आजकल एक आयुर्वेदिक ओषधि पुत्रन्जिवा Putranjiva, सुर्ख़ियों में है|
बोटानिकल विवरण -Kingdom: PlantaeOrder:MalpighialesFamily: PutranjivaceaeGenus: PutranjivaSpecies: Putranjiva roxburghii
यह दक्षिण पूर्व एशिया, भारतीय उपमहाद्वीप, जापान, दक्षिणी चीन, और न्यू गिनी में हजारों वर्षो से पाया जाता है| आयुर्वेदिक वैद्या/ आचार्य चरक सुश्रुत के आदि काल से जाना जाता रहा यह ब्रक्ष आधुनिक विज्ञानं की दृष्टि से यह पहली बार 1826 में एक जीनस के रूप में वर्णित परिवार Putranjivaceae में शामिल हुआ था|
इसका बीज निघंटु के अनुसार गर्भाधान और गर्भावस्था के स्वस्थ रखरखाव, इसका पेस्ट सिर में दर्द, सूजन और फोड़ा में एक एनाल्जेसिक के रूप में उपयोगी, और पत्तियों और फलों के काडा बुखार और आम सर्दी जुकाम में भी लाभकारी है|
आजकल केवल श्री रामदेव जी की पंतांजलि द्वारा ही नहीं कई अन्य आयुर्वेदिक कंपनिया इसी नाम से बनती हैं. यही नहीं चरक, डाबर, हिमालय, आदि कई नामी निर्माता इसका उपयोग इसका मूल नाम छुपा कर कर रहें हैं|
यदि श्री रामदेव जी इसका नाम बदलते हें तो यह आयुर्वेद के प्रति विश्वास घात होगा|
फिर रामदेव जी के बदलने से क्या होगा और भी कई कंपनिया भी तो इसी नाम से बनाती है| एक चित्र देखें --
पूर्व कुलपति|
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