पंचकर्म द्वरा हानिकारक बेक्टीरिया नष्ट किये जा सकते हें|
अमेरिका के होवार्ड विश्वविध्यालय में हुए एक अध्ययन में 73% व्यक्तियों के वजन न घटने का कारण एक हानिकारक बेक्टीरिया को माना गया है|
अध्ययन में देखा गया की कई व्यक्ति लाख कोशिश के बाद भी अपना वजन कम नहीं कर पाते, इसमें बड़ी समस्या यह पाई गई की निर्मित खद्य (प्रोसेस्ड फ़ूड) इनमें सोडा, सहित सभी आहार पेय, और फ़ास्ट फ़ूड, इन हानिकारक बेक्टीरिया को शारीर में प्रवेश का जिम्मेदार है, जो वजन कम होने नहीं देते| वजन कम करने की कोशिश करने पर पाचन प्रणाली में उपस्थित ये बेक्टीरिया, वजन कम करने की प्रक्रिया रोक देते हें|
आयुर्वेद में इसे ही मिथ्या आहार- विहार से उत्पन्न परिणाम कहा गया है| इसकी चिकित्सा पाचन प्रणाली का संशोधन हें जो पंचकर्म के माध्यम से किया जा सकता है|
पूर्व कर्म के पश्चात् वमन विरेचन, बस्ती द्वारा इन हानिकारक बेक्टीरिया को निकाल बाहर किया जा सकता है|
पंचकर्म के बाद देखा गया है की शरीर आश्चर्य जनक रूप से वजन कम करने में सहायक (respond) होने लगता है, और वह व्यक्ति वजन बढाने या घटाने अथवा किसी रोग से मुक्त होने के लिए जो भी प्रयत्न कर्ता है उसमें शत प्रतिशत सफलता मिलती है| निश्चय ही पंचकर्म प्रक्रिया द्वरा इन हानिकर जीवाणु के शरीर से निकलने से एसा होता है|
यदि आप भी इस प्रकार की समस्या से ग्रस्त है, मसलन वजन कम बढ़ा नहीं पा रहे हें, किसी जिद्धि रोग से से मुक्ति पाना संभव नहीं हो पा रहा है तो आज ही किसी आयुर्वेद पंचकर्म विशेषज्ञ से संपर्क करें, अथवा हमसे संपर्क करें, यदि उज्जैन आ जाये तो हम आपकी मदद कर सकते हें|
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