Rescue from incurable disease

Rescue from incurable disease
लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

Spring;- Seasonal schedule:- How to stay healthy this season?

बसन्त ऋतुचर्या ( कैसे स्वस्थ रहें इस मोसम में?)
ऋतु आवत ऋतु जात है, कहत सबन यह बात।
अनुकूल चंगा  रहे, प्रतिकूल पाये घात।। 
मार्च, से मई – (चैत्र, वैशाख) के आसपास बसंत ऋतु रहती है| 
बसन्त ऋतु में होने वाले रोग
वसंत ऋतु में अधिकतर पाचन सम्बन्धी समस्याएं पैदा होती है| पाचन क्रिया ही प्रमुख रूप से अधिकांश रोगों की जननी होती है| इस मोसम में अक्सर बदन में दर्द, ज्वर (बुखार) वमन (उल्टी, अरुचि, जी मिचलाना), बैचेनी, भारीपन, भूख न लगना, अफरा, पेट में गुड़गुड़ाहट, कब्ज, पेट में दर्द, पेट में कीड़े आदि विकार होते है। साथ ही सर्दी, जुकाम, सिरदर्द, सुस्ती, खाँसी, नजला, तथा टॉन्सिल्स एवं दमा आदि रोग भी देखे जाते हें|
पथ्य (लाभकारी) आहार-विहार ( क्या खाएं केसे रहें)
इस समय भोजन में सुपाच्य एवं हल्के पदार्थों का सेवन करना चाहिए|  पुराने जौ, गेंहू, ज्वार, बाजरा, मक्का आदि अनाज का आहार श्रेष्ठ है। मूंग, मसूर, अरहर एवं चने की दालें तथा मूली, घीय, गाजर, बथुआ, चौलाई, परवल, सरसों, मेथी, पालक, धनिया, अदरक, हरी सब्जियां, परवल, पालक गोभी, गाजर, सेम तथा मटर आदि का सेवन भी हितकारी है।
इस काल में रोग शमन और मुक्ति के लिए पंचकर्म चिकित्सा वमन कर्म, जो निष्णात चिकित्सक की देखरेख में किया जाना चाहिए से नई, पुरानी एसिडिटी, जलन और उर्द्वजत्रुगत (शरीर के उपरी भागों में होने वाले) रोगों जेसे श्वासकासप्रमेहपांडु रोग (एनीमिया)मुख रोगआदि कई रोगों में वमन कर्म द्वारा रोगी का रोग समूल ठीक किया जा सकता है|
वसंत ऋतु में सूर्योदय के समय उठकर योगासन करना एवं मालिश एवं जलनेति, नस्य एवं कुंजल आदि प्रक्रियाएं करना लाभकारी होता है|  
प्रातःकालीन भ्रमण, व्यायाम, उबटन और आंखों में अंजन का प्रयोग भी हितकर है।
अपथ्य (हानिकारक) आहार-विहार
नया अन्न, ठण्डे एवं चिकनाई युक्त, भारी, खट्टे एवं मीठे आहार द्रव्य, दही, उड़द, आलू, प्याज, गन्ना, नया गुड़, भैंस का दूध एवं सिंघाड़े का सेवन अहितकर है।
दिन में सोना, अधिक समय सतत बैठना अहितकर है।
मधु (शहद) के साथ हरड़ का प्रयोग पेट के सभी रोगों के इस मोसम में करना लाभकारी होता है| साथ ही प्रात प्रतिदिन खाली पेट नीम की 10-12 पत्तियां (कोंपल) चबा कर या गोली बना कर खाने से सुन्दरता प्रप्ति के साथ ही, त्वचा, खाज-खुजली जैसे रोग से मुक्त होते हें, और वर्ष भर के लिए हम रोग प्रतिकारक क्षमता उत्पन्न कर सकते हें|   
 साथ ही शरीर में  आदि की समस्या भी ठीक हो जायेगी।

डॉ मधु सूदन व्यास MIG 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र (९४२५३७९१०२)
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 समस्त चिकित्सकीय सलाह, रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान (शिक्षण) उद्देश्य से है| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें| इसका प्रकाशन जन हित में किया जा रहा है।

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चिकित्सा सेवा अथवा व्यवसाय?

स्वास्थ है हमारा अधिकार १

हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|

निशुल्क परामर्श

जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

चिकित्सक सहयोगी बने:
- हमारे यहाँ देश भर से रोगी चिकित्सा परामर्श हेतु आते हैं,या परामर्श करते हें, सभी का उज्जैन आना अक्सर धन, समय आदि कारणों से संभव नहीं हो पाता, एसी स्थिति में आप हमारे सहयोगी बन सकते हें| यदि आप पंजीकृत आयुर्वेद स्नातक (न्यूनतम) हें! आप पंचकर्म चिकित्सा में रूचि रखते हैं, ओर प्रारम्भ करना चाह्ते हैं या सीखना चाह्ते हैं, तो सम्पर्क करेंं। आप पंचकर्म केंद्र अथवा पंचकर्म और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे अर्श- क्षार सूत्र, रक्त मोक्षण, अग्निकर्म, वमन, विरेचन, बस्ती, या शिरोधारा जैसे विशिष्ट स्नेहनादी माध्यम से चिकित्सा कार्य करते हें, तो आप संपर्क कर सकते हें| सम्पर्क समय- 02 PM to 5 PM, Monday to Saturday- 9425379102/ mail- healthforalldrvyas@gmail.com केवल एलोपेथिक चिकित्सा कार्य करने वाले चिकित्सक सम्पर्क न करें|

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