Rescue from incurable disease

Rescue from incurable disease
लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

योनि से बदबूदार पानी निकलता है,खुजली ओर दर्द भी होता है, क्या करूँ?

Q -  मुझे योनि से बदबूदार पानी निकलता है,खुजली ओर दर्द भी होता है। बढ़ी कमजोरी लगती है, किसीको यह बात बताने में शर्म आती है, क्या करूँ?
 एक बहिन आयु 36 वर्ष। 

A-   अगर किसी महिला की योनि से लगातार 6 महीनों से स्राव होने के साथ-साथ उसमें खुजली होती है।
संबंध बनाते वक्त दर्द होता है। पेशाब करने के वक्त उसे परेशानी होती है। तब यह प्रदर रोग जो ट्राइकोमोनास के संक्रमण से होता है, हो सकता है।

   अक्सर पढ़ीलिखी होने के बावजूद कई  महिलाएं अपने प्रजनन अंगों की देखभाल साफ सफाई के प्रति गंभीर नहीं होतीं। मासिक स्राव के समय गंदे कपड़ों का इस्तेमाल करती हें। 
    स्‍त्रियों में प्रजनन अंगों का योनि, गर्भाशय व गर्भनली के माध्यम से सीधा संबंध होता है। योनी मुख बाहर से खुला होने से संक्रमण आसान हो जाता है। यह संक्रमण संसर्ग से या कई बार महिलाओं में प्रसव, मासिक धर्म व गर्भपात के समय या बाद में भी हो सकता है।
   अशिक्षा, गरीबी, शर्म के कारणों से भी अकसर महिलाएं प्रजनन अंगों के रोगों का उपचार कराने में शर्म महसूस करती हैं। इससे रोग बढ़ता जाता हे। रक्त की कमी, मंद ज्वर, हाथ-पैरों में दर्द बना रहना, चिड़चिड़ाहट, मन न लगना आदि कई कष्ट इसके कारण हो सकते हें। इससे आगे चलकर प्रजनन अंगों के (संक्रमण से) कुछ  खतरनाक रोग भी हो सकता है। चिंता न करें यह ठीक हो जाएगा, आप निम्न ओषधियाँ लें। 
आयुर्वेदिक चिकित्सा 

  1. त्रिफला क्वाथ से डूस या योनि बस्ती*(योनि भाग को अंदर से धोना  एक प्रकार का वेजाइनल एनीमा) लें। कम से कम 15 दिन तक। किसी नर्स की सहायता से भी ले सकती हें। 
  2. इसके बाद जात्यादी तैल या इरिमेदादी तेल की योनि बस्ती* धारण कर पेड़ बढ़ लें, से रोग नष्ट होता है। यदि डूस संभव न हो एक बांस की काड़ी से तेल अंदर तक लगा लें। पर इससे लाभ देरी से होगा।   
  3. ल्यूकोल टैब(हिमालय) अथवा ब्राहमीडीन टैब (जे&जे डिशेन) 2 -2 गोली प्रात: सायम BD।  
  4. दशमूलरिष्ठ + लोद्रासव 15-15 एम एल पानी मिलाकर भोजन के बाद लें। 
  5. हरी पत्ते दार सब्जियाँ जैसे पालक,  फल सब्जी जैसे टमाटर,लोकी आदि, मोसमी फल, दूध,  दाल, दैनिक खाने शामिल करें।  
  6. सफाई का ध्यान रखे, मासिक के समय साफ पैड/या मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली रुई ओर लिंट  (एक कपढ़ा) के साथ पैड बना कर प्रयोग करें।  
  7. एक से तीन माह लगातार ओषधि लेने से रोग मुक्ति हो जाएगी कमजोरी भी नही रहेगी।  

सारी चिकित्सा किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श/ सहायता से लेना अधिक अच्छा रहेगा।  

(*योनि बस्ती -रबर ट्यूब से सिरिन्ज के द्वारा 10 एमएल या अधिक योनि से गर्भाशय तक पहुचाना ) 
सभी ओषधियाँ आयुर्वेदिक ओषधि विक्रेताओं के यहाँ आसान से मिल जाती हें।
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जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

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