीवोत्पत्ति रोकी जा सकती है| 
  19.  बारीक जालीवाले खिड़की-दरवाजे :- खिड़की-दरवाजे में बारीक जाली वाले दरवाजे फीट करने से वे बंध होने पर हवा व प्रकाश तो मिलेगा लेकिन मच्छर, मक्खी आदि का प्रवेश नहीं हो पायेगा| 
  20.  धूप :- सूखे नीम के पत्ते, सूखे आंकड़े के पत्ते, लोबान या कंद्रुप के धूप से मच्छर आदि जन्तु चले जाते हैं| 
  21.  तुलसी :- तुलसी के पौधे के कारण मच्छर आदि जन्तु नहीं आते| तुलसी के सूखे पत्तों का चूर्ण एवं कपूर का चूर्ण मिलाकर छिड़कने से चींटियॉं भाग जाती हैं| 
  22.  फिटकरी :- फिटकरी एवं हल्दी का पावडर मिलाकर छिड़कने से चींटियॉं चली जाती हैं| चूहे के बिल के पास फिटकरी का पावडर रखने से चूहा भाग जाता है| 
  23.  सेंधा नमक :- चींटियों के निवारण के लिये सेंधा नमक अकसीर है| 
  24.  चंदन :- चींटियों के मार्ग में चंदन का टुकड़ा रखने से चीटियॉं अपना रास्ता बदल देती हैं| 
  25.  पुदीने के पत्ते :- पुदीने के पत्तों से चूहे नहीं आते| 
  26.  नमक :- नमक भरने से कपाट में उधई (दीमक) नहीं लगती| 
  27.  संतरे की छाल :- संतरे की छाल का धुंआँ करने से मच्छर दूर हो जाते हैं| संतरे की छाल का तेल शरीर पर लगाने से मच्छर नहीं काटते| 
  28.  चाय की पत्ती :- उपयोग के बाद बची हुई चाय की पत्ती को सुखाकर उसका धुंआ करने से मच्छर दूर हो जाते हैं| 
  29.  सूखे नीम के पत्ते :- अनाज, कपडों, पुस्तकों आदि में रखने से जीवों की उत्पत्ति नहीं होती|

संकलित
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जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

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